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भारत

मोदी ने आरएसएस पर लगाम लगाई

देखना और इंजतार करना ही फिलहाल परिवार का काम
अमूल्य गांगुली - 2015-01-06 12:02
वह समय समाप्त हो रहा है, जब भाजपा के ऊपर आरएसएस का हुक्म चलता था। संघ को पहला झटका उस समय लगा, जब नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी। सरकार बनने के बाद अमित शाह भाजपा के अध्यक्ष बने। श्री शाह संघ की पसंद नहीं थे, बल्कि नरेन्द्र मोदी की पसंद थे। 2005 के बाद से ही भाजपा के अध्यक्ष पद संघ की पसंद का व्यक्ति बैठा करता था।
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जम्मू और कश्मीर में सरकार गठन की गुत्थियां

भाजपा और पीडीपी के एक साथ आने में आ रही है मुश्किलें
हरिहर स्वरूप - 2015-01-05 11:46
जम्मू और कश्मीर की जनता ने भारी पैमाने पर वोटिंग किया था, ताकि प्रदेश में एक स्थिर सरकार बने, लेकिन उनका जनादेश खंडित निकला, जिसके कारण अभी तक सरकार ही नहीं बन पा रही है। वोटिंग का पैटर्न भी विभाजनकारी था। जम्मू में मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी को गले लगाया और पीडीपी को नकार दिया, तो कश्मीर घाटी में जनता ने भाजपा को पूरी तरह नकार दिया और वहां पीडीपी को भारी जीत मिली। इसका नतीजा यह हुआ कि न तो भाजपा को और न ही पीडीपी को प्रदेश में सरकार चलाने लायक सीटें प्राप्त हुईं। अब यदि भाजपा और पीडीपी आपस में मिलकर सरकार बनाती हैं, तो यह उनके समर्थक मतदाताओं की इच्छा के खिलाफ होगा। क्योंकि पीडीपी को मिला मत भाजपा विरोधी था और भाजपा को मिला मत पीडीपी विरोधी।
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नये साल की आर्थिक चुनौतियां

क्या इसे भी अपने नाम दर्ज करा पाएंगे मोदी?
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-01-03 10:34
आजाद भारत के राजनैतिक इतिहास में 2014 एक महत्वपूर्ण वर्ष के रूप में अपने आपको दर्ज कर चुका है, क्योंकि इस साल पहली बार किसी गैर कांग्रेसी पार्टी अपने अकेले पूर्ण बहुमत के साथ देश की सत्ता पर काबिज हुई है। अब सवाल उठता है कि क्या 2015 का साल आजाद भारत के इतिहास में अपना वैसा ही स्थान बना पाएगा?
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2015 में मोदी को कुछ नतीजे देने होंगे

मोह की अवधि लंबी नहीं खिंचेगी
कल्याणी शंकर - 2015-01-02 11:37
पिछला साल नरेन्द्र मोदी के नाम रहा। उन्होंने अपनी पार्टी को लोकसभा चुनाव में अभूतपूर्व सफलता दिलाई और खुद देश के प्रधानमंत्री भी बने। लेकिन क्या 2015 का साल भी श्री मोदी के नाम में ही दर्ज होगा? ऐसा तभी होगा, जब यह साल मोदी द्वारा किए गए वायदों को पूरा करने का साल होगा। अभी तो मोदी अपनी सफलताओं पर इतरा रहे हैं। लोगों का उनमें मोह अभी भी बना हुआ है। लेकिन मोह का यह काल अपने आप बहुत लंबा नहीं खिंचेगा। यह लंगा खिंचे इसके लिए जरूरी है कि मोदी अपने उन वायदों को पूरा करें, जो उन्होंने चुनाव से पहले किया था और जो वह आज भी कर रहे हैं।
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लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं बोडो उग्रवादी

केन्द्र ने भी दिए कड़े संदेश
आशिष बिश्वास - 2015-01-01 11:57
बोडो उग्रवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया गया है, लेकिन असम और बोडो समस्या के जो जानकार हैं, उनका मानना है इस अभियान के बावजूद भी उन लोगों तक कानून के हाथ नहीं पहुंच पाएंगे, जिनके हाथ आदिवासियों के खून से रंगे हुए हैं।
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बोडो समझौते के कारण हुआ असम में नरसंहार

परिषद क्षेत्र में आदिवासियों को वे नहीे चाहते
बरुण दास गुप्ता - 2014-12-31 11:35
नेशलन डेमोक्रेटिक फ्रंट आॅफ बोडोलैंड के एक गुट ने आदिवासियों का नरसंहार किया और फिर आदिवासियों ने भी हिंसक प्रतिक्रिया की। इस हिंसा और प्रतिहिंसा में 90 लोग मारे जा चुके हैं। जिस गुट ने उस नरसंहार को अंजाम दिया, उसे संगबिजित गुट कहते हैं। फ्रंट के मुख्य धड़े ने 2005 में केन्द्र सरकार के साथ एक समझौता कर रखा है और उसके बाद से वहां संघर्षविराम की स्थिति कायम हो गई है। लेकिन संगबिजित के नेतृत्व में बोडो उग्रवादियों का एक धड़ा बागी हो गया है और उसके फिर बंदूकें उठा ली हैं। इसमें सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि स्वयं संगबिजित बोडो जनजाति का नहीं है, बल्कि वह मैदानी भाग के एक जनजाति समूह का है, जो कार्बी या पहाड़ी जनजाति का नहीं है।
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भाजपा और संघ के संबंधों में तनाव

मोदी का आर्थिक सुधार निर्विघ्न नहीं
अमूल्य गांगुली - 2014-12-30 11:34
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उससे संबद्ध संगठनों ने अपने हिंदुत्व एजेंडे के साथ जो आक्रामक रुख दिखाया है, उसके कारण भाजपा के साथ उसके संबंधों में तनाव आ गया है। यह तनाव इतना ज्यादा तो नहीं है कि इसके कारण उनके बीच संबंध टूट ही जाए, लेकिन इसके कारण एक तरह के अनिश्चय का माहौल बना रह सकता है। पहले भी भाजपा के साथ संबंधों में जब तब खटास के मामले सामने आए हैं।
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केरल में भाजपा की रणनीति

विरोधियों ने मिशन 71 का मजाक उड़ाया
पी श्रीकुमारन - 2014-12-29 12:05
तिरुअनंतपुरमः केरल के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जो रणनीति बनाई थी, उसका सत्यानाश तो विश्व हिंदू परिषद ने कर दिया। कम से कम केरल के भाजपा विराधी पार्टियों के नेताओं का यही कहना है। भाजपा केरल के सभी धार्मिक समुदायों में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही थी और उसी बीच विश्व हिंदू परिषद ने धर्मांतरण का अपना अभियान छेड़ दिया। इस अभियान के कारण भाजपा के गैर हिंदू समुदायों के बीच पहंुचने का प्रयास कमजोर हो रहा है।
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झारखंड में रघुबर सरकार

आदिवासी सीएम के लिए हो रहा विरोध गैरजिम्मेदाराना
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-12-27 10:50
झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में रधुबर दास के चुनाव के बाद एक विचित्र प्रकार की प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। उनके मुख्यमंत्री बनने को आदिवासी विरोधी घटना बताई जा रही है। छोटे मोटे संगठन तो इसका विरोध कर ही रहे हैं, झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इस विरोध मंे शामिल हो गया है। झामुमो झारखंड की एक प्रमुख पार्टी है, जिसकी अभी सरकार थी। वह पार्टी विधानसभा में मुख्य विपक्ष की भूमिका भी निभाएगी, क्योंकि वह चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। अब भाजपा किसे मुख्यमंत्री बनाए और किसे नहीं, यह उसका आंतरिक मामला है। झारखंड मुक्ति मोर्चा को इससे कोई वास्ता ही नहीं होना चाहिए। जो व्यक्ति झारखंड विधानसभा का सदस्य है, उसमें मुख्यमंत्री बनने की पूरी योग्यता भी होती है।
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दोनों राज्यों में काम आया मोदी का करिश्मा

भाजपा को शिकस्त देने में विपक्ष को करनी पड़ेगी कड़ी मेहनत
कल्याणी शंकर - 2014-12-26 12:32
झारखंड व जम्मू और कश्मीर विधानसभाओं के चुनावों ने साबित कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी का लगातार उत्थान हो रहा है और अन्य राष्ट्रीय पार्टियां पतन का सामना कर रही हैं। झारखंड ने स्थायित्व का चुनाव किया है और वहां भारतीय जनता पार्टी की स्थिर सरकार बन रही है, तो जम्मू और कश्मीर में एक त्रिशंकु विधानसभा अस्तित्व में आई है। इससे पता चलता है कि भारत की राजनीति में कितनी विविधता है।