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बिहार में हो रहा है बहुकोणीय मुकाबला

विधानसभा कहीं त्र्रिशंकु न हो जाय!
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-09-21 11:43 UTC
बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधनों और मोर्चो की स्थिति अब स्पष्ट हो चुकी है और यह भी स्पष्ट हो गया है कि वहां भाजपा के नेतृत्व वाले राजग और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच सभी सीटों पर सीधा मुकाबला नहीं होने जा रहा है। यह सच है कि अधिकांश सीटों पर मुख्य टक्कर इन्हीं दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों के बीच ही होंगे, लेकिन वैसी सीटों की संख्या भी कम नहीं है, जहां त्रिकोणीय अथवा चतुष्कोणीय मुकाबले भी हो सकते हैं। जब मुकाबला सीधा हो, तो एक पक्ष की हार दूसरे पक्ष को बहुमत आसानी से दिला देता है, लेकिन यदि मुकाबला बहुकोणीय हो, तो विधानसभा के त्रिशंकु हो जाने की संभावना भी बन जाती है। आज गठबंधनों की जो स्थिति है, उसे देखते हुए इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

स्वच्छ भारत के कई चेहरे

अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है
सुगतो हाजरा - 2015-09-19 15:39 UTC
शुक्रवार की सुबह को मैंने यमुना के आईटीओ पुल पर एक दंपति को देखा। वे दोनों आॅफिस जा रहे थे, लेकिन नदी के ऊपर बने पुल पर रुके। महिला ने फूल से भरे एक थैले को पानी में फेंका। उसमें पूजा की बची हुई अन्य सामग्रियां भी रही होंगेी। फेंकते समय वे दोनों नदी के सामने श्रद्धा से अपना सिर भी झुका रहे थे। मेरी कोशिश श्रद्धा में झुकी उनकी तस्वीर खींचने की थी, लेकिन वह कोशिश विफल हो गई, क्योंकि गलती से मैंने अपनी ही तस्वीर ले ली थी।

भारत और श्रीलंका के संबंध सुधार की ओर

मोदी और रानिल ने तमिल मसेल पर बात की
कल्याणी शंकर - 2015-09-18 16:32 UTC
श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे भारत के लिए कोई अजनबी नहीं हैं। पिछले दिनों उनकी भारत की यात्रा हुई। वे तीन दिन यहां रुके। इस बीच उनकी भारत से जो बातचीत हुई है, उससे दोनों देशों के संबंधों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। उनकी यात्रा के पहले न तो भारत की श्रीलंका से और न ही श्रीलंका की भारत से कोई विशेष उम्मीदें थीं, इसलिए बातचीत बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।

नेपाल का संविधान बनकर तैयार

अमल में आ सकती है कुछ बाधाएं
शंकर रे - 2015-09-17 17:42 UTC
नेपाल का नया संविधान बनकर लगभग तैयार हो गया है। इसमें 157 धाराएं हैं और इसमें सात प्रांतीय राज्यों को मान्यता दी गई है, नेपाल जिनका संघ होगा। इस तरह नेपाल को एक संघीय व्यवस्था बनाने पर संविधानसभा में सहमति हो गई है। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा, तो इसी 20 सितंबर को यह संविधान नेपाल में लागू हो जाएगा। इसके साथ ही सामंतवाद के खिलाफ चल रहा संघर्ष एक नये मुकाम को प्राप्त कर लेगा। इसके पहले राजशाही के तहत नेपाल को एक हिन्दू राष्ट्र घोषित था। पर नये संविधान के अनुसार नेपाल एक धर्मनिरपेक्ष देश होगा। यहां की व्यवस्था संघीय होगी। इसमें नागरिकता का प्रावधान है। पुराने राजशाही के संविधान में यहां प्रजा हुआ करती थी। नागरिकों के पास कुछ मौलिक अधिकार होंगे और राज्यों के लिए कुछ नीति निर्देशक सिद्धांत भी होंगे। संयोग देखिए कि नेपाल में सविधान उस दिन लागू किया जा रहा है, जिस दिन 20 सितंबर को यूनान में चुनाव हो रहा है। यूनान के उस चुनाव के नतीजों का यूरोजोन के भविष्य पर जबर्दस्त प्रभाव पड़ने वाला है।

ओवैसी का बिहार चुनाव पर कोई असर नहीं

तारिक बिगाड़ सकते हैं नीतीश का खेल
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-09-17 17:40 UTC
हैदराबाद से राजनीति करते करते एमआइएम के नेता ओवैसी बिहार पहुंच गए हैं और वहां के मुस्लिम बहुत सीमांचल से उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा भी कर चुके हैं। उनके बिहार में अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने की घोषणा से राजनैतिक दल उतने उत्तेजित नहीं हैं, जितने उत्तेजित टीवी मीडिया के पत्रकार और समीक्षक लग रहे हैं। राजनैतिक दल जमीनी हकीकत को बेहतर तरीके से समझते हैं और उन्हें पता है कि हैदराबाद से बिहार आकर मुस्लिम साम्प्रदायिकता की राजनीति करने वाला कोई व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। बिहार चुनाव के पहले आवैसी दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी उतरने का दंभ भर रहे थे। दिल्ली में वे सभाएं भी कर रहे थे। उन सभाओं में उनके लच्छेदार भाषणों को सुनने के लिए भारी संख्या में उनके समुदाय के लोग आ भी रहे थे। भाषणों को सुनकर वे मुग्ध भी हो रहे थे और तालियां भी बजा रहे थे, लेकिन जब चुनाव लड़ने और उसके लिए उम्मीदवार चुनने की बारी आई, तो ओवैसी को निराशा ही हाथ लगी। उन्हें लग गया कि दिल्ली में चुनाव लड़ने का कोई तुक नहीं है, क्योंकि जिस समुदाय की भावनाओं को भड़काकर वे अपनी चुनावी रोटियां सेंकन चाह रहे थे, वह समुदाय भाजपा को हराने के लिए आम आदमी पार्टी के पीछे लामबंद हो रहा था। ओवैसी तब दिल्ली के विधानसभा चुनाव के मैदान में प्रवेश करने के पहले ही भाग खड़े हुए थे।

केरल सीपीएम में विश्वास का संकट

भारतीय जनता पार्टी की बांछें खिली
पी श्रीकुमारन - 2015-09-16 07:47 UTC
तिरुअनंतपुरमः क्या केरल में सीपीएम विश्वास के संकट के दौर से गुजर रही है? सीपीएम ने हाल के दिनों मे अपने संकट के दौरान जो रवैया दिखाया, उससे तो कुछ ऐसा ही लगता है।

समाजवादी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं

परिवार और अखिलेश सरकार अस्थिर है
प्रदीप कपूर - 2015-09-16 07:44 UTC
लखनऊः मुलायम परिवार और अखिलेश सरकार मे सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। सार्वजनिक मंचों पर उसकी अभिव्यक्ति देखी जा सकती है।

भारत में सोनार बांगला तलाशती तसलीमा

स्थायी रूप से रहने की इजाजत कयों नहीं मिलनी चाहिए?
टनिल जेन - 2015-09-16 07:40 UTC
भारत सरकार ने लगभग दो दशक से निर्वासन में जी रहीं चर्चित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के वीजा की अवधि को एक साल के लिए फिर बढ़ा दिया है। यानी अब तसलीमा को अगस्त 2016 तक भारत में रहने की अनुमति मिल गई है।

कांग्रेस को अभी भी सोनिया का सहारा

बदलाव में हो रही है समस्या
कल्याणी शंकर - 2015-09-11 11:10 UTC
राहुल गांधी के छुट्टी से वापस आने के बाद चर्चा बहुत जोरों पर थी कि कांग्रेस की कमान उनके हाथ में आने वाली है। पर पिछले दिनों कांग्रेस की कार्यसमिति ने सोनिया गांधी को एक साल और पार्टी अध्यक्ष बनाए रखने का फैसला किया। इस फैसले ने राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने को लेकर चल रही अटकलबाजियों पर विराम लगा दिया है। इसका मतलब है कि कांग्रेसी नेता और सोनिया गांधी कांग्रेस में यथा स्थिति को बदलना नहीं चाहते और राहुल गांधी पर अभी बाजी लगाने को तैयार नहीं हैं।

अरुणाचल प्रदेश में कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर

चीन उसके पास रेल लाइन बिछा रहा है
बरुण दास गुप्ता - 2015-09-11 11:07 UTC
देश की सुरक्षा के लिए भारतीय करदाता हर साल बहुत बड़ी राशि देते रहते हैं। चालू वित्त वर्ष में रक्षा बजट 40 अरब डाॅलर का था, जो पिछले साल की अपेक्षा 11 फीसदी ज्यादा था। यह राशि चीन द्वारा प्रति वर्ष खर्च की जाने वाली 132 अरब डाॅलर की राशि की अपेक्षा बहुत कम है। चीन दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा रक्षा पर खर्च करने वाला देश है। इस मामले में पहले स्थान पर अमेरिका है।