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भोपाल मुठभेड़ का रहस्य गहराया

अलग अलग के बयान पुलिस पर संदेह पैदा करते हैं
एल एस हरदेनिया - 2016-11-03 11:48 UTC
भोपालः एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान विपक्षी नेताओं पर हमला करते हुए कह रहे हैं कि उन्हें आतंकवादियो के लिए आंसू बहाते हुए शर्म नहीं आ रही है और दूसरी ओर जिन परिस्थितियों में आतंकवादी जेल से फरार हुए और जिस तरह से उनकी मौत हुई, उसने पुलिस की मुठभेड़ की कहानी पर संदेह पैदा कर दिए हैं।

टाटा समूह में घमसान

देश के सबसे बड़े औद्योगिक समूह की प्रतिष्ठा को धक्का
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-11-02 12:37 UTC
टाटा समूह में जो कुछ हो रहा है, वैसा अतीत में कभी भी नहीं हुआ था। जिस तरह से साइरस मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष पद से हटाया गया, वैसा पहले कभी नहीं किया गया था। इसके साथ यह भी सच है कि टाटा परिवार से बाहर का कोई भी व्यक्ति इस समूह का अध्यक्ष पहले नहीं बना था। जमशेदजी टाटा ने इस समूह की स्थापना 1868 में की थी। उनके दो बेटे थे- दोराबजी टाटा और रतनजी टाटा। जमशेदजी के बाद दोराबजी टाटा इस ग्रुप के प्रमुख बने थे। उनके छोटे भाई रतनजी टाटा की मौत उनसे पहले ही हो गई थी और दोनों भाइयों को कोई पुत्र नहीं था।

क्या राहुल गांधी केरल में सफल हो पाएंगे?

दोनों गुट उनकी योजना को विफल करने को कटिबद्ध हैं
पी श्रीकुमारन - 2016-11-01 11:40 UTC
तिरुअनंतपुरमः क्या कांग्रेस उपाध्यक्ष केरल में अपनी इच्छा के अनुसार पार्टी को चला पाएंगे? उन्होंने दक्षिण के इस प्रांत के लिए कुछ योजनाएं बना रखी हैं। क्या वे उन योजनाओं को अमली जामा पहना पाएंगे? यह सवाल प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं और कार्यकत्र्ताओं के दिमाग में तैर रहा है।

समाजवादी पार्टी पर नियंत्रण खो रहे हैं मुलायम

भारी पड़ रहे हैं अखिलेश
हरिहर स्वरूप - 2016-10-31 11:12 UTC
समाजवादी पार्टी का अंदरूनी कलह समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों पक्ष अपनी अपनी बात पर अड़े हैं और समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव रोज रोज अपना बयान बदलते हैं। इससे पता चलता है कि पार्टी के अंदर जबर्दस्त विभाजन है। इसके कारण अगले साल होने वाले चुनाव में पार्टी को जबर्दस्त झटका लगने वाला है।

एक बार फिर महागठबंधन की गूंज

किस हद तक संभव है यह?
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-10-29 10:08 UTC
एक बार फिर महागठबंधन की चर्चा जोरों पर है। पिछले साल जब बिहार में विधानसभा के चुनाव हो रहे थे, तो इसकी खूब चर्चा हुई थी। एक महागठबंधन बना भी था और उसकी जीत भी हो गई थी, हालांकि उस महागठबंधन में सिर्फ तीन पार्टियां ही शामिल थीं। दूसरी तरफ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में चार पार्टियां शामिल थी, फिर भी तीन पार्टियों के गठबंधन को ही महागठबंधन कहा गया। उसमें कुछ और पार्टियों को भी शामिल होना था, लेकिन वे शामिल नहीं हुईं। जैसे एनसीपी और समाजवादी पार्टी को भी शामिल होना था, लेकिन ये दोनों पार्टियां उसमें नहीं शामिल हुई थीं।

करुणानिधि ने स्टालिन को अपना वारिस घोषित किया

डीएमके ले रही है राहत की सांस
कल्याणी शंकर - 2016-10-28 11:27 UTC
भारत में वंशवाद की राजनीति लगातर मजबूत होती जा रही है। पार्टियों के नेता अपने परिवार के सदस्यों को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर रहे हैं। सोनिया गांधी तो खुद वंशवाद की पैदाइश हैं और उन्होंने राहुल गांधी को अपना वारिस अघोषित रूप से घोषित कर रखा है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, जो शिरोमणि अकाली दल के नेता हैं, अपना उत्तराधिकारी अपने बेटे सुखबीर बादल को घोषित कर चुके हैं।

बंगलुरु अदालत ने दिया चांडी को झटका

केरल कीं कांग्रेस में मचा हाहाकार
पी श्रीकुमारन - 2016-10-27 11:10 UTC
तिरुअनंतपुरमः सीपीएम के बाद अब कांग्रेस की बारी है। अब कांग्रेस केरल में एक तूफान का सामना कर रही है।

उत्तर प्रदेश का समाजवादी संकट

कब तक दो घोड़ों की सवारी करेंगे मुलायम?
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-10-26 13:09 UTC
मुलायम सिंह ने पिछले दिनों एक प्रेस सम्मेलन करके चार बातें स्पष्ट कर दीं। पहली बात तो यह थी कि वे अमर सिंह के साथ हैं और अखिलेश की मांग को मानते हुए वे अमर को पार्टी से नहीं निकालने वाले हैं। दूसरी बात उन्होंने यह कही कि वे अखिलेश के मुख्यमंत्री बने रहने के पक्षधर हैं, इसलिए वे शिवपाल की मांग को मानते हुए अखिलेश को हटाकर खुद इस समय मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले। तीसरी बात उन्होंने यह स्पष्ट की कि वे अपने बेटे और भाई की लड़ाई मे अपने भाई के साथ हैं। चैथी बात उन्होंने यह कही कि चुनाव बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला चुनाव के बाद ही किया जाएगा। इसका मतलब यह भी है कि चुनाव के पहले अखिलेश को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश नहीं किया जाएगा।

शिवसेना और मनसे हाशिए पर ही रहेंगे

उद्धव और राज समय से तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं
अमूल्य गांगुली - 2016-10-25 12:07 UTC
शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में महत्वाकांक्षा का अभाव साफ दिखाई देता है और यह अटपटा भी लगता है। उद्धव और राज के गुरू बाल ठाकरे ने विभाजनकारी राजनीति को अपना हथियार बनाया था और उसके द्वारा ही वे सत्ता हासिल करते थे। उन्हीं के विभाजन मंत्र को राज और उद्धव ने अपना रखा है और इसके कारण दोनों में से कोई भी महाराष्ट्र से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

भारत-पाक सीमा को पूरी तरह सील करना असंभव

राजनैतिक है गृहमंत्री का बयान
देवसागर सिंह - 2016-10-24 12:42 UTC
भारत और पाकिस्तान की सीमा 3323 किलोमीटर है और इसके अलावा 740 किलोमीटर नियंत्रण रेखा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों घोषणा की कि सीमा और नियंत्रण रेखा को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा, ताकि देश में आतंकवादी घुसपैठ नहीं कर सकें। राजनाथ सिंह का यह बयान सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आया है। जाहिर है इस बयान के राजनैतिक निहितार्थ हैं। वैसे अब तक की सभी सरकारों ने इस तरह की घोषणाएं समय समय पर की हैं।