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भारत

राजनीति अपने सबसे नीचले स्तर पर

उपेन्द्र प्रसाद - 2014-05-10 16:14
मतदान के अंतिम दौर में जाति का वह भी खासकर मोदी की जाति का जो सवाल खड़ा हुआ है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। नरेन्द्र मोदी की जाति ओबीसी श्रेणी में आती है, यह देश के अनेक राजनीतिज्ञों को पहले से ही पता था। जाति हमारे राजनैतिक सोच का एक बड़ा हिस्सा है, इसलिए राजनेता भी एक दूसरे की जाति सूंघने की कोशिश करते रहते हैं। इसलिए उन लोगों से नरेन्द्र मोदी की जाति छिपी हुई नहीं थी। पर मोदी की एक खासियत यह है कि उन्होंने इस लोकसभा चुनाव से पहले जाति की राजनीति कभी नहीं की। कहते हैं कि जब भाजपा नेताओं ने राजनीति के तहत मोदी की जाति का कार्ड खेलने का प्रस्ताव रखा था, तो उन्होंने इसका विरोध किया था। उनके समर्थकों में अगड़ी जातियों के लोगों की संख्या भी बहुत अच्छी है और वे नहीं चाहते थे कि पिछड़ा कार्ड खेलकर वे अगड़ी जातियों में अपनी स्वीकार्यता को कम करें। उनकी शिकायत थी कि उनको राजनैतिक रूप से कमजोर करने के लिए गुजरात में कांग्रेस ने उनकी पिछड़ी जाति के होने का कार्ड खेला था।
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दो लोकसभा क्षेत्रों पर सबकी नजर

अनुचित तुलना के कारण मूल विषय नजरअंदाज
कल्याणी शंकर - 2014-05-09 10:05
उत्तर प्रदेश के दो लोकसभा क्षेत्रों पर मीडिया की निगाह सबसे ज्यादा है। सच कहा जाय तो इन दोनों पर निगाहें जरूरत से ज्यादा है। ये क्षेत्र हैं अमेठी और बनारस। उन दोनों क्षेत्रों में प्रधानमंत्री पद के दो दावेदार चुनाव लड़ रहे हैं। बनारस से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं, तो अमेठी से कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं। नरेन्द्र मोदी को तो भारतीय जनता पार्टी और उसके नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने तो बतौर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश कर रखा है, जबकि कांग्रेस को ऐसा करने की जरूरत ही नहीं पड़ी है, क्योंकि राहुल गांधी उसके सहज अघोषित प्रधानमंत्री उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा भी है कि यदि चुनाव होने के बाद सांसद उन्हें प्रधानमंत्री बनाना चाहेंगे, तो उन्हें यह चुनौती स्वीकार होगी।
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केरल कांग्रेस में एक और संकट

बार लाइसेंस पर नेताओं में ठनी
पी श्रीकुमारन - 2014-05-08 15:48
तिरुअनंतपुरमः लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में अब 10 से भी कम दिन रह गए हैं और इधर केरल प्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर से घमासान शुरू हो गया है। एक ऐसा विवाद शुरू हो गया है, जिसमें केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष वी एम सुधीरन और केरल के मुख्यमंत्री वुमन चांडी परस्पर विरोधी विचार व्यक्त कर रहे हैं।
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तीसरे मोर्चे की सरकार क्या संभव है?

ममता, वाम मोर्चा और आम आदमी पार्टी को साथ आना होगा
नित्य चक्रवर्ती - 2014-05-07 17:16
नई दिल्लीः पिछले सप्ताह शनिवार को सीपीएम के महासचिव प्रकाश करात ने घोषणा की कि उनकी पार्टी नरेन्द्र मोदी को सत्ता से बाहर रखने के लिए किसी भी गठबंधन का समर्थन करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को उस धर्मनिरपेक्ष विकल्प का हिस्सा होना चाहिए। आखिरकार सीपीएम ने वाममोर्चा की स्थिति स्पष्ट कर ही दी, लेकिन यह बहुत विलंब से किया गया, क्योंकि देश की अधिकांश सीटों पर मतदान हो चुके हैं। इसके बावजूद इस बयान का महत्व है, क्योंकि 16 मई को नतीजे आने के बाद यह मोदी विरोधी तालमेल का प्रस्थान बिन्दु हो सकता है।
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अंतिम दौर में पहुंचा लोकसभा चुनाव

जोड़तोड़ की चर्चा शुरू
एस सेतुरमन - 2014-05-06 11:57
लोकसभा चुनाव की लंबी प्रक्रिया जल्द ही समाप्त हो जाएगी। अंतिम चरण का मतदान 12 अप्रैल को होगा। इस बीच नतीजों के बाद की स्थिति के बारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं। अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है। एक सवाल यह खड़ा किया जा रहा है कि यदि लोकसभा त्रिशंकु रही, तो फिर क्या होगा?
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उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बेहतर प्रदर्शन का दावा

मतदान प्रतिशत बढ़ने के लिए मोदी प्रभाव का भाजपाई राग
प्रदीप कपूर - 2014-05-05 17:10
लखनऊः उत्तर प्रदेश में अबतक हुए मतदान में मुस्लिम समर्थन से उत्साहित सपा नेताओं ने अपनी बड़ी जीत का दावा करना शरू कर दिया है। उत्साह में आकर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मतदान संपन्न होने वाले 47 लोकसभा क्षेत्रों में 30 पर जीतने का दावा किया है।
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कोरी कल्पना और धोखा का नमूना है संजय बारू की यह किताब

एम.वाई. सिद्दिकी - 2014-05-04 14:35
यह कोरी कल्पना कथा उस परी कथा से भी चार मील आगे है जिसमें कथाकार का परिचय कभी किसी परियों की रानी या राजकुमार से नहीं हुआ। जी हां, हम उसी प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब के बारे में बात कर रहे हैं जो आत्मशुद्घि के नाम पर अपने आप को भी धोखा देते हुए अवसरवादिता का परम उदाहरण पेश किया है। यूपीए-1 में चार वर्षों तक प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार/प्रेस सचिव रहे संजय बारू ने अपनी कुंठा को प्रदर्शित करते हुए मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री पद पर हुई ताजपोशी को अपनी मिथ्या का हथियार बनाते हुए झूठी, कोरी और अकथनीय कल्पना सामने लाने का कार्य किया है। किताब में लिखित तथ्य तर्क-वितर्क के जाल में उन्हें ही जकड़ लिया है।
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कौन बनेगा प्रधानमंत्री

दिल्ली के सत्ता गलियारों में अटकलबाजियों का दौर
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-05-03 09:33
नई दिल्लीः देश की अधिकांश लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुके हैं और 16 मई का दिन तेजी से नजदीक आ रहा है। उसी दिन मतों की गिनती होगी और लोगों का क्या जनादेश है यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा। पर इस बीच दिल्ली की सत्ता के गलियारों में अगले प्रधानमंत्री के बारे में अटकलबाजियां शुरू हो गई हैं।
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क्षेत्रीय नेताओं को मोदी से खतरा

विकास के ऊपर जाति और संप्रदाय हावी
कल्याणी शंकर - 2014-05-03 09:25
लोकसभा चुनाव अब समाप्ति को आ रहा है और राजनैतिक पार्टियों चुनाव के बाद उभरने वाली संभावनाओं की ओर देख रहे हैं और अभी से उनके अनुसार अपने को तैयार करने में लगे हुए हैं। आम धारणा यह है कि इस चुनाव के बाद लोकसभा त्रिशंकु होगी। लेकिन चुनावी परिणामों का जो ताजा इतिहास रहा है, उसे देखते हुए हम कुछ आश्चर्यजनक नतीजों की भी उम्मीद कर सकते हैं।
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पूर्वोत्तर में भी कमजोर हो गई है कांग्रेस

मोदी लहर भाजपा की सीटें बढ़ा सकती है
बरुण दास गुप्ता - 2014-05-01 10:46
कोलकाताः पूर्वाेत्तर के सात प्रदेश लोकसभा में 23 सांसद भेजते हैं। असम सबसे ज्यादा 14 सांसद भेजता है। मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर से दो दो सांसद वहां जाते हैं, तो नगालैंड, मिजोरम और अरुणाचल से एक एक सांसद लोकसभा में बैठते हैं। इन राज्योें में इस बार कांग्रेस की स्थिति कमजोर दिखाई पड़ रही है और नरेन्द्र मोदी की लहर यहां भी प्रवेश कर गई है, जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी के इस बार यहां बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।