मोदी की देश और विदेश में छवि बिगड़ी
उपेन्द्र प्रसाद
-
2016-03-07 10:16 UTC
नरेन्द्र मोदी की सरकार के अभी दो साल भी पूरे नहीं हुए हैं, पर उसकी देश में छवि ऐसी हो गई है कि भारतीय जनता पार्टी को आने वाले चुनावों में जीत हासिल करने के लिए बहुत ही मशक्कत करनी होगी। वेमुला की आत्महत्या ने नरेन्द्र मेादी की ओबीसी छवि को नुकसान पहुंचाया है, तो कन्हैया प्रकरण ने मोदी की चाय वाले के बेटे की छवि पर कुठाराघात कर दिया है। इन दोनों प्रकरणों ने केवल सरकार की छवि देश में, बल्कि विदेशों में भी खराब कर दी है, क्योंकि कन्हैया की गिरफ्तारी के साथ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के खिलाफ जो अभियान चले, उसे अंतरराष्ट्रीय पब्लिसीटी मिली और जनेवि के खिलाफ भारत के सत्ताधारियों द्वारा चलाए गए अभियान की दुनिया के 500 विश्वविद्यालयों ने निंदा की।