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केरल कांग्रेस के लिए एक नया संकट

कौन बनेगा नया स्पीकर?
पी श्रीकुमारन - 2015-03-10 16:46 UTC
तिरुअनंतपुरमः केरल विधानसभा के स्पीकर जी कार्तिकेयन का निधन हो गया है और इसके कारण कांग्रेस और यूडीएफ का संकट गहरा हो गया है। मुख्यमंत्री ओमन चांडी का सिर दर्द भी इसके कारण बढ़ गया है।

मुफ्ती को कश्मीर मसले पर संतुलन बनाना होगा

मोदी को अलगाववादियों से संवाद की ओर बढ़ना होगा
हरिहर स्वरूप - 2015-03-09 15:19 UTC
इसमें कोई शक नहीं है कि बिना अलगाववादियों और हुरियत नेताओं से बातचीत किए बिना कश्मीर समस्या का हल नहीं निकल सकता है। पाकिस्तान को भी देर सबेर बातचीत में शामिल करना पड़ेगा। दूसरी बार जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री बने मुफ्ती मुहम्मद सईद के दिमाग में शायद यही रहा होगा, जब उन्होंने शपथग्रहण के तुरंत बाद कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव करवाने का श्रेय पाकिस्तान और कश्मीरी अलगाववादियों को दे डाला।
भारत: जम्मू एवं कश्मीर

मुफ्ती ने आखिरकार बाजी मार ही ली

भाजपा के साथ उनका गठबंधन चुनौतीपूर्ण है
कल्याणी शंकर - 2015-03-07 11:14 UTC
जम्मू और कश्मीर में पहले भी अनेक बार गठबंधन की सरकारें बनी हैं। लेकिन इस बार पीडीपी की भाजपा के साथ बनी सरकार ऐतिहासिक है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों की आकांक्षाओं को जगह मिल रही है। अब तक सरकारों में कश्मीर घाटी के लोगों का ही वर्चस्व रहा है। इस बार स्थिति बदल गई है।

भारत

पीडीपी और भाजपा का गठबंधन

बड़े काम का यह नया प्रयोग
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-03-05 11:48 UTC
जम्मू और कश्मीर में बड़े जद्दोजहद के बाद सरकार बनी है। वहां ऐसी त्रिशंकु विधानसभा चुनाव के बाद उभरकर आई थी कि सरकार गठन के लिए कोई समीकरण नहीं बन पा रहा था। कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस को वहां की जनता ने नकार दिया था और पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। यदि कांग्रेस को इतनी सीटें आती कि उसके साथ मिलकर पीडीपी सरकार चला सकती थी, तब भी बात बन जाती, क्योंकि पीडीपी के साथ पहले भी कांग्रेस सरकार चला चुकी है और इस बार भी उसे सरकार चलाने मे कोई परेशानी नहीं होती। पर कांग्रेस की सीटें पीडीपी सरकार को स्थायित्व देने के लिए काफी नहीं थी। लिहाजा, उसके साथ मिलकर पीडीपी सरकार नहीं बना सकती थी।

अकाली-भाजपा गठबंधन आया फाॅर्म में

आप के लिए कठिन हुई पंजाब की राजनीति
बी के चम - 2015-03-04 14:49 UTC
कभी कभी तात्कालिक प्रभाव की घटनाएं लंबे समय की घटनाओं के महत्व को ढक देती हैं। वैसी ही एक घटना पिछले दिनों पंजाब में घटी हैं। स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव थे और उसमें अकाली दल-भाजपा गठबंधन को जबर्दस्त सफलता मिली। नगरपालिकाओं और शहर पंचायतों में उसने शानदार सफलता पाईं। नगर निगम में भी उसे सफलता मिली, लेकिन वहां उसे मिली सफलता कुछ कम चमक वाली थी।
भारत

राहुल की पुराने कांग्रेसियों से जंग

मां और बेटे में भी मतभेद
अमूल्य गांगुली - 2015-03-03 16:39 UTC
हमारे देश की राजनीति दिलचस्प मोड़ पर खड़ी है। देश की दो बड़ी पार्टियां अपने आंतरिक उथल पुथल के दौर से गुजर रही है। कांग्रेस के अंदर राहुल बनाम सोनिया का संघर्ष चल रहा है, तो भारतीय जनता पार्टी के अंदर नरेन्द्र मोदी का आरएसएस के साथ टकराव हो रहा है।

नेतृत्व के सवाल पर कांग्रेस की स्थिति साफ होनी चाहिए

कांग्रेस अधिवेशन को पार्टी अध्यक्ष का फैसला करना है
हरिहर स्वरूप - 2015-03-02 16:54 UTC
राहुल गांधी कहां हैं? कांग्रेस के अंदर किसी को इसके बारे में पता नहीं है। पहले यह खबर आई कि वे यूनान जाने वाले जहाज में चढ़ रहे थे। फिर कहा गया कि वे बैंकाॅक गए हुए हैं। पर बाद में किसी ने कहा कि वे उत्तराखंड में हैं। कुल मिलाजुलाकर यह कहा गया कि राहुल जहां भी गए हों, वे आराम करने गए हैं और कांग्रेस की हार के बाद पार्टी की दुर्दशा के बारे में चिंतन करने गए हैं, ताकि नये विचारों से लैस होकर वे पार्टी को फिर से उबारने की कोशिश कर सकें। गौरतलब हो कि पार्टी इस समय अभूतपूर्व संकट का सामना कर रही है।

बिहार की राजनीति में मांझी फैक्टर

दलितों के मसीहा के रूप में उभर चुके हैं जीतनराम
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-03-01 15:19 UTC
जीतनराम मांझी अब मुख्यमंत्री नहीं हैं। लेकिन अब वे बिहार की राजनीति में एक बहुत बड़ा फैक्टर बच चुके हैं। यह सच है कि खुद उनके अपने जनता दल(यू) के ही दलित विधायकों ने भी उनका साथ संकट के दौर में नहीं दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बिहार के दलित भी उनके साथ नहीं हैं। सच तो यह है कि बिहार की राजनीति अब वह नहीं रही, जो कुछ दिन पहले थी। दलितों में आई राजनैतिक चेतना और अपने में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाने की उनकी भूख जाग गई है। जिस तरह से मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, उसे लेकर भी उनमें आक्रोश है।
भारत

राहुल को पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ की भूमिका में आना होगा

अंशकालिक नेता के रूप में वे कांग्रेस का उद्धार नहीं कर सकते
कल्याणी शंकर - 2015-02-27 11:08 UTC
आखिर क्या कारण है कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष गलत कारणों से बार बार मीडिया की सुर्खियां बन जाते हैं? इस बार वे बजट सत्र में संसद से नदारत रहकर मीडिया की सुर्खियों में छाये हुए हैं। इस सत्र के दौरान उनकी पार्टी के नेताओं को लग रहा था कि राहुल संसद में मोदी सरकार का विरोध करने में वे अपनी पार्टी के सांसदों का नेतृत्व करेंगे। राहुल गांधी बार बार विदेश चले जाते हैं और उन्होंने अनके बार दिल्ली में कई महत्वपूर्ण राजनैतिक घटनाओं में अपनी अनुपस्थिति दर्ज कर दी है। मनमोहन सिंह को जब प्रधानमंत्री के रूप में बिदाई जा रही थी, तब भी उन्हें उस कार्यक्रम में उपस्थित रहना चाहिए था, लेकिन तब भी वे वहां से गायब थे। वे तब देश मंे थे नहीं, बल्कि विदेश चले गए थे। उसी तरह से जब कांग्रेस पार्टी के 130वें सालगिरह का उत्सव मनाया जा रहा था, तब भी वे वहां नहीं थे।

मध्यप्रदेश के राजनैतिक संकट ने लिया नया मोड़

राज्यपाल ने दिया अपने पद से इस्तीफा
एल एस हरदेनिया - 2015-02-27 11:04 UTC
भोपालः व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) में हुए भ्रष्टाचार से पैदा राजनैतिक संकट ने अब नया मोड़ अख्तियार कर लिया है। प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। केन्द्र सरकार ने उन्हें अपना पद छोड़ने के लिए कहा था। व्यापम घोटाले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उसके बाद उन्हें अपने पद से हटने को कहा गया। फिर उन्होंने इस्तीफा दे डाला।