संघ का अंबेडकर प्रेम
क्या दलित जुड़ पाएंगे भाजपा से?
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2016-04-18 12:53 UTC
जब प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी डाॅक्टर भीम राव अंबेडकर की प्रशंसा में लच्छेदार भाषण कर रहे थे, तो लोगों को लग रहा था कि वह उनकी व्यक्तिगत मान्यता है, जो उनके संघ परिवार से हटकर है। कुछ लोग ऐसा भी मान रहे थे कि मोदीजी का अंबेडकर प्रेम उन्हें संघ के एक तबके में अलोकप्रिय बना देगा, क्योंकि आमतौर पर माना जाता है कि संघ के लोग अंबेडकर के प्रेमी हो नहीं सकते। इसके पीछे ठोस कारण भी हैं। आरएसएस हिन्दुत्व की बात करती है और उसके द्वारा भारत के सुनहरे अतीत का गौरव गान करती है, जबकि अंबेडकर हिन्दू धर्म के कटु आलोचक हुआ करते थे। हिन्दू धर्म क प्रति अंबेडकर का गुस्सा इतना ज्यादा था कि उन्होंने इस धर्म का त्याग ही कर दिया और बौद्ध बन गए।