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इंडिया ब्लॉक की अगली चुनौती 2025 और 2026 के सात विधानसभा चुनाव

प्रियंका, ममता, हेमंत और दीपांकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई में बन सकते हैं मुख्य प्रेरक
नित्य चक्रवर्ती - 2024-11-28 10:48 UTC
देश में 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों का आखिरी दौर समाप्त हो गया। महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की भारी जीत ने भाजपा को छह महीने पहले हुए 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को हुए नुकसान की भरपाई करने का नया आत्मविश्वास दिया है। इंडिया ब्लॉक के लिए झारखंड विधानसभा चुनावों में मिली शानदार जीत एक सकारात्मक संकेत है। फिर भी, हरियाणा चुनावों में अप्रत्याशित जीत के साथ, भाजपा दो दावेदारों - एनडीए और इंडिया ब्लॉक - के बीच धारणा की लड़ाई में बहुत आगे है। 2025 और 2026 के विधानसभा चुनाव अगली चुनौती होगी।

बांग्लादेश मीडिया डॉ. मोहम्मद यूनुस के भ्रमित विचारों के खिलाफ हो गया

अधिकांश समाचार पत्र और टीवी चैनल उनकी क्षमता पर उठा रहे हैं सवाल
आशीष विश्वास - 2024-11-27 10:54 UTC
कोलकाता: ऐसा अक्सर नहीं होता कि किसी देश के नेता द्वारा विदेशी मीडिया को दिया गया साक्षात्कार देश में कोई बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर दे। लेकिन हाल ही में कार्यवाहक बांग्लादेश प्रशासन के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस द्वारा दिये गये साक्षात्कार ने ऐसा ही किया है, जिससे उनके इरादों पर सवाल उठाते हुए एक नयी घरेलू बहस शुरू हो गई है।

दिल्लीवासी चुनाव से पहले स्वच्छ हवा के लिए सख्त कदम उठाने की मांग करें

राजनीतिक दलों के लिए भी ऐसे गंभीर मुद्दे पर दोषारोपण बंद करने का समय
कल्याणी शंकर - 2024-11-26 11:04 UTC
दिल्ली के निवासियों को हर साल प्रदूषण का सामना क्यों करना पड़ता है, जबकि शासक वर्ग इसके लिए पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने को दोषी ठहराता है? क्या वे इस बात पर बहस करने के बजाय कि पराली जलाने वाली मशीनों और अन्य संबंधित खर्चों का भुगतान कौन करेगा, इसका स्थायी समाधान नहीं खोज सकते? दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सीमा से आठ गुना अधिक है। यह उस स्तर पर पहुंच गया है जहां न्यायपालिका, कार्यपालिका और संसद एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं और प्रदूषण का गंभीर स्तर जारी है।

उपचुनावों में तृणमूल की जीत से ममता की इंडिया ब्लॉक में स्थिति मजबूत

2011 से भाजपा को लगातार हराने वाली तृणमूल कांग्रेस एकमात्र राजनीतिक पार्टी
सात्यकी चक्रवर्ती - 2024-11-25 10:42 UTC
पश्चिम बंगाल में छह विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की जीत तृणमूल नेतृत्व की उम्मीदों से भी शानदार रही। 2021 के विधानसभा चुनावों में छह सीटों में से एक मदारीहाट सीट भाजपा के पास थी, जबकि अन्य पांच सीटें तृणमूल के पास थीं। उपचुनावों में, जिसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए, टीएमसी ने न केवल अपनी पांच सीटों को बहुत बड़े अंतर से बरकरार रखा, बल्कि भाजपा की सीट पर उसके उम्मीदवार को 30,000 से अधिक मतों से हराकर सभी छह सीटों पर कब्जा कर लिया। 2021 के चुनावों में, भाजपा ने टीएमसी को 29,000 मतों से हराकर मदारीहाट सीट जीती थी।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को अब जेपीसी गठित करने पर सहमत हो जाना चाहिए

गौतम अडानी की गिरफ्तारी की अमेरिकी मांग से निपटने का यह सबसे अच्छा विकल्प
सुशील कुट्टी - 2024-11-23 10:44 UTC
मीडिया को अरबपति गौतम अडानी के कई कारनामों की रिपोर्टिंग करते समय "कथित" शब्द का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए। इतने अमीर व्यक्ति को रिश्वत देने और धोखाधड़ी करने की क्या जरूरत है? "कथित" शब्द आरोप की गंभीरता को कम कर देता है और उस व्यक्ति को आंशिक रूप से दोषमुक्त कर देता है, जिसके उच्च पदों पर मित्र हैं। चूंकि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को अडानी से सम्बद्धता का दोषी माना जाता है इसलिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच स्थापित करने का यह और भी बड़ा कारण होगा, ताकि मिलीभगत के आरोप से वह मुक्त हो सकें।

पुतिन का परमाणु सिद्धांत को सख्त बनाना यूक्रेन के यूरोपीय सहयोगियों को लक्षित

अगर ट्रम्प सत्ता संभालने के बाद इससे नहीं निपटते तो भड़क सकता है युद्ध
अंजन रॉय - 2024-11-22 11:01 UTC
मानो हमला करने के लिए उन्हें किसी सिद्धांत की आवश्यकता थी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तथाकथित रूसी परमाणु सिद्धांत में संशोधन किया है। इस बदलाव के तहत रूस को परमाणु हथियारों से लैस किसी गैर-परमाणु देश पर भी हमला करने का अधिकार है, बशर्ते कि उसे परमाणु हथियारों वाले किसी देश का "समर्थन" प्राप्त हो।

जी20 द्वारा की गयी घोषणा सकारात्मक, लेकिन ठोस कदम सीमित

ध्यान मुख्य रूप से तात्कालिक कार्रवाई के बजाय दीर्घकालिक लक्ष्यों पर
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-11-21 10:51 UTC
जी20 मेजबान ने रियो डी जेनेरियो घोषणा को "ऐतिहासिक" कहा है क्योंकि नेताओं ने अरबपतियों पर कर लगाने, असमानताओं से निपटने और सतत विकास और गरीबी के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु कार्रवाई के लिए समर्थन करने की प्रतिबद्धता जतायी है, लेकिन इसमें सीमित ठोस कदम उठाये गये हैं और ध्यान तात्कालिक कार्रवाई के बजाय दीर्घकालिक लक्ष्यों पर दिया गया।

बिहार में शिक्षकों की भर्ती में धोखाधड़ी के कारण बढ़ी स्कूली शिक्षा की मुश्किलें

न्यायालय की कार्यवाही और जांच के बाद छात्रों की कक्षाओं पर प्रतिकूल प्रभाव
अरुण कुमार श्रीवास्तव - 2024-11-20 10:45 UTC
तीन महीने से भी कम समय (नवंबर 2023 से जनवरी 2024) में 2 लाख से अधिक स्कूली शिक्षकों की भर्ती के बाद, बिहार स्कूली शिक्षा शिक्षक उम्मीदवारों द्वारा अपनी नियुक्ति के लिए इस्तेमाल किये गये फर्जी दस्तावेजों की खबरों से त्रस्त है। स्थानांतरण अनुरोधों से निपटने के लिए ई-सेवा पुस्तिका और एक समर्पित पोर्टल जैसी प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं। इन प्लेटफार्मों का उपयोग शिक्षकों द्वारा जमा किये गये दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के लिए भी किया जायेगा। सूत्रों का दावा है कि इससे हजारों शिक्षकों की नौकरी जा सकती है।

हिंदू धर्म प्रचारकों को चाहिए वक्फ बोर्ड की तर्ज पर सनातन बोर्ड

साधुओं के आक्रामक रुख से अनभिज्ञ भाजपा और आरएसएस
सुशील कुट्टी - 2024-11-19 10:54 UTC
दिल्ली में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया, जिसमें “उग्र” हिंदू धार्मिक प्रचारकों और ‘हिंदू संतों’ ने वक्फ बोर्ड की तर्ज पर ‘सनातन बोर्ड’ के गठन का आह्वान किया। धर्म संसद में ‘वक्फ बोर्ड’ को नष्ट करने या सनातन बोर्ड की स्थापना (“अभी नहीं तो कभी नहीं”) के आह्वान के साथ उग्र भाषण दिये गये। “संतों” और उनके अनुयायियों की सभा का नेतृत्व एक हिंदू उपदेशक देवकीनंदन ठाकुर ने किया, जिन्होंने ‘धर्म संसद’ का नेतृत्व संभाला। ठाकुर ने आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण से ‘सनातन बोर्ड’ के बारे में सुना होगा, जिन्होंने प्रयोगशाला परीक्षणों में “तिरुपति लड्डू प्रसादम” में पशु वसा की मौजूदगी का पता चलने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ के निर्माण का प्रस्ताव रखा था। कल्याण ने ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ की रूपरेखा प्रसारित की।

पश्चिमी एजंसियां पूर्वोत्तर भारत में अलगाववाद को हवा देने में सक्रिय

मोदी सरकार को बांग्लादेश से सबक लेकर सतर्क रहना चाहिए
आशीष विश्वास - 2024-11-18 11:00 UTC
कोलकाता: भारतीय विदेश नीति के वे बाज़, जो दुनिया को खुशी-खुशी याद दिलाते हैं कि दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका तेजी से प्रगति कर रहे भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना रणनीतिक रक्षा साझेदार मानता है, जल्द ही एक अग्नि परीक्षा का सामना कर सकता है। उनकी बयानबाजी झूठी निकली जब वाशिंगटन-दिल्ली की दोस्ती अमेरिका को भारत के मित्र बांग्लादेश में सत्तारूढ़ शासन को गिराने नहीं रोक पायी, जो ताजा उदाहरण है।