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आरएसएस का आरक्षण राग

उत्तर प्रदेश में अब बिहार दुहराया जाएगा
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-01-21 10:59
आरएसएस ने बार फिर वही किया है, जो उसने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले किया था। उस समय संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा की ही बात कर दी थी। संघ भारतीय जनता पार्टी का दिशा निर्देशक संगठन माना जाता है। इसलिए यह संदेश गया कि मोदी सरकार के तहत आरक्षण को खतरा है। इसका भरपूर फायदा बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार ने उठाया। जब संघ प्रमुख ने वह बयान दिया था, उस समय बिहार में भारतीय जनता पार्टी अपने विरोधियों पर भारी पड़ रही थी। लालू के समर्थक यादव यह पचा नहीं पा रहे थे कि जिस नीतीश के राज में उनके साथ भेदभाव हुआ, उन्हें ही लालू ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार बना दिया है। उधर जीतन राम मांझी के साथ नीतीश द्वारा किए गए दुव्र्यहार के कारण और उसके पहले दलितों को दलित और महादलित में विभाजित करने के कारण दलितों में भी नीतीश को लेकर खासी नाराजगी थी। पूरा माहौल भाजपा के पक्ष में था। लालू अपने यादव समर्थकों के मतों को नीतीश के पक्ष में स्थानांतरण कराने में सफल नहीं हो पा रहे थे।

बिहार की नाव दुर्घटना

इसके लिए नीतीश ही जिम्मेदार हैं
अरुण श्रीवास्तव - 2017-01-20 11:41
बिहार की नाव दुर्घटना से एक बार फिर पता चलता है कि सरकारें सार्वजनिक परिवहन को लेकर कितनी लापरवाही बरत रही है। वह दुर्घटना बिहार सरकार के कुशासन की सबूत है। इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रशासन पर से अपना नियंत्रण खो चुके हैं।

पांच करोड़ रोजगार पैदा करने का था वादा

पर यहां तो रोजगार वाले भी हो गए बेरोजगार
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-01-19 10:59
आगामी एक फरवरी को केन्द्रीय बजट पेश कर वित्तमंत्री दो नया इतिहास बनाएंगे। पहला इतिहास को यह होगा कि आजादी के बाद पहली बार भारत सरकार अपने रेल बजट को अपने आमबजट के साथ ही पेश करेगी। दूसरा इतिहास पहली बार एक फरवरी को बजट पेश किया जाना होगा। गौरतलब है कि अब तब बजट को फरवरी के अंतिम दिन पेश किए जाने की परंपरा रही है।

ओबामा काल में भारत अमेरिकी संबंध के स्वर्णिम साल

क्या ट्रंप सिलसिले को तोड़ देंगे?
कल्याणी शंकर - 2017-01-18 11:14
पिछले मंगलवार को ओबामा ने अपने 8 साल के कार्यकाल को पूरा करने के बाद एक भाव विह्वल भाषण दिया। 8 साल पहले जब वे राष्ट्रपति के पद पर बैठे थे, तो उनके अपने देश और भारत समेत दुनिया के अन्य देशों की उनसे अनेक अपेक्षाएं थीं। अब जब वे अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं तो यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत की अपेक्षाओं पर उनका कार्यकाल कितना खरा उतरा।

अखिलेश को मिली साइकिल, मुलायम के पास सीमित विकल्प

उपेन्द्र प्रसाद - 2017-01-17 12:27
अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष मानते हुए भारत के निर्वाचन आयोग का दिया गया फैसला अभूतपूर्व है, लेकिन अप्रत्याशित नहीं। यह अभूतपूर्व है, क्योंकि पहले जब भी किसी पार्टी में विभाजन हुआ है, आयोग का अंतिम फैसला इतना जल्दी कभी नहीं आया है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का दो बार विभाजन हुआ। दोनों बार विभाजित गुटों को नये चुनाव चिन्ह अंतरिम व्यवस्था के तहत दिए गए। कांग्रेस का चुनाव चिन्ह बैलों की जोड़ी और एक पीछे कंधे पर हल उठाया हुआ किसान हुआ करता था। जब 1969 में उसमें विभाजन हुआ, तो एक गुट को चरखा चुनाव चिन्ह मिला तो दूसरे गुट, जिसकी नेता इन्दिरा गांधी थी, को गाय और बछड़ा। बाद में निर्वाचन आयोग ने इन्दिरा गांधी वाली कांग्रेस को ही कांग्रेस माना, लेकिन उन्होंने अपना नया सिंबल गाय और बछड़ा बरकरार रखना ही उचित समझा।

उत्तर प्रदेश में मुख्य मुकाबला अखिलेश और मोदी के बीच

सपा के विभाजन ने भाजपा को अपनी रणनीति बदलने को बाध्य किया
हरिहर स्वरूप - 2017-01-16 12:02
उत्तर प्रदेश की पिछले दिनों की घटनाओं ने भारतीय जनता पार्टी को अब मुख्य धुरी के रूप में खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के लिए यह एक ऐसा चुनाव है, जिसे वह किसी भी कीमत पर हारना नहीं चाहेगी। उसकी हार का मतलब होगा कि लोगों ने नोटबंदी को नकार दिया है। यदि ऐसा हुआ तो आने वाले सभी चुनावों में भाजपा की जीत कठिन हो जाएगी, क्योंकि उत्तर प्रदेश द्वारा नोटबंदी को नकारने का मतलब है देश द्वारा इसे नकार दिया जाना और आने वाले चुनावों में भी नोटबंदी भाजपा की जीत को दुष्कर बना सकती है।

बीएसएफ जवान का विडियो

शिकायत सुनने की आंतरिक व्यवस्था होनी चाहिए
देवसागर सिंह - 2017-01-15 05:19
सीमा सुरक्षा बल के जवान तेज बहादुर यादव की शिकायत कि सीमा पर जवानों को ढंग का खाना नहीं खिलाया जा रहा है, को हल्केपन से नहीं लिया जाना चाहिए। गृहमंत्रालय द्वारा कराई गई विभागीय जांच काफी नहीं है। इसका कारण यह है कि शिकायत में यह भी कहा गया है कि जवानों के लिए उपलब्ध राशन को काले बाजार में अवैध रूप से बेचा भी जा रहा है।

पंजाब चुनाव में केजरीवाल

क्या वे वहां का मुख्यमंत्री बन सकते हैं?
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-01-13 11:47
दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि पंजाब के लोग यह मानकर मतदान कर सकते हैं कि यदि उनकी आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है, तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल होंगे। उन्होंने यह बात ’अगर मगर’ के लहजे में की थी, लेकिन उसके बाद राजनैतिक तूफान खड़ा होने लगा और अकाली दल के नेता ही नहीं बल्कि दिल्ली की राजनीति करने वाले भाजपा नेता भी इस पर कड़ी टिप्पणी करने लगे। केजरीवाल मूल रूप से हरियाणा के हैं और पंजाब हरियणा में लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसलिए अकाली नेताओं को मौका मिल गया और उन्होंने केजरीवाल के हरियाणा मूल की दुहाई देकर पंजाब के लोगो को सतर्क करना शरू कर दिया। और इधर दिल्ली में भाजपा विधायक दल के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल पर दिल्ली से भागने की कोशिश करने का आरोप लगाना शुरू किया।

मोदी का कंधा, विकास का झंडा और हिंदुत्व का एजेंडा

पर क्या उत्तर प्रदेश में भाजपा जीत पाएगी?
अनिल जैन - 2017-01-12 10:11
हर तरफ से देश की आर्थिक दुर्गति की गूंज के बीच दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक संपन्न हो गई। पूरे ताम-झाम और सज-धज के साथ हुई इस बैठक के मंच पर भाजपा के व्यक्ति-आधारित पार्टी में रूपांतरण को चरितार्थ करते काया और छाया के प्रतिरूप नरेंद्र मोदी और अमित शाह का पूरा दबदबा। भ्रष्टाचार और काले धन से लडने के नाम पर की गई नोटबंदी से हैरान परेशान आम लोगों की चीख-चीत्कार से बेखबर दिल्ली के सांउडप्रूफ सभागार में पूरे दो दिन तक मौजूदा स्थिति के निर्माता और प्रतीक-पुरूष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तरह-तरह से स्तुतिगान हुआ।

पंजाब में कांग्रेस और आप में मुख्य मुकाबला

अकाली-भाजपा सफाए की ओर
कल्याणी शंकर - 2017-01-11 11:29
पांच राज्यों के होने वाले चुनाव मे उत्तर प्रदेश के बाद पंजाब ऐसा दूसरा राज्य है, जिसपर लोगों की नजरे टिकी हुई हैं। अभी तक जो ओपिनियन पोल आए हैं, उनके नतीजे मिश्रित हैं। इंडिया टुडे चैनल में आए सर्वे नतीजे कांग्रेस के पक्ष में हैं। उसके अनुसार कांग्रेस को 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 56 से 62 सीटें आ सकती हैं। आम आदमी पार्टी को दूसरी बड़ी पार्टी बताया जा रहा है। उसके अनुसार उसे 36 से 41 सीटें हासिल हो सकती हैं। अकाली दल भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को 18 से 22 सीटें मिलने का अनुमान वह सर्वे दे रहा है। बहुजन समाज पार्टी, जिसका असर दलित वोटों पर है 1 से 4 सीटें पा सकती हैं।