क्या नए राष्ट्रपति निभा पाएंगे भारतीय संघ के मुखिया की जिम्मेदारी?
के आर नारायणन होने चाहिए राष्ट्रपतियों के रोल माॅडल
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2017-06-24 11:59 UTC
वास्तव में, भारत के राष्ट्रपति का दायित्व एक संघीय गणराज्य के संवैधानिक मुखिया के रूप में काम करने का होता है। इस पद की कल्पना करते हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने जो अपेक्षाएं इस पद से की थीं वे मूलतः यही थीं कि इस पद पर बैठा व्यक्ति भारतीय संघ को बाहर या भीतर से आ रही चुनौतियों से निबटने में राष्ट्र का नेतृत्व करे। यही वजह है कि उसे कई विशेषाधिकार दिए गए जिसका वह असामान्य और आपात स्थिति में इस्तेमाल कर सके। अगर ध्यान से देखें तो राष्ट्पति को कैबिनेट के निर्णयों पर खामोशी से दस्तखत करने वाला पदाधिकारी बनाने का संविधान का कोई इरादा नही है। इसके बदले यह उसे ऐसा पदाधिकारी बनाना चाहता है जो भारतीय गणराज्य के संघीय चरित्र की रक्षा करे।