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भारत

सच्चे संघवाद की ओर एक बड़ा कदम

आयोग को हटाएं, इसके आदर्श को नहीं
कल्याणी शंकर - 2014-12-12 12:47
छह दशक पुराने योजना आयोग को समाप्त करने का मोदी सरकार का निर्णय एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है। प्रधानमंत्री ने इसकी घोषणा लाल किले से 15 अगस्त को भाषण करते हुए की थी। पिछले सप्ताह श्री मोदी ने इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। इसके लिए उन्होंने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की और इसके बारे में उनके विचार जाने। आशा के अनुकूल ही इस बैठक में भी राजनीति का बोलबाला रहा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मुख्यमंत्रियों ने इसका समर्थन किया और यूपीए के मुख्यमंत्रियों ने विरोध। खासकर कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने इसका सबसे ज्यादा विरोध किया। वे नेहरू जी की इस विरासत के साथ छेड़छाड़ किए जाने के खिलाफ थे।
भारत

बार रिश्वतखोरी मामले में नया मोड़

क्या के एम मणि कानूनी पंजे में फंस रहे हैं?
पी श्रीकुमारन - 2014-12-11 10:47
तिरुअनंतपुरमः क्या केरल कांग्रेस (मणि) के अध्यक्ष के एम मणि कानूनी शिकंजे में फंसते जा रहे हैं? बार एसोशिएन के के पदाधिकारियों ने उन पर घूस लेने का आरोप लगाया है। इस आरोप से निकलने का रास्ता उन्हें दिखाई नहीं पड़ रहा है। यह तो अभी नहीं कहा जा सकता कि मणि आखिरकार कानून के शिकंजे में फंस ही जाएंगे, लेकिन जो लक्षण दिखाई दे रहे हैं, वे मणि के अनुकूल भी नहीं हैं।
भारत

जनता दल का एकीकरण

क्या करेंगे नीतीश कुमार?
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-12-10 11:34
जनता दल की टूट से बनी पार्टियां एक बार फिर आपस में मिलकर एक बड़ी पार्टी बनने की दिशा में बढ़ रही हैं। यदि एकीकृत होकर यह पार्टियां एक दल में तब्दील हो जाती हैं, तो निश्चय ही देश के लोकतंत्र के लिए यह अच्छा होगा। इस एकीकरण के कारण जेबी पार्टियों की संख्या कुछ घटेगी और अपनी अपनी जेब में एक एक पार्टी रखकर चलने वाले नेताओं में कमी हो जाएगी। कहने की जरूरत नहीं कि जो पार्टियां आपस में मिलकर एक होने की बात कर रही हैं, वे सभी जेबी पार्टियां ही हैं।
भारत

आंध्र प्रदेश में उथलपुथल का अंत नहीं

तेलंगाना में ग्रामीण बदहाली का साम्राज्य
एस सेतुरमण - 2014-12-09 11:50
आंध्र प्रदेश के विभाजन के 6 महीने से भी ज्यादा हो गए हैं। तेलंगाना नाम के एक नये प्रदेश ने अस्तित्व प्राप्त कर लिया है। लेकिन दोनों राज्यों के बीच अनेक मुद्दों को लेकर अभी भी तनाव बना हुआ है। दोनों प्रदेशों की समस्याएं अपनी अपनी जगह अभी भी बनी हुई हैं। दोनों राज्यों के बीच आर्थिक संसाधनों के विभाजन की समस्या भी अभी बरकरार है।

प्रधानमंत्री के पूर्वाेत्तर दौरे के संभावित अच्छे नतीजे

बरुण दास गुप्ता - 2014-12-08 12:34
पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने पूर्वाेत्तर राज्यों का चार दिवसीय दौरा किया। उनका दौरा 5 राज्यों में हुआ। वे राज्य हैं- असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय और नगालैंड। उसके दौरान उन्होंने लोगों को एक बड़ा संदेश दिया। वह था कि अबतक उनलोगों की उपेक्षा हुई है और अब केन्द्र उनके साथ है और उनका अब तेज विकास होगा। उन्होंने लोगों से कहा कि वे लगातार उनके पास आते रहेंगे और वहां की परियोजनाओ के अमल का जायजा लेते रहेंगे।
भारत

अपनी ही दवा का स्वाद चख रही है भारतीय जनता पार्टी

संसद को न चलने देना एक पुरानी परंपरा
हरिहर स्वरूप - 2014-12-06 18:38
संसद में हंगामा गलत है। लेकिन जबतक सरकार विपक्ष की वाजिब मांग को मान नहीं लेती है, तो इस तरह का हंगामा होता रहन लाजिमी है। खासकर जब विपक्ष में एकता हो जाए, तो फिर बात ही क्या है? भारतीय जनता पार्टी जब विपक्ष में थी, तो वह भी यही करती थी। उसके कारण तो पूरा का पूरा सदन तक नहीं चल पाता था।

मोदी को भारत बांग्लादेश सीमा के मसले पर आगे बढ़ना चाहिए

विपक्ष का सहयोग भी जरूरी
कल्याणी शंकर - 2014-12-05 11:52
बांग्लादेश के निर्माण के 40 साल से भी ज्यादा हो गए हैं और दोनों देशों के बीच सीमा संबधी मसलों के सुलझाने के प्रयास भी चल रहे हैं। पर यह दुर्भाग्य की बात है कि उन प्रयासों का अबतक कोई भी नतीजा नहीं निकल सका है। बांग्लादेश के अंदर के भारत विरोधी तत्व इसका लाभ उठाते हैं और वहां भारत विरोधी माहौल खड़ा करते हैं।
भारत: उत्तर प्रदेश

2017 के चुनाव के लिए अखिलेश ने लिया विकास का सहारा

विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए जा रहे हैं कदम
प्रदीप कपूर - 2014-12-04 11:24
लखनऊः आगामी विधानसभा के आमचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास को अपना मुख्य एजेंडा बनाने जा रहे हैं।

भोपाल गैस त्रासदी से निपटने में 30 वर्ष से विफल रही सरकार

राजु कुमार - 2014-12-03 11:44
दुनिया के भीषणतम औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैस त्रासदी को हुए 30 साल हो गए, पर उस घटना की चपेट में आए लाखों लोगों के जख्म आज तक नहीं भर पाए हैं। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड से 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को मिथाइयल आइसो सायनेट गैस की रिसाव में 15274 लोगों की मौत हुई थी और 5 लाख 73 हजार लोग सीधे तौर पर घायल हुए थे। त्रासदी के तीस साल बाद भी पीडित लोग उचित पुनर्वास, उचित मुआवजा, समुचित इलाज और सुरक्षित वातावरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कारखाना परिसर के गोदामों में पडे हुए 350 मिट्रिक टन, परिसर क्षेत्र में 8000 मिट्रिक टन एवं परिसर के सोलर इंपोरेसन तालाब में 10000 मिट्रिक टन रासायनिक कचरे के कारण परिसर के आसपास के काॅलोनियों का भूजल प्रदूषित हो चुका है।
भारत

कांग्रेस को किसी गोधरा जैसी की घटना का इंतजार

भाजपा की चुनौतियों का सामना करने के लिए उसके पास कोई योजना नहीं
अमूल्य गांगुली - 2014-12-03 11:38
यदि कांग्रेस के पूर्व सांसद मणिशंकर अय्यर की बात पर विश्वास किया जाय, तो कांग्रेस इंतजार कर रही है कि नरेन्द्र मोदी गोधरा जैसे हालात का निर्माण करें या देश में कोई बड़ी सांप्रदायिक दंगा हो अथवा कोई बेलछी जैसा नरसंहार हो। बेलछी कांड और गोधरा कांड में ढाई दशकों का अंतराल है। अब कांग्रेस फिर से वापसी करने के लिए इन दो तरह की घटनाओं का या उनमें से किसी का एक का इंतजार कर रही है। यानी कांग्रेस की रणनीति इस तरह की घटनाओं का सहारा लेकर ही अपने आपको फिर से प्रासंगिक बनाने की है।