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महाराज गंज में जद(यू) की हार

मोदी का विरोध भारी पड़ा नीतीश को
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-06-06 15:28
बिहार के महाराजगंज लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में जद(यू) उम्मीदवार की करारी हार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। यह सच है कि यहां पिछले लोकसभा आमचुनाव में भी उनके दल के उम्मीदवार की हार हुई थी, लेकिन वह हार महज 27 सौ वोटो से ही हुई थी, पर इस उपचुनाव में उनके दल का उम्मीदवार 1 लाख 37 हजार से भी ज्यादा मतों से हारा।

अन्ना हजारे का उत्थान और पतन

सत्याग्रह जब खुराफाती लगने लगा
अमूल्य गांगुली - 2013-06-05 09:55
अन्ना हजारे की सक्रियता का बुखार उतर गया है। इसमें टिकने की शक्ति थी ही नहीं। इसका पता तो उसी समय लग गया था, जब आंदोलन का स्थान दिल्ली से बदलकर मुंबई कर दिया गया था। यह दिसंबर 2011 की घटना थी। उस समय अन्ना के आंदोलन में उतने लोग नहीं उमड़ रहे थे, जितने उसी साल अगस्त और मई के आंदोलन में दिखाई पड़े थे। मुंबई के बांद्रा कुर्ला परिसर मैदान में अन्ना का वह आंदोलन शुरू हुआ था और उसका एक बड़ा हिस्सा खाली दिखाई पड़ रहा था।

बस्तर के खून खराबे का सच

दशकों की उपेक्षा ने माओवाद पैदा किया है
हरिहर स्वरूप - 2013-06-04 10:14
बस्तर के आदिवासियों के दशकों से हो रहे शोषण ने आज वहां वह समस्या पैदा की है, जिसे हम माओवादी उग्रवाद कहते हैं। कुछ दिन पहले इस उग्रवाद के शिकार 29 लोग हुए, जिनमें कांग्रेस के नेता महेन्द्र कर्मा, छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नन्द कुमार पटेल और उनके एक बेटे मारे गए। एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विद्या चरण शुक्ल उस हमले में बुरी तरह घायल हुए हैं और जिंदगी व मौत के बीच गुड़गांव के एक अस्पताल में जूझ रहे हैं।

बीसीसीआई बन गया है भ्रष्टाचार का अड्डा

सरकारी दखल से ही इसकी सफाई को सकती है
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-06-03 10:35
पिछले 2 जून को बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) की बैठक में जो कुछ हुआ वह अप्रत्याशित नहीं था। यह तो टीवी चैनलों द्वारा खबरों में सनसनी पैदा करने की आदत है, जिसके कारण लग रहा था कि श्रीनिवासन इस्तीफा दे देंगे अथवा उनपर बर्खास्तगी का खतरा उस बैठक में मंडराता दिखाई पड़ेगा।

खराब रिकार्ड के साथ यूपीए मांगेगा जनादेश

चुनावी विवशताएं अब सुधार एजेंडे को बढ़ने नहीं देंगी
एस सेतुरमन - 2013-05-31 11:17
यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल की उपलब्धियां पहले कार्यकाल की उपलब्धियों के आगे कहीं नहीं ठहरतीं। इसमें कोई शक नहीं है कि दूसरे कार्यकाल की शुरुआत जब यूपीए सरकार ने की थी, तो उस समय भारत भी विश्वव्यापी आर्थिक संकट के आगोश में आ गया था। इसके कारण दुनिया के अन्य देशों की तरह यह भी अपने राजकोषीय असंतुलन को संतुलित करने के लिए संघर्ष कर रहा था।

लैपटाप की क्या बात, यहां तो सामूहिक विवाह कराए जाते हैं

सरकार विफलता को छिपाने के लिए लोगों को दे रही है तोहफे
एलएस हरदेनिया - 2013-05-31 07:43
भोपालः यदि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव मे जीत हासिल करती है, तो इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज चैहान द्वारा की जा रही सोशल इंजीनियरिंग जिम्मेदार होगी। मुख्यमंत्री सत्ता संभालने के बाद से ही इस इंजीनियरिंग में लगे हुए हैं। शिवराज और उनकी पार्टी को पता है कि पिछले 10 साल के शासनकाल में उन्होंने लोगों की मूल समस्याओं को हल नहीं किया है।

राम जेठमलानी का भाजपा से निष्कासन

क्या नरेन्द्र मोदी के खिलाफ संसदीय बोर्ड का पहला कदम है
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-05-31 07:39
राम जेठमलानी के भारतीय जनता पार्टी के निकाले जाने के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद ने प्रतिक्रिया दी कि भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा नरेन्द्र मोदी के खिलाफ उठाया गया यह पहला कदम है। सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस के प्रवक्ता एक सच्चाई का बयान कर रहे थे या वे सिर्फ भाजपा की अंदररूनी लड़ाई पर मजे ले रहे थे?

राहुल ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस को फिर से गठित किया

नई कमिटी करेगी चुनाव की तैयारी
प्रदीप कपूर - 2013-05-28 10:20
लखनऊः आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी के संगठन में व्यापक फेरबदल कर डाले हैं। ऐसा करके उन्होंने एक तरह से प्रदेश में पार्टी की तरफ से खुद ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।

लोकसभा चुनाव नतीजों पर हो रहे सर्वेक्षण

फिलहाल विधानसभा के चुनाव ज्यादा मायने रखते हैं
हरिहर स्वरूप - 2013-05-27 10:28
लोकसभा चुनाव के अभी करीब एक साल बाकी हैं, लेकिन उसके नतीजों को लेकर अटकलबाजियां शुरू हो गई हैं और अनेक एजेंसियां और मीडिया संस्थान उसके नतीजे जानने के लिए सर्वेक्षण भी कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण का निष्कर्ष है कि अगली सरकार भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की होगी। सभी सर्वेक्षण गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश का सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता बता रहे हैं।

संप्रग के नौ साल: नेतृत्व की महिमा कहां है?

अवधेश कुमार - 2013-05-25 15:20
जब मनमोहन सिंह को पी. वी. नरसिंह राव ने 1991 में वित्त मंत्री बनाया था, तो उस समय इन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी कि आने वाले दिनों में वे प्रधानमंत्री बनेंगे और जवाहरलाल नेहरु तथा इंदिरा गांधी के बाद लगातार सबसे लंबे समय तक पद पर रहने का रिकार्ड भी बना लेंगे। जी, हां, देख लीजिए, उन्होंने नौ साल का कार्यकाल पूरा किया और यदि कांगेस ने बीच में चुनाव कराने का निर्णय नहीं लिया तथा सपा का साथ जारी रहा तो वे दस वर्ष भी पूरा कर लेंगे।