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नेपाल के माओवादी गुटबाजी में उलझे

प्रचंड के गुट के दबाव में भट्टराई
शंकर रे - 2011-11-17 12:14
कोलकाताः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़े नेपाल के प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के लिए मौजूदा पद फूलों की सेज लेकर नहीं आया है, बल्कि कांटों का ताज बनकर आया है। नेपाल की उनकी माओवादी पार्टी में गुटबाजी बढ़ गई है और सिर्फ गुटबाजी ही नहीं, बल्कि पार्टी के एक नेता बालकृष्ण धुंगल की माफी का मामला भी उनके गले की हड्डी बन गया है। गौरतलब है कि श्री धुंगल संविधान सभा के सदस्य भी हैं और उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सुनाए अपने फैसले में 2004 में उज्जन श्रेष्ठ की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

ओबामा के लिए मुश्किलों भरा दिन

अर्थसंकट मुख्य चुनौती है
कल्याणी शंकर - 2011-11-11 12:56
वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए 2012 में चुनाव होना है। सवाल पूछा जा रहा है कि क्या राष्ट्रपति बराक ओबामा एक बार फिर चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बन पाएंगे? इतिहास तो यही कहता है कि आर्थिक मंदी से निजात न दिलाने वाला राष्ट्रपति हमेशा चुनाव हारता रहा है। पर क्या ओबामा उस इतिहास को झुठलाते हुए एक नया इतिहास बना पाएंगे?

भारत के मसले पर नेपाली माओवादी दो फाड़

भट्टराई पर कट्टरवादियों का हमला
शंकर रे - 2011-11-08 13:03
कोलकाताः पिछले 3 नवंबर को यूनाइटेड सीपीएन (माओवादी) की केन्द्रीय समिति की बैठक अफरातफरी में आयोजित की गई थी। उस बैठक में नेपाली माओवादियों का विभाजन साफ नजर आया। पार्टी के वाइस चेयरमैन मोहन वैद्य ने अपने 10 बिंदुओं को विरोधपत्र जारी किया। चेयरमैन पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी में मतभेद अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया है। बैठक के एक रोज पहले वाइस चेयरमैन मोहन वैद्य उर्फ किरणजी ने पार्टी द्वारा नेपाल की अन्य पार्टियों के साथ सात सूत्री शांति समझौते का विरोध किया था। उस समझौते का एक महत्वपर्ण बिंदु है माओवादियों की जन मुक्ति सेना का नेपाल की सेना में विलय।

राष्ट्रमंडल सम्मेलन को विफल मानना उचित नहीं

पर्थ में मिले हैं इसके भविष्य के लिए कुछ सार्थक संकेत
अवधेश कुमार - 2011-11-03 13:01
राष्ट्रमंडल देशों के पर्थ में आयोजित सरकार प्रमुखों के 22 वें शिखर सम्मेलन के अंत में जब मेजबान अध्यक्ष ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जुलिया गिलार्ड परंपरागत पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करने आईं तो उन्हें उठने वाले प्रश्नों का आभास था। वस्तुतः सम्मेलन के पूर्व से ही इस बात पर व्यापक बहस आरंभ हो चुकी थी कि सदस्य देशों के मुखिया सुधारों की दिशा में आगे बढ़ते हैं या नहीं और बढ़ते हैं तो कितना। सम्मेलन के एजेंडे में सुधार सबसे ऊपर था।

कियानी ने अमेरिका को नाभिकीय ताकत का भय दिखाया

पाकिस्तान के पास अब विकल्प ही क्या रह गया है?
अवधेश कुमार - 2011-10-24 12:14
पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल परवेज अशफाक कियानी का जो मंतव्य सामने आया है उससे पूरी दुनिया में सनसनी फैलना स्वाभाविक है। सबसे पहले तो पाकिस्तान कभी अमेरिका को ऐसी सख्त चेतावनी देगा इसकी सहसा कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। किंतु यहां जनरल कियानी की भंगिमा केवल चेतावनी तक सीमित नहीं है। द्वितीय विश्वयुद्धोत्तर काल में उत्तर कोरिया के बाद दूसरी बार किसी देश ने नाभिकीय अस्त्र की धौंस दिखाई है।

खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नियंत्रण- वक्‍त की मांग

डॉ. जगदीप सक्सेना/शिव शंकर शर्मा - 2011-10-16 17:55
दुनियाभर में खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे कईं विकासशील देशों के गरीब लोगों के सामने जीवनयापन का संकट पैदा गया है। इस संकट ने कई देशों में राजनीतिक अस्थिरता पैदा की है। यदि दुनियाभर में स्थिरता को बनाए रखना है तो खाद्य पदार्थों की कीमतों पर काबू रखने की जरूरत है।

रिंडरपेस्ट रोग के अभिशाप से मुक्त हुआ संसार

डॉ. जगदीप सक्‍सेना/शिव शंकर शर्मा - 2011-10-07 18:03
दुनियाभर के पशुओं के लिए काल का सबब बने रिंडरपेस्ट रोग के अभिशाप से संसार हमेशा के लिए मुक्त हो गया है। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की ओर से इसकी अधिकारिक घोषणा कर दी गई है। हालांकि भारत में इस रोग का उन्मूलन 2006 में ही हो गया था मगर दुनिया के कईं देशों को इससे मुक्त होने में समय लगा। पशु प्लेग के नाम से जाना जाने वाला यह दुनिया का पहला ऐसा पशु रोग है जिसका पूरी तरह से उन्मूलन हो गया है।

तीस्ता मसले पर हसीना सरकार परेशानी में

बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने आंदोलन तेज किया
आशीष बिश्वास - 2011-09-17 06:59
कोलकाताः जैसी कि आशंका जाहिर की जा रही थी, तीस्ता जल बंटवारे के मसले पर बांग्लादेश की हसीना सरकार संकट में फंसती जा रही है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पिछली यात्रा के दौरान इस मसले पर बांग्लादेश के साथ भारत का समझौता नहीं हो पाया था।

तीस्ता प्रवाह में नहीं बही यात्रा

प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा ऐतिहासिक रही
अवधेश कुमार - 2011-09-13 13:40
भारत बांग्लादेश संबंधों का नाम लेते ही देष 40 वर्ष पूर्व 1971 के मुक्ति संग्राम की रोमांचक यादों में प्रवेश कर जाता है। रोमांसवादी भावनाएं उद्यात्त होती हुईं भी आज के दौर में समस्यामूलक हो चुकीं हैं। ये प्रायः रुखे यथार्थ की अनदेखी करके गुजर जातीं हैं और इसका खतरा यह है कि उपस्थित चुनौतियां जटिल हो जातीं हैं।
भारत

मनमोहन की बांग्लादेश यात्रा

तीस्ता विवाद में दबकर रह गया बांग्लादेश से हुआ एक बड़ा करार
नन्तु बनर्जी - 2011-09-10 10:15
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बांग्लादेश के दौरे से वापस लौट आए है। दौर के दौरान जो नहीं हुआ उसकी तो बहुत चर्चा है, लेकिन जो हुआ उसके बारे में लोग बातें तक नहीं कर रहे। यह भारत के राजनय की विफलता है। मानना पड़ेगा कि हमारा विदेश मंत्रालय बांग्लादेश के साथ हुए ताजा करार का राजनयिक फायदा लेने मे सफल नहीं रहा।