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भारत

क्या मध्यप्रदेश अपनी दाल गंवा रहा है?

सोयाबीन के नुकसान का जवाब नहीं
एल एस हरदेनिया - 2015-10-29 10:21 UTC
भोपालः एक समय था, जब मध्य प्रदेश को सोया प्रदेश के रूप में जाना जाता था। लेकिन इस साल ऐसा रह नहीं पाएगा।

मध्यपूर्व में एक बड़ा खिलाड़ी बन गया है रूस

ईरान, इराक और सीरिया के साथ उसकी दोस्ती अमेरिका को खटकी
अरुण श्रीवास्तव - 2015-10-28 11:52 UTC
अमेरिका की दादागीरी समाप्त हो गई है। किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि विश्व पर अमेरिका का वर्चस्व इस तरह समाप्त हो जाएगा। रूस ने 30 सितंबर को सीरिया मे सशस्त्र हस्तक्षेप किया। वैसा वहां की सरकार के अनुरोध पर किया गया। उस हस्तक्षेप के साथ ही वहां अमेरिका की दादागीरी समाप्त हो गई।
भारत

न्यायिक स्वायत्ता की जीत हुई

काॅलेजियम व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की जरूरत
हरिहर स्वरूप - 2015-10-27 10:53 UTC
कार्यपालिका ने हमेशा कोशिश की कि वह न्यायपालिका पर नियंत्रण स्थापित करे, लेकिन वह कभी सफल नहीं हुई। सच तो यह है कि न्यायपालिका ने जजों की नियुक्ति में अपनी ताकत बढ़ाकर नियुक्ति के मामले में राजनीतिज्ञों की भूमिका को ही समाप्त कर दिया। इस तरह से न्यायपालिका ने अपनी स्वतंत्रता सुनिश्चित कर ली। जजों का स्थानांतरण भी न्यायपालिका के अपने अधिकार क्षेत्र का हिस्सा हो गया।
भारत

दादरी जैसी घटनाएं और विदेशी निवेश

अराजक स्थितियों में ही भागते हैं उद्यमी
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-10-26 15:52 UTC
'मेक इन इंडिया' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक बहुत ही महत्वकांक्षी योजना है, जिसके तहत वे भारत को दुनिया के उत्पादकों की सबसे पसंदीदा जगह बनाना चाहते हैं। भारत में श्रम की बहुलता है और यह सस्ता भी है, हालांकि कुशल श्रमिकों की यहां कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार कौशल विकास का अभियान चला रही है और प्रधानमंत्री को उम्मीद है कि श्रमिकों की कुशलता की अवस्था को भी भारत प्राप्त कर लेगा।

अफ्रीका से संबंध मजबूत कर रहा है भारत

दिल्ली के शिखर सम्मेलन से होगी नये युग की शुरुआत
अशोक बी शर्मा - 2015-10-23 10:12 UTC
भारत अफ्रीकी देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है। इसकी शुरुआत दिल्ली में होने वाले 5 दिवसीय शिखर सम्मेलन से होगी, जिसमें अफ्रीकी देशों की सरकारों के प्रमुख हिस्सा लेने वाले हैं। इस तरह के सम्मेलन की शुरुआत 2008 में हुई थी। वह सम्मेलन दिल्ली में ही हुआ था। दूसरा शिखर इथिओपिया के आदिस अबाबा में हुआ था। अफ्रीका के साथ भारत का बहुत पुरान संबंध रहा है। भारत ने वहां चल रहे आजादी के आंदोलनों का समर्थन किया था और रंगभेद के खिलाफ भी लड़ाई में उनका साथ दिया था। चीन का इस समय अफ्रीकी देशों के साथ गहरा संबंध है, इसलिए वह इस मायने में भारत पर भारी पड़ता है। आर्थिक मामलों में अफ्रीकी देशों के साथ योजनाबद्ध तरीके से संबंध बनाने में भारत पिछड़ गया है। अब प्रधानमंत्री मोदी अफ्रीका से भारत के संबंधों को बढ़ाने को लेकर काफी गंभीर हो गए हैं।
भारत

त्यौहारों के मौसम में बाजार के रंग

तेजी आ ही जाती है
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-10-21 11:37 UTC
देश की अर्थव्यवस्था की दूसरी छमाही शुरू हो गई है। यह दूसरी छमाही व्यापारिक आर्थिक गतिविधियों को व्यस्त सीजन होता है और इसकी व्यस्तता त्यौहारों के कारण बढ़ जाती है। जिनके धंधे में मंदी आ रही होती है, वे उम्मीद करते हैं कि उस मंदी की भरपाई इस छमाही की तेजी से पूरी कर लें। पर सवाल यह उठता है कि इस साल की दूसरी या अंतिम छमाही में बाजार का मूड क्या है? क्या यह कारोबारियों के लिए उत्साह का सौगात लेकर आया है या इसका संदेश कुछ और ही है?

बाजारों के लिए बहार बनकर आते हैं त्यौहार

इस बार का माहौल अलग नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-10-20 13:17 UTC
त्यौहारों का मौसम शुरू हो गया है। जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी के बाद बरसात का मौसम समाप्त होने के साथ ही वातावरण में एक ऐसा बदलाव आता है, जिसका हमारे देश के लोगों पर प्रभाव पड़े बिना नहीं रह सकता। मौसम में आया यह बदलाव मूड को उत्सववादी बना देता है। वैसे भारत में उत्सवों की कमी नहीं, लेकिन पितृपक्ष की समाप्ति के बाद उत्सव का जो माहौल बनता है, उसकी बराबरी और कोई नहीं कर सकता।
भारत

"लुक इस्ट" परियोजनाएं ठप्प

घोषणाएं लाल फीताशाही की शिकार
आशीष बिश्वास - 2015-10-19 12:42 UTC
कोलकाताः "लुक इस्ट" नीति के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से संबंधित अनेक परियोजनाओं की घोषणा हुई थीं और यह सारी परियोजनाएं पूर्वी एवं पूर्वाेत्तर प्रदेशों से संबंधित थीं। लेकिन लाल फीताशाही के कारण वे घोषणाएं कागजों मे बंद होकर रह गई हैं।
भारत

मोहन भागवत की आरक्षण पर समीक्षा की मांग

आखिर क्या मंशा है संघ प्रमुख कीे?
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-10-18 03:10 UTC
बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण नीति की समीक्षा करने का बयान लालू के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसके कारण वे पूरी तरह से लय में आ गए हैं और बिहार विधानसभा चुनाव को अगड़ा बनाम पिछड़ा और आरक्षण समर्थन बनाम आरक्षण विरोध बनाने में लग गए हैं। सवाल उठता है कि इस तरह का बयान आखिरकार मोहन भागवत ने दिया ही क्यों? वैसे उन्होंने कभी नहीं कहा कि आरक्षण समाप्त किया जाना चाहिए अथवा आरक्षण का आधार आर्थिक कर दिया जाना चाहिए, लेकिन आरक्षण का मामला इतना संवेदनीशील है कि इसकी चर्चा करते समय लोग तर्क का नहीं भावना का सहारा लेने लगते हैं। आरक्षण समर्थकों के लिए भी यह सच है और आरक्षण विरोधियों के लिए भी यही सच है।
भारत

व्यापम घोटाले से कोई सबक नहीं लिया

मध्यप्रदेश के मेडिकल काॅलेज अभी भी दलालों की गिरफ्त में
एल एस हरदेनिया - 2015-10-18 03:08 UTC
भोपालः व्यापम घोटाले से संबंधित तथ्य अभी भी रहस्य के धुंध से बाहर नहीं आए हैं और निजी मेडिकल व डेटल काॅलेजों में प्रवेश में घोटालों की नई नई खबरें आना शुरू हो गई हैं। मेडिकल और डेंटल काॅलेज में नामांकन के इच्छुक छात्रों और छात्राओं के माॅं-बाप प्रवेश में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। निजी मेडिकल और डेंटल काॅलेजों में प्रवेश के लिए परीक्षाएं निजी मेडिकल और डेंटल काॅलेजों का संघ आयोजित करता है।