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भारत

दिल्ली का राजनैतिक अनिश्चय

विधानसभा का चुनाव ही सही विकल्प है
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-09-11 12:54 UTC
दिल्ली में सरकार बने या विधानसभा का ताजा चुनाव हो, इसे लेकर जो अनिश्चय बना हुआ है, वह समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। यह अनिश्चय कोई आज का नहीं है, बल्कि फरवरी महीने में जब अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दिया और विधानसभा भंग करने की मांग की थी, उसी समय से ऐसी स्थिति बनी हुई है। कायदे से उसी समय केजरी सरकार की अनुशंसा स्वीकार करके विधानसभा भंग कर दी जानी चाहिए थी, क्योंकि उस समय केजरीवाल की सरकार पूर्ण बहुमत की सरकार थी। बाहर से समर्थन दे रही कांग्रेस ने उससे समर्थन वापस नहीं लिया था। यह सच है कि एक बिल पास करवाने में वह सरकार विधानसभा में विफल हो गई थी, लेकिन वह बिल वित्तीय विधेयक नहीं था, जिसके पराजित होने से यह मान लिया जाय कि सरकार विधानसभा में गिर चुकी है।

दिल्ली में 25 होगा से निःशक्त कन्याओं का निःशुल्क आॅपरेशन

एस एन वर्मा - 2014-09-10 14:37 UTC
नई दिल्ली । नारायण सेवा संस्थान के तत्वाधान में नेकीराम गुप्ता पार्क के समीप स्थित अग्रवाल भवन (पूर्वी पंजाबी बाग) नई दिल्ली में आगामी 25 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2014 तक विशाल निःशुल्क मां दुर्गा स्वरूपा निःशक्त कन्या शल्य चिकित्सा एवं पूजन शिविर का आयोजन किया जा रहा हैं। जिसका समापन 201 निःशक्त कन्याओं के पूजन के साथ 2 अक्टूबर को होगा।
भारत

उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण पर जोर

प्रदीप कपूर - 2014-09-10 12:37 UTC
लखनऊः आगामी 13 सितंबर को उत्तर प्रदेश के 11 विधानसभा क्षेत्रों और एक लोकसभा क्षेत्र के लिए मतदान होंगे। मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही हो रहा है और कांग्रेस व बहुजन समाज पार्टी की भूमिका सिर्फ सपा और भाजपा के उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ने और बनाने तक सीमित है। इसका कारण यह है कि बहुजन समाज पार्टी खुद चुनाव नहीं लड़ रही है, जबकि कांग्रेस चुनाव लड़ते हुए भी चुनावी संग्राम से बाहर हो गई है।
भारत

नगा के जाम से मणिपुर को भारी नुकसान

केन्द्र को सख्ती करनी होगी
बरुण दास गुप्ता - 2014-09-09 11:46 UTC
कोलकाताः मणिपुर के नगा एक बार फिर अपनी पुरानी रौ में हैं। मणिपुर के नगा बाहुल्य वाले उखरुल जिले के एक गांव में कुछ नगाओं की मणिपुर पुलिस से मुठभेड़ हो गई, जिसमें दो नगा मारे गए और कई घायल हो गए। उसके बाद मणिपुर के नगा संगठनों के महासंघ यूनाइटेड नगा काउंसिल ने 4 सितंबर से अनिश्चितकालीन आर्थिक ब्लाॅकेड कर रखा है।

भारतीय जेलों में कैदियों का रेला और सरकारी कवायद

एम. वाई. सिद्दीकी - 2014-09-08 12:45 UTC
सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भारत के जेलों में कैदियों का रेला यानी क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या कम नहीं हो रही है। जेलों की संख्या बढ़ाने से लेकर बैरकों की संख्या दोगुना करने की सरकारी कवायद के बावजूद देश के जेलों की क्षमता से 112 प्रतिशत ज्यादा कैदी ठूंसे हुए हैं। गृह मंत्रालय के गैर योजना स्कीम के तहत 1800 करोड़ रुपये जेलों के आधुनिकीकरण पर खर्र्च करने की योजना भी जेलों की सेहत सुधारने में कोई खास भूमिका अदा नहीं कर पाई। इस योजना के तहत केंद्र-राज्य को क्रमश: 75:25 के अनुपात में खर्र्च करने हैं।
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सदाशिवम ने गलत परंपरा शुरू की

रिटायर जजों को राज्यपाल नहीं बनना चाहिए
हरिहर स्वरूप - 2014-09-08 12:43 UTC
प्रधान न्यायाधीश के पद पर रहे व्यक्ति को राज्यपाल बनाने से कौन सा संदेश देश भर में जाता है? पूर्व प्रधान न्यायाधीश सदाशिवम को केरल का राज्यपाल बना दिया गया। अपने किस्म की यह पहली घटना है। इसके पहले कभी भी किसी सेवानिवृत न्यायाधीश को राज्यपाल नहीं बनाया गया था। सदाशिवम चार महीना पहले ही अपने पद से रिटायर हुए थे। उनके द्वारा गवर्नर का पद हासिल किए जाने की आलोचना हो रही है। सबसे कड़ी आलोचना प्रमुख न्यायवादी फली नरीमन ने की है।
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शारदा घोटाले की आंच ममता तक पहुंची

तृणमूल नेतृत्व में खलबली
आशीष बिश्वास - 2014-09-06 10:32 UTC
क्या ममता बनर्जी लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, मायावती और जयललिता के उस क्लब में शामिल होने जा रही हैं, जिनके खिलाफ सीबीआई की जांच चल रही है? यह सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है, क्योंकि शारदा चिट फंड कंपनी के घोटाले की जांच की आंच अब सुश्री बनर्जी तक पहुंचने लगी है।
भारत

नरेन्द्र मोदी ने विदेशी मोर्चे पर सफलता पाई

अभी भी हो रही है देश में उनकी वाहवाही
कल्याणी शंकर - 2014-09-05 11:50 UTC
अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद भी नरेन्द्र मोदी को देश के लोगों की वाहवाही मिल रही है। वे अभी भी लोगों की उम्मीद बने हुए हैं और उनके प्रशंसकों की संख्या कम नहीं हुई है। भले ही उनके विरोधी उनके 100 दिनों के कार्यकाल की नाकामियों को गिनाने में लगे हुए हों और बाल की खाल निकाल रहे हों, लेकिन आम लोगों का यही कहना है कि अभी तक नरेन्द्र मोदी का कार्यकाल ठीक रहा है और उन्होंने अभी तक कोई बड़ी गलती नहीं की है। उन्होंने अपने कुछ वायदों को पूरा किया है और कुछ वायदे पूरे करने बाकी हैं। उनके समर्थक कहते हैं कि उन्हें जनादेश 5 सालों के लिए मिला था और 100 दिन सफलता या विफलता को मापने के लिए कुछ भी नहीं है।
भारत

प्रधानमंत्री की जापान यात्रा

भारत को मिली भारी सफलता
सुब्रत मजूमदार - 2014-09-04 13:42 UTC
गुजरात के मुख्यमंत्री के अपने कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी की कोशिश अपने प्रदेश में जापानी निवेश आकर्षित करने की होती थी। वे 2007 और 2012 में जापान गए भी थे। प्रधानमंत्री के रूप में अपनी जापान यात्रा में उन्होंने भारत जापान संबंधों का एक नया अध्याय लिखने की कोशिश की। उन्होंने सामरिक आर्थिक संबंधों से आगे बढ़कर जापान के साथ ग्लोबल पार्टनरशिप स्थापित करने की कोशिश की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत और जापान एशिया के दो सबसे पुराने लोकतंत्र हैं और महादेश की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की दुनिया का भविष्य एशियाई देशों से ही निर्धारित होगा और भारत व जापान का द्विपक्षीय संबंध 21वीं सदी दुनिया के विकास का इंजन बनेगा।
भारत

सौ दिन मोदी सरकार के

बेहतर भविष्य की संभावनाओं से भरपूर
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-09-03 12:50 UTC
नरेन्द्र मोदी सरकार के सौ दिन पूरे हो गए हैं। किसी भी सरकार की उपलब्धियों का आकलन करने के लिए 100 दिन का समय काफी नहीं होता है। खासकर भारत जहां की सारी व्यवस्थाएं बहुत ही सुस्त हैं, शुरुआती 100 दिन में किसी प्रकार की उपलब्धि की उम्मीद भी कोई मायने नहीं रखती। फिर भी देश की जनता ने जिस आशा और विश्वास के साथ नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने के लिए मतदान किया, उस माहौल में नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए कुछ कर गुजरना बहुत जरूरी था और यदि कहा जाय कि मोदी ने अपने समर्थक मतदाताओं को निराश नहीं किया है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं होगा।