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रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या

विश्व समुदाय को इसे हल करना चाहिए
एल.एस. हरदेनिया - 2017-09-18 12:46 UTC
म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों के निष्कासन ने अनेक महत्वपूर्ण प्रश्नों को जन्म दिया है। इस संदर्भ में सबसे बड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि किसी देश की सरकार मनमाने ढंग से यदि वहां बरसों से बसे नागरिकों को देश निकाला कर दे तो वे कहां जाएं?

औषधि के रूप में गोमूत्रः हकीकत या अफसाना?

डाॅक्टर अरुण मित्र - 2017-09-16 10:00 UTC
मनुष्य द्वारा गोमूत्र पीने के फायदों की चर्चा सदियों से होती रही है, लेकिन पिछले तीन साल जब से नरेन्द्र मोदी की सरकार केन्द्र में बनी है, इस पर चर्चा कई गुना ज्यादा हो गई है। हम जिस भी चीज को खाएं या पीएं उसके बारे में हमें पूरी तरह निश्चिंत हो जाना चाहिए कि उससे कोई नुकसान नहीं है और यदि किसी चीज को औषधि बताई जा रही हो, तो उसके बारे में भी पूरी तरह से सबूत प्राप्त कर लेनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने जनआंदोलन की योजना बनाई

जमीनी स्तर पर विश्वास पैदा करने की कोशिश
प्रदीप कपूर - 2017-09-15 13:06 UTC
लखनऊः प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कांग्रेस में फिर से आत्मविश्वास पैदा करने के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है। इसके तहत प्रदेश भर में राजनैतिक अभियान छेड़कर लोगों की समस्यााओं के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।

क्या भाजपा से दूर हो रही है दिल्ली?

विश्वविद्यालय छात्रसंघों के चुनावी नतीजे मोदी के लिए अशुभ
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-09-14 11:57 UTC
लगता है दिल्ली भारतीय जनता पार्टी से दूर होती जा रही है। पहले बवाना विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। वहां भाजपा ने दलबदल कराकर आम आदमी पार्टी के एक विधायक को पार्टी में मिला लिया था और उसे ही अपना उम्मीदवार भी बनाया था। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में शानदार विजय प्राप्त करने के बाद भाजपा को वहां जीत बहुत आसान लग रही थी। कुछ दिन पहले ही हुए नगर निगम के चुनाव में बवाना विधानसभा क्षेत्र के पड़ने वाले 6 वार्डों में भाजपा को 4 में जीत हासिल हुई थी, लेकिन विधानसभा के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी न केवल हार गई, बल्कि मतगणना समाप्त होने के कुछ पहले तक कांग्रेस उम्मीदवार से भी पिछड़ते हुए तीसरे स्थान पर आती दिख रही थी और जीत के लिए नहीं, बल्कि किसी तरह दूसरे स्थान पर आने के लिए भाजपा के समर्थक मनौती मांग रहे थे। बहरहाल, मतगणना समाप्त होने तक वे दूसरे स्थान पर आ गए।

भाजपा ने कैबिनेट विस्तार में अपने सहयोगियों को बाहर रखा

राजग सहयोगी सलाह मशविरा से बाहर रखे जाते हैं
कल्याणी शंकर - 2017-09-14 11:54 UTC
मोदी मंत्रिमंडल के ताजा विस्तार में एक महिला को रक्षा मंत्री बनाए जाने की बात तो खूब हो रही है, लेकि इस बात पर चर्चा नहीं हो रही है कि इस बार के विस्तार में राजग सहयोगियों को पूरी तरह बाहर रखा गया है। गौरतलब हो कि राजग में भाजपा सहित कुल 32 पार्टियां शिरकत कर रही हैं और उनमे सभी को मंत्रिपरिषद में स्थान नहीं मिल पाया है।

जरूरी है रोहिंग्या समस्या का समाघान

विश्व समुदाय को कुछ न कुछ करना होगा
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-09-12 12:36 UTC
रोहिंग्या मुसलमानों का मसला अब भारत के लिए भी सिरदर्द साबित होने लगा है। यहां भी करीब 40 हजार रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं और उनको यहां से निकाले जाने को लेकर राजनीति हो रही है। हिन्दू संगठन उन्हें यहां से बाहर करने की मांग कर रहे है, तो मुस्लिम संगठन उन्हे शरण देने की फरियाद कर रहे हैं। मामला कोर्ट तक में पहुंच चुका है और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक इस मामले मे कूद चुका है। कहा जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रावधानों के तहत भारत उन शरणार्थियों को यहां से जबर्दस्ती मरने के लिए बाहर नहीं भेज सकता।

यौन हिंसा का शिकार बनते मासूम

फिर तो नपुंसक बना डालिए...?
प्रभुनाथ शुक्ल - 2017-09-11 13:13 UTC
देश का सामाजिक भविष्य खतरे में हैं। जिस पीढ़ी पर हमारा भविष्य टिका है, वह तमाम असामाजिक विकृतियों और यौनिक हिंसा की शिकार हो रही है। उसका भविष्य सुरक्षित नहीं है। वह घर में हो या अपने किसी करीबी की गोद में या फिर स्कूल में हर जगह असुरक्षित है। बीमार समाज की विकृत मानसिकता कई सवाल खड़े करती है। जिसकी वजह है कि गुड और बैड टच की बात सामने आने लगी है। इस तरह की व्यवहारिक ज्ञान भी मासूमों को दिया जाने लगा है। मासूमों के प्रति यौन हिंसा रोकने के लिए पास्कों जैसा एक्ट भी बेमतलब साबित हो रहा है। समाज नैतिक पतन की पराकाष्ठा लांघ रहा है। हरियाणा में एक के बाद एक घटनाएं खट्टर सरकार की नाकामी को बंया करती हैं। कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य की हाईकोर्ट भी कटघरे में खड़ी कर चुकी है।

विदेशी भाषा अंग्रेजी को आज भी अहमियत क्यों?

हम हिन्दी दिवस के दिन ही हिंदीमय होते हैं
डाॅ. भरत मिश्र प्राची - 2017-09-11 13:11 UTC
हर देश की अपनी एक भाषा होती है । जिसे राष्ट्रभाषा कहा जाता है। यह राष्ट्र की आत्मा होती है। जिसमें पूरा देश संवाद करता है। जिससे राष्ट्र की पहचान होती है । राष्ट्रभाषा से ही किसी देश की पहचान होती है। जो देश की अस्मिता होती है। यहीं भाषा ही देश को एक सूत्र में पिरोती है। जिस देश की अपनी भाषा नहीं, वह अपनी पहचान बनाने में सदा ही विफल रहा है। जिस देश पर शासन करना हो , उस देश की भाषा को पहले नष्ट करपे की परम्परा हर जगह देखी जा सकती है । इसका इतिहास गवाह है कि विश्व के अनेक देश जो अपनी भाषा कायम नहीं कर पाये है आज भी स्वतंत्र होकर गुलामी की जिंदगी जी रहे है, जिनका अस्तित्व सदा खतरे में रहता है।

गौरी लंकेश की हत्या और आरएसएस

संघ के लोगों की टिप्पणियां निंदनीय
एल.एस. हरदेनिया - 2017-09-11 13:08 UTC
‘‘गौरी लंकेश यदि आरएसएस की आलोचना नहीं करती तो वे आज ज़िदा रहती’’, ये शब्द हैं कर्नाटक के भाजपा विधायक के जो उन्होंने गौरी की मृत्यु के दो दिन बाद कहे। इस तरह की बात कहकर भाजपा विधायक ने एक स्पष्ट संदेश दे दिया है कि जो भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना करेगा उसका हश्र वही होगा जो गौरी लंकेश का हुआ है।

निर्यात और निर्यातकों की परीक्षा की घड़ी

जीएसटी ने उड़ा रखी है उनकी नींद
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-09-08 12:14 UTC
देश की आर्थिक विकास दर में मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में भारी गिरावट के बीच निर्यात के आंकड़े भी हमारे देश के लिए परेशानी पैदा करने वाले हैं। डाॅलर में यदि निर्यात की वृद्धि को हम देखें, तो यह विकास दर करीब 3 फीसदी रही, जो पड़ोसी बांग्लादेश की 26 फीसदी विकास दर की तुलना में बहुत ही कम है और यदि इस विकास दर को भारतीय मुद्रा रुपये में देखें, तो निर्यात राजस्व में गिरावट ही हो गई है। यानी रुपये की ईकाई में जुलाई महीने में विकास दर नकारात्मक हो गई है।