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संघ का अंबेडकर प्रेम

क्या दलित जुड़ पाएंगे भाजपा से?
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-04-18 12:53 UTC
जब प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी डाॅक्टर भीम राव अंबेडकर की प्रशंसा में लच्छेदार भाषण कर रहे थे, तो लोगों को लग रहा था कि वह उनकी व्यक्तिगत मान्यता है, जो उनके संघ परिवार से हटकर है। कुछ लोग ऐसा भी मान रहे थे कि मोदीजी का अंबेडकर प्रेम उन्हें संघ के एक तबके में अलोकप्रिय बना देगा, क्योंकि आमतौर पर माना जाता है कि संघ के लोग अंबेडकर के प्रेमी हो नहीं सकते। इसके पीछे ठोस कारण भी हैं। आरएसएस हिन्दुत्व की बात करती है और उसके द्वारा भारत के सुनहरे अतीत का गौरव गान करती है, जबकि अंबेडकर हिन्दू धर्म के कटु आलोचक हुआ करते थे। हिन्दू धर्म क प्रति अंबेडकर का गुस्सा इतना ज्यादा था कि उन्होंने इस धर्म का त्याग ही कर दिया और बौद्ध बन गए।

वैश्विक प्रसन्नता सूचकांक 2016: भारतीयों की खुशी पर 'विकास’ का ग्रहण!

अनिल जैन - 2016-04-17 04:30 UTC
हमारे देश में पिछले करीब दो दशक से यानी जब से नव उदारीकृत आर्थिक नीतियां लागू हुई हैं, तब से सरकारों की ओर से आए दिन आंकडों के सहारे देश की अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर पेश की जा रही है और आर्थिक विकास के बडे-बडे दावे किए जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे सर्वे भी बताते रहते हैं कि भारत तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है और देश में अरबपतियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इन सबके आधार पर तो तस्वीर यही बनती है कि भारत के लोग लगातार खुशहाली की ओर बढ रहे हैं। लेकिन हकीकत यह नहीं है। हाल ही में जारी ’वैश्विक प्रसन्नता सूचकांक 2016’ में भारत को 157 देशों में 118वां स्थान मिला है। यह प्रसन्नता सूचकांक संयुक्त राष्ट्र का एक संस्थान सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क (एसडीएसएन) हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वे करता है, जिसमें अर्थशास्त्रियों की एक टीम समाज में उदारता, सहिष्णुता और अपनी पसंद की जिंदगी जीने या अपने बारे में फैसले लेने की आजादी, सामाजिक सुरक्षा, लोगों में स्वस्थ और दीर्घ की जीवन की प्रत्याशा, भ्रष्टाचार आदि पैमानों पर दुनिया के सारे देशों के नागरिकों के इस अहसास को नापती है कि वे कितने खुश हैं?

सुप्रीम कोर्ट तीन बेंच मामला: सरकार ने ई-फाइलिंग से मामले जल्द निपटाने की दी सलाह

शशिकान्त सुशांत - 2016-04-17 04:22 UTC
भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में तीन नए बेंच, कोलकाता, चेन्नई, बनाए जाने को ेलेकर दायर याचिका पर जारी नोटिस का जवाब देते हुए जो ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है उसमें स्पष्ट कहा है कि बेंच बनाने की कोई जरूरत नहीं है, सुप्रीम कोर्ट सूचना तकनीक का इस्तेमाल करे ई- फाइलिंग के तहत मामले का निपटारा जल्द से जल्द करें और केसों में अनावश्यक देरी को कम करने के लिए कदम उठाए, लंबित केसों को जल्दी निपटाने के बारे में सोचे और जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को संविधान संशोधन का सुझाव देना बंद करे।

अंबेडकर की विरासत पाने की होड़

भाजपा और कांग्रेस लगा रही है पूरा जोर
कल्याणी शंकर - 2016-04-17 04:17 UTC
दलित प्रतीक भीमराव अंबेडकर की विरासत हो हथियाने के लिए देश की दो प्रमुख राजनैतिक पार्टियों में होड़ मची हुई है। वैसे कुछ अन्य पार्टियां भी हैं, जो अंबेडकर की विरासत का दावा कर रही हैं।

आतिशबाजी पर रोक लगाने की मांग

हादसे के बाद केरल में हो रही है बहस
पी श्रीकुमारन - 2016-04-14 11:18 UTC
तिरुअनंतपुरमः पारावुर मंदिर में आतिशबाजी के कारण हुए हादसे के बाद पूरे केरल में शोक की लहर चल रही है। उस हादसे में 113 लोग मारे गए और अन्य सैंकड़ों घायल हो गए।

उत्तर प्रदेश भाजपा के नये अध्यक्ष का जाति कार्ड

हिन्दुत्व कार्ड भी साथ साथ खेलेगी भाजपा
प्रदीप कपूर - 2016-04-13 10:41 UTC
लखनऊः केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश ईकाई का अध्यक्ष बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने जाति कार्ड खेलने का निश्चय कर लिया है। इसी निश्चय के साथ पार्टी 2017 की विधानसभा के चुनाव का सामना करने वाली है।

जनता दल (यू) का नेतृत्व परिवर्तन

नये अध्यक्ष नीतीश के सामने तीन चुनौतियां
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-04-12 12:05 UTC
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अपने जनता दल(यू) का अध्यक्ष भी हो गए हैं। उनके पिछले विधानसभा में जीत हासिल कर मुख्यमंत्री बनने के बाद ही दल और राजनैतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई थी कि नीतीश अपने दल का अध्यक्ष बन सकते हैं। इसका एक कारण तो यह था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी नजर अब 2019 के लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर है। नीतीश कुमार ने इसे छिपाया भी नहीं है। उनका दल इतना बड़ा नहीं कि वे उसी के बल पर प्रधानमंत्री बनें। जाहिर है कि उन्हें भाजपा विरोधी गठबंधन ही प्रधानमंत्री बना सकता है और वे उस गठबंधन का नेतृत्व कर सकें, इसके लिए जरूरी है कि राष्ट्रीय राजनीति में उनकी सक्रियता हो। उस सक्रियता को सुनिश्चित करने के लिए उनका अध्यक्ष बनना जरूरी था। इसके अलावा दल को अन्य राज्यों में फैलाने के लिए भी यह पद उनके लिए जरूरी था।

ममता और जया जीत की ओर

क्या विधानसभा की जीत उन्हें पीएम का दावेदार बनाएगी?
हरिहर स्वरूप - 2016-04-11 11:03 UTC
पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिए हो रहे चुनाव राष्ट्रीय राजनीति को किस तरह प्रभावित करेंगे? क्या ये चुनाव नतीजे 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू करेंगे? इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों की किस्मत दांव पर लगी हुई है, हालांकि भारतीय जनता पार्टी को इसमें खोने के लिए कुछ भी नहीं है।

उत्तर प्रदेश में अंबेडकर उत्सव, नजर दलित वोटों पर

प्रदीप कपूर - 2016-04-09 09:43 UTC
लखनऊः आगामी 14 अप्रैल को भीम राव अंबेडकर की जयंती है। इस साल अंबेडकर की जयंती के उत्सव प्रदेश की सभी पार्टियां बड़े धूमधाम से मना रही हैं और ऐसा करने के पीछे उन सबकी नजर का दलित वोटों पर टिका होना है।

विधानसभा चुनाव सत्तारूढ़ भाजपा के लिए महत्वपूर्ण

कल्याणी शंकर - 2016-04-08 11:58 UTC
पांच विधानसभाओं के लिए हो रहे चुनाव में देश की दोनों बड़ी राष्ट्रीय पार्टियां, वामदल और क्षेत्रीय पार्टियों के लिए बहुत ही मायने रखते हैं। इनमें इन सबका टेस्ट हो रहा है। ये पांच राज्य हैं- असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी। इनमें से किसी भी राज्य में भाजपा कभी भी सत्ता में नहीं रही। चुनाव से पहले होने वाले सर्वेक्षणों के अनुसार पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को जीत मिल रही है और तमिलनाडु में मुख्यमंत्री जयललिता की पार्टी आगे चल रही है। केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चे को साफ बढ़त दिखाई दे रही है, तो असम में अधिकांश सर्वे भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन को बढ़त प्राप्त करता दिखा रहे हैं।