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देश में विदेशी सैलानियों की सुरक्षा का सवाल

अतुल्य भारत में असुरक्षित विदेशी पर्यटक?
प्रभुनाथ शुक्ल - 2017-11-02 09:56 UTC
भारत भूमि पर्यटन के लिहाज से अतुल्य है। यहाँ लाखों की संख्या में विदेशी सैलानी भारत दर्शन करने आते हैं। सैलानी यहाँ से देवभूमि, प्रकृति सौंदर्य और अनूठी सांस्कृतिक विरासत की सुखद अनुभूति साथ लेकर स्वदेश लौटते हैं। भारत आने वाले देशी - विदेशी पर्यटक न सिर्फ मौजमस्ती के लिए आते हैं बल्कि यहाँ से देश की गौरवमयी संस्कृति और सभ्यता की खोज और तथ्यात्मक जानकारी जुटाने भी आते हैं। इस तरह के विदेशी मेहमानों की तादात भी काफी है जो एक बार भारत आने के बाद, फिर यहाँ के होकर रह जाते हैं। इसके अलावा भौतिक जिंदगी की उलझनों से ऊब कर भी लोग यहाँ वाराणसी , हरिद्वार, उत्तराखण्ड आदि में शांति की तलाश में आते हैं । पर्यटन देश की आर्थिक स्थिति की अहम कड़ी है । विदेशी सैलानियों से जहाँ देश की आय बढ़ती हैं , वहीँ जीडीपी में इसका बड़ा योगदान होता है । सैलानियों के लिए स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर की हालत आतंकवाद की वजह से खराब है । यहाँ विदेशी पर्यटक जाने से घबराते हैं जिसकी वजह से हमें भारी आर्थिक नुकसान उठना पड़ा है । कई राज्यों में नक्सल समस्या से भी स्थिति विकट है ।

गुजरात चुनाव तय करेंगे आगामी लोकसभा चुनाव की तस्वीर

देश की जनता विकास के साथ अमन चैन भी चाहती है
भरत मिश्र प्राची - 2017-11-01 11:00 UTC
देश में शीघ्र ही दो राज्य गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने जा रहे है। इन दोनों राज्यों में विशेष रूप से गुजरात विधान सभा चुनाव पर देश भर की नजरें टिकी हुई है। गुजरात भाजपा नेतृृत्व में बनी केन्द्र सराकर के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गृृह प्रदेश है जहां सर्वाधिक मुख्यमंत्री का काल भी इनका व्यतीत हुआ है। भाजपा को लोकसभा में सर्वाधिक मत दिलाने का श्रेय भी नरेन्द्र मोदी को ही जाता है। गत गुजरात विधानसभा चुनाव में विकास के नाम सर्वाधिक जनमत नरेन्द्र मोदी के नेतृृत्व में भाजपा को ही मिला । इस परिदृृश्य ने नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में लाकर खड़ा कर दिया ।

क्या कश्मीर में स्वायत्तता को लेकर विवाद है?

पी चिदंबरम का अजीबोगरीब बयान
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-11-01 10:57 UTC
कश्मीर समस्या एक बार फिर अपने अनेक आयामों के साथ राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया है। वहां की हिंसक घटनाएं तो पहले की तरह ही जारी हैं और सुरक्षा बलों द्वारा वहां के उपद्रवी तत्वों का दबाने का प्रयास भी जारी है। इस बीच केन्द्र सरकार ने एक वार्ताकार भी तय कर दिया है, जो कश्मीर के लोगों से मिलकर वहां की समस्याओं के बारे में जानेंगे और घावों पर मरहम लगाने का काम करेंगे। इन सबके साथ साथ संविधान की धारा 35(ए) पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का समय भी नजदीक आ गया है।

कश्मीर पर केंद्र की समझदारी विकसित होने का संकेत

घाटी के लोगों को सूबे की साझा सरकार पर कतई भरोसा नहीं
अनिल जैन - 2017-10-30 11:09 UTC
जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार ने दुविधा के घेरे तथा अपने ‘सैन्यवादी’ सोच के दायरे से बाहर निकलकर आखिरकार संवाद करने का फैसला किया है। इस सिलसिले में उसने खुफिया ब्यूरो के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा को अपना प्रतिनिधि चुना है। केंद्र सरकार के ये नए वार्ताकार कई दशकों से अलगाववाद और आतंकवाद की आग में झुलस रहे इस सूबे के विभिन्न क्षेत्रों, तबकों और संगठनों से बातचीत करके उनकी शिकायतों और अपेक्षाओं को समझने की कोशिश करेंगे। अच्छी बात यह भी है कि बातचीत का कोई दायरा तय नहीं किया गया है। नए वार्ताकार के नाम का एलान करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हालांकि यह साफ नहीं किया कि बातचीत की प्रक्रिया में हुर्रियत के नुमाइंदों को शामिल किया जाएगा या नहीं, लेकिन यह जरूर कहा है कि दिनेश्वर शर्मा को पूरी आजादी होगी कि वे चाहे जिससे बात करे।

मंत्री टाॅमस चांडी के इस्तीफे की मांग

मुख्यमंत्री भारी दबाव में
पी श्रीकुमारन - 2017-10-30 11:07 UTC
तिरुअनंतपुरमः प्रदेश का राजनैतिक तापमान काफी ऊंचा हो गया है, क्योंकि विपक्ष परिवहन मंत्री टाॅमस चांडी के इस्तीफे पर अड़ गया है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री दबाव से बचने के लिए मामले को टालने की कोशिश कर रहे हैं। टालने के लिए उन्होंने कानूनी सलाह लेने की बात की है।

भाजपा का झाड़ू प्रेम

झाड़ू प्रेम के लिए जनता वोट नहीं देती
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-10-30 11:03 UTC
सत्ता में आए भाजपा नेताओं का झाड़ू प्रेम भी गजब का है। इस प्रेम का ताजा प्रदर्शन एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने किया। पहले ताजमहल पर उनकी पार्टी के लोगों ने एक विवाद खड़ा किया। उनकी पार्टी के एक विधायक ने ताजमहल को ढहा देने की अपील कर दी और कहा कि भारतीय धरोहरों में इसे शामिल नहीं किया जा सकता। उसके पहले योगी की सरकार ने ही पर्यटन स्थल की एक बुकलेट में ताजमहल को शामिल नहीं किया, जबकि ताजमहल भारत में पर्यटकों के आकर्षण का सबसे बड़ा केन्द्र है और साल भर में सबसे ज्यादा देशी और विदेशी पर्यटक वहीं जाते हैं।

उत्तर प्रदेश में सत्ता के अनेक केन्द्र

मुख्यमंत्री की हिन्दुत्व के पोस्टर बाॅय बनने की मजबूरी का राज
प्रदीप कपूर - 2017-10-26 11:30 UTC
लखनऊः उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था की हालत लगातार खराब होती जा रही है और योगी की सरकार एक सक्षम प्रशासन देने मे विफल हो रही है। अच्छा प्रशासन देने के अपने दायित्व मे विफल योगी आदित्यनाथ ने अपने लिए एक नई भूमिका अपना ली है और वह है हिन्दुत्व के पोस्टर बाॅय में आने की भूमिका। लेकिन इसके कारण प्रदेश की स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही है।

क्या साथ साथ चुनाव का समय आ गया है?

मोदी के इस एजेंडे के सामने अनेक समस्याएं हैं
कल्याणी शंकर - 2017-10-25 11:49 UTC
लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ करवाने का मसला एक बार फिर सामने आया है। इस बार निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह साथ साथ चुनाव करवाने के लिए तैयार है, बशर्ते कि सभी पार्टियों को इसके लिए तैयार किया जाय। निर्वाचन आयुक्त ओ पी रावत ने कहा है कि निर्वाचन आयोग की हमेशा यह राय रही है कि साथ साथ चुनाव कराने से सरकार के पास नीतियां बनाने और उनपर अमल के लिए पर्याप्त समय रहेगा। इसके कारण बीच बीच में आदर्श चुनाव संहिता के अमल मे आने से होने वाले ठहराव पर रोक लगेगी।

गुजरात चुनाव में मनोवैज्ञानिक युद्ध

पहले दौर में मात खा गई भाजपा
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-10-24 11:16 UTC
कुछ समय पहले तक माना जा रहा था कि गुजरात विधानसभा चुनाव जीतना भारतीय जनता पार्टी के लिए वाएं हाथ का खेल साबित होगा, क्योंकि इसी राज्य के दो नेता पूरे देश भर में भाजपा को जीत दिलवा रहे हैं। लेकिन अब यह धारणा बदल चुकी है। वैसे यह तो नहीं कहा जा सकता कि भाजपा वहां चुनाव हार ही जाएगी, लेकिन यह तो कहा ही जा सकता है कि उसके लिए गुजरात चुनाव जीतना कोई आसान काम नहीं होगा और वहां वह उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के चुनावी नतीजों को दुहरा नहीं पाएगी।

गुरुदासपुर की जीत ने बढ़ाई भाजपा की चिंता

भाजपा के लिए यह चिंतन का वक्त है
प्रभुनाथ शुक्ल - 2017-10-23 11:17 UTC
पंजाब की गुरदासपुर संसदीय उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है, जमीनी सच्चाई यह है कि इतनी बड़ी कामयाबी की उम्मीद खुद काँग्रेस और कैप्टन अमरिंदर सिंह की टीम को भी नहीँ रहीं होगी। इस सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी। इस पर चार बार सांसद रहे विनोद खन्ना के अप्रैल में निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी। यहाँ से सिने अभिनेता से राजनेता बने खन्ना लगातर जीतते आ रहे थे। लेकिन इस बार भाजपा की पराजय कई सवाल खड़े करती है। गुरुदासपुर में काँग्रेस को मिली बड़ी जीत से पार्टी को एक नई उम्मीद बँधी है। इससे यह साबित हो गया है कि मोदी की सुनामी अब थम रहीं और काँग्रेस बुरे दौर से निकल कर अच्छे दिनों की तरफ कदम बढ़ा रहीं है। अब तक राहुल गाँधी की चुटकी लेनेवाली भाजपा की आँख खुली है।