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उफ! पेरियार के प्रदेश में यह कलंक-कथा

दलित पिछड़ी जातियों की हिंसा के शिकार हो रहे
अनिल जैन - 2016-03-28 13:08 UTC
आधुनिक भारत में तमिलनाडु को जाति-व्यवस्था और ब्राह्मणवाद विरोधी आंदोलन की आदिभूमि माना जाता है। वहां देश की आजादी के पहले और उसके बाद भी पेरियार रामास्वामी नायकर के नेतृत्व में बाल विवाह, देवदासी प्रथा, विधवा पुनर्विवाह विरोधी अवधारणा और दलितों व स्त्रियों के शोषण आदि सामाजिक बुराइयों के विरुध्द लंबे समय तक आंदोलन चले हैं। उसी तमिलनाडु के त्रिपुर में पिछले दिनों कथित सम्मान के नाम पर एक दलित युवक की दिनदहाडे सरेआम हत्या की घटना दहला देने वाली और सामाजिक विकास के लिहाज से गंभीर चिंता पैदा करने वाली है। इससे ज्यादा हैरानी और अफसोस की बात और क्या होगी कि जिस दौर में जाति की जड़ता तोड़ने को सामाजिक विकास के लिए एक जरुरी प्रक्रिया के तौर पर देखा जा रहा हो, उसमें किसी दलित युवक को इसलिए मार डाला जाए कि उसने प्रेम और विवाह में जाति के सवाल को परे कर दिया था।
भारत

रेलवे में सुधार : अधर में पड़ी हैं समिति की रपटें

एम.वाई. सिद्दीकी - 2016-03-28 13:03 UTC
पिछले कुछ वर्षों में रेलवे में ढांचागत से लेकर तकनीकी सुधार से संबंधित तैयार विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को लागू करने में आवश्यकता से ज्यादा देरी हो रही है। रेल मंत्रालय की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि ये रिपोर्ट बहुत पहले से ही रेलवे को सौंपे जा चुके हैं। इससे इन समितियों के संवैधानिक औचित्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। रेलवे में सुधार से संबंधित रिपोर्ट तैयार करने वाली समितियों में प्रमुख रूप से काकोदकर समिति, सैम पित्रोदा समिति, मित्तल समिति, श्रीधरण समिति और बिबेक देबरॉय समिति प्रमुख हैं। इन समितियों ने रेलवे को 2012 से लेकर 2015 तक अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी हैं। दूसरी ओर रेलवे के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इन समितियों की रपटों का परीक्षण का कार्य चल रहा है और इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया निकट भविष्य में प्रारंभ हो जाएगा।

धनबल, सत्ताबल और मठबल का अश्लील प्रदर्शन

शासक वर्ग धर्म का इस्तेमाल कर रहा है
अनिल जैन - 2016-03-26 10:07 UTC
अपने देश में धर्म-अध्यात्म का चोला ओढ़े बाबाओं के पीछे पगलाए लोगों की कमी नहीं है। ऐसे लोगों में अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे गरीब ही नहीं बल्कि उनसे भी ज्यादा अच्छे-खासे शिक्षित और खाए-अघाए लोग भी होते हैं। इन बाबाओं को राजनेताओं और सत्ता प्रतिष्ठान का प्रश्रय मिलना भी कतई चैंकाता नहीं है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि किसी आध्यात्मिक गुरू के एक विवादास्पद आयोजन में भारत सरकार ने सारे नियम-कायदे ताक पर रखकर अपने पूरे तंत्र को ही नहीं बल्कि देश की सेना तक को झोंक दिया गया।

स्वच्छता अभियान पर धब्बा हैं अधूरे शौचालय

कब तक होंगे पूरे अधूरे शौचालय
राजु कुमार - 2016-03-26 10:05 UTC
मध्यप्रदेश में सरकार लगातार यह बात दोहराती है कि प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन को प्राथमिकता दी जा रही है। गांवों, पंचायतों, विकासखंडों से आगे जाकर एक जिला को भी खुले में शौच से मुक्त कर दिए जाने की घोषणा कर दी गई है। सैकड़ों पंचायतों के बीच नरसिंहपुर के चांवरपाठा विकासखंड, सीहोर जिले के बुदनी विकासखंड और संपूर्ण इंदौर जिले को खुले में शौच से मुक्त किया गया है। बुदनी विकासखंड मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान का गृह क्षेत्र है। सरकारी दावों से अलग इन्हें पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त कहना अभी बहुत ही कठिन है, क्योंकि अधिकांश जगहों पर कागजों पर बना दिए गए शौचालय या अधूरे, अनुपयोगी शौचालय इस मिशन के स्याह पक्ष है। सीहोर जिले के संदर्भ में मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री ने भी स्वीकार किया कि जिले में अधूरे एवं अनुपयोगी शौचालय हैं। पर सीहोर या शहरों के पास के ग्रामीण इलाकें से ज्यादा बुरी स्थिति दूर-दराज के आदिवासी अंचलों में ज्यादा खराब है। वहां लगातार शिकायतों के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
भारत

प्रधानमंत्री का अम्बेडकर प्रेम

क्या दलितों के बीच पैठ बना पाएगी भाजपा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-03-23 11:34 UTC
दिल्ली में अंबेडकर के एक स्मारक का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावा किया कि वे अंबेडकर भक्त हैं और आरक्षण को वे खरोंच तक नहीं आने देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियां आरक्षण को लेकर देश में भ्रम फैला रही हैं कि उनकी सरकार इसे खत्म कर देगी। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब आरएसएस के नेता आरक्षण की समीक्षा की मांग करते दिखाई पड़ रहे हैं। कुछ दिन पहले हुए आरएसएस के एक चिंतन शिविर में चिंतन के बाद संघ ने प्रस्ताव पास कर उन लोगों से आरक्षण छोड़ने का अनुरोध किया, जो सशक्त और संपन्न हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा से विधायक का निलंबन

कांग्रेस के दोमुहेपन का पर्दाफाश
अमूल्य गांगुली - 2016-03-22 12:17 UTC
अब कांग्रेस भी भारतीय जनता पार्टी के रास्ते पर चलने लगी है। महाराष्ट्र विधानसभा में उसने उसकी एक झांकी दिखला दी। एक विधायक को विधानसभा से मात्र इसके लिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि उसने भारत माता की जय बोलने से इनकार कर दिया था। उसके निलंबन का प्रस्ताव कांग्रेस ने ही पेश किया था। इस तरह से कांग्रेस ने यह दिखा दिया कि वह भारत माता की जय बोलने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना से पीछे नहीं है। महाराष्ट्र विधानसभा से एक विधायक को निलंबित कराने के बाद अब कांग्रेस के पास एक और मसला रह गया है और यह है कि अब वह अयोध्या के विवादित स्थल पर राममंदिर के निर्माण के लिए भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार पर दबाव बनाए।

संसद के बजट सत्र का पहला दौर सफल रहा या विफल?

हरिहर स्वरूप - 2016-03-21 10:38 UTC
संसद के बजट सत्र का एक दौर पूरा हो चुका है। इसकी समाप्ति के बाद केन्द्र सरकार का कहना है कि उसने इस सत्र को बर्बाद होने से बचा लिया, क्योंकि पहले कुछ लोग अनुमान लगा रहे थे कि पिछले सत्र की तरह यह भी बंजर साबित होगा, जिसमें कोई काम काज नहीं हो पाएंगे। सरकार का दावा गलत भी नहीं है, क्योंकि इस दौरान अनेक विधेयक पास हुए, जो बहुत दिनों से पास होने का इंतजार कर रहे थे।

माल्या की बादशाहत तो फिर भी बरकरार है!

यह जनता के साथ विश्वासघात है
अनिल जैन - 2016-03-20 04:18 UTC
सीबीआई के लुक आउट नोटिस को ठेंगा दिखाते हुए विदेश भाग खडे हुए शराब कारोबारी विजय माल्या की कंपनी का घोष-वाक्य है ’द किंग ऑफ गुड टाइम्स’ यानी अच्छे दिनों का राजा। इससे ज्यादा अफसोसनाक भला और क्या हो सकता है कि यह राजा देश के सरकारी बैंकों को हजारों करोड़ की चपत लगाने के मामले में भी फिलहाल अपनी बादशाहत बरकरार रखने में कामयाब होता दिख रहा है! कुछ ही दिनों पहले उन्होंने शराब कंपनी यूनाइेड स्पिरिट में अपनी हिस्सेदारी 515 करोड़ रुपए में बहुराष्ट्रीय कंपनी डियाजियो को बेच उसका चेयरमैन पद छोड़ने के बाद कहा था कि अब वे ज्यादा समय अपने बच्चों के साथ ब्रिटेन में बिताने पर विचार कर रहे हैं। तभी आशंका व्यक्त की जाने लगी थी कि वे सबकुछ समेट कर भागने की फिराक में हैं। लेकिन तब भी उन्हें कर्ज देने वाले बैंक और सरकारी एजेंसियां नहीं जागी, मगर अब उनके विदेश भाग जाने पर स्यापा करने का नाटक किया जा रहा है।

सबकी नजरें तमिलनाडु पर

क्या जयललिता फिर सरकार बना लेंगी?
कल्याणी शंकर - 2016-03-18 12:09 UTC
जिन पांच राज्यों मे चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें से तमिलनाडु का चुनाव सबसे ज्यादा दिलचस्प है। वहां 19 मई को मतदान होंगे और उस रोज तमिलनाडु के चार नेताओं के भाग्य का फैसला हो जाएगा। वे चार नेता हैं- डीएमके प्रमुख करुणानिधि, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता, तमिल सिनेमा के सुपर स्टार विजयकांत और पीएमके के नेता डाॅक्टर रामदाॅस। वे सभी अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं और उसके कारण मतों का अनेक पक्षों में बंटवारा होगा।

केरल विधानसभा चुनाव और सीपीएम

वामदल को जीतने के लिए क्या करना चाहिए?
पी श्रीकुमारन - 2016-03-17 17:48 UTC
तिरुअनंतपुरमः सीपीएम की केरल ईकाई एक भारी गलती करते करते रह गई है। इसके कारण वाम लोकतांत्रिक मोर्चा और खासकर सीपीएम ने राहत की एक लंबी सांस ली है।