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झारखंड में भाजपा की राह आसान नहीं

उपेन्द्र प्रसाद - 2014-03-04 12:09
झारखंड में एक बार फिर दलबदल का दौर शुरू हो चुका है। विधायकों द्वारा दलबदल ही नहीं, बल्कि पार्टियों द्वारा पाला बदल भी बिहार के विभाजन से निकले इस प्रदेश में होता रहा है और इसके कारण राजनैतिक अस्थिरता इसका स्थायी भाव बनी हुर्इ है। इस तरह के असिथर राजनैतिक माहौल में चुनावी आकलन करना आसान नहीं होता, लेकिन इतना तो कहा जा सकता है कि झारखंड परंपरागत तौर पर भारतीय जनता पार्टी का एक मजबूत गढ़ रहा है।

मोदी खेमे में पासवान: कांग्रेस की योजना को झटका

हरिहर स्वरूप - 2014-03-03 12:10
कुछ साल पहले लालू यादव ने रामविलास पासवान को अभागा कहा था, लेकि अब पासवान नरेन्द्र मोदी के खेमें में शामिल होकर अपने आपको भाग्यवान बना रहे हैं। वे 12 सालों में बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हुए हैं। 2002 में उन्होंने वाजपेयी सरकार से इस्तीफा दे दिया था और अपनी पार्टी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर भी कर लिया था। इसका कारण था गुजरात मे गोधरा के ट्रेन जलने के बाद हुए सांप्रदायिक दंगा। उन दंगों के लिए रामविलास पासवान मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिम्मेदार बता रहे थे और केन्द्र सरका द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने का विरोध कर रहे थे।

आम आदमी पार्टी केरल में तीसरा विकल्प

सात सीटों पर दे सकती है यह अपने उम्मीदवार
पी श्रीकुमारन - 2014-03-01 10:56
तिरुअनंतपुरमः नवगठित आम आदमी पार्टी केरल में तीसरा विकल्प बनने की जबर्दस्त कोशिश कर रही है। सवाल उठता है कि जिस कोशिश में अब तक भारतीय जनता पार्टी यहां विफल रही है, उसमें क्या आम आदमी पार्टी सफल हो पाएगी?

तेलंगाना गठन का कानून बनने के बाद अब क्या होगा

क्या कांग्रेस अपने संकट से निजात पा सकेगी?
कल्याणी शंकर - 2014-02-28 12:13
संसद से तेलंगाना के गठन का कानून पास हो चुका है और अब विधेयक राष्ट्रपति के दस्तखत का इंतजार कर रहा है। सवाल उठता हे कि इसके राजनैतिक और चुनावी परिणाम क्या होंगे? यदि टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) ने अपने वायदे के अनुसार अपना विलय कांग्रेस में नहीं कराया, तो फिर कांग्रेस के गठन पूर्व राजनैतिक आकलन का क्या होगा? क्या टीआरएस कांग्रेस में अपना विलय करेगा या सिर्फ अपने आपको कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए ही प्रस्तुत करेगा? ये सब कुछ ऐसे सवाल हैं, जो आज सबके जुबान पर हैं।

नरेन्द्र मोदी की शरण में रामविलास

मुस्लिमपरस्त सेकुलरिज्म की भी एक सीमा है
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-02-27 14:09
रामविलास पासवान द्वारा नरेन्द्र मोदी की शरण में जाने की तैयारी भारतीय राजनीति के पतन की एक और कहानी कहती है। मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए पासवान ने 2002 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोड़ दिया था। उस समय वे केन्द्र सरकार में मंत्री भी थे। उन्होंने मंत्री का पद भी छोड़ दिया था। उसके बाद वे लगातार नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते रहे। यही नहीं यदि नीतीश कुमार जैसा कोई अन्य नेता मोदी की आलोचना में उतरता, तो रामविलास उसे अपने त्याग की याद दिलाते और कहते कि त्याग उन्होंने किया है, लिहाजा असली सेकुलर वही हैं।

क्या ममता और अन्ना का गठबंधन कामयाब होगा?

केजरीवाल को पटकनी देने का हजारे का प्रयास
अमूल्य गांगुली - 2014-02-26 11:51
काली मिर्च लोकसभा में स्प्रे करने से लेकर राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के प्रयासों के इस युग में यदि कहीं कहीं राजनैतिक कॉमेडी भी हो रही है। अन्ना और ममता बनर्जी का गठबंधन भी एक राजनैतिक कॉमेडी ही है।

पश्चिम बंगाल में आम आदमी पार्टी: भाजपा और ममता को परेशानी

शंकर रे - 2014-02-25 12:14
पश्चिम बंगाल में भाजपा की परेशानी का सबब बन गया है आम आदमी पार्टी का यहां से अपने 9 उम्मीदवार उतारने का फैसला। इसके अलावा भाजपा अन्ना हजारे द्वारा ममता का समर्थन किए जाने के कारण भी परेशान है। यह सच है कि आम आदमी पार्टी को एक भी सीट यहां से नहीं मिलेगी और उसके सभी उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो जाएगी, लेकिन सच यह भी है कि इसके कारण तृणमूल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और वाम मोर्चा के उम्मीदवारों के वोट कटेंगे।

अभी समाप्त नहीं हुआ है तेलंगाना मुद्दा

कांग्रेस का खेल बिगड़ा
हरिहर स्वरूप - 2014-02-24 12:22
आंध्र प्रदेश कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। जब 1977 में कांग्रेस का पूरे उत्तर भारत से सफाया हो गया था, उस समय भी आंध्र प्रदेश में कांग्रेस जीती थी। रायबरेली से पराजित इन्दिरा गांधी तब मेडक लोकसभा क्षेत्र से एक उपचुनाव के द्वारा लोकसभा पहुंची थी। वह मेडक अब तेलंगाना राज्य का हिस्सा होगा। जाहिर है कि इन्दिरा गांधी के सबसे बुरे दिनों में आंध्र प्रदेश ने ही उनका साथ दिया था। 1989 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस की उत्तर भारत में भारी पराजय हो गई थी, तब उस समय भी आंध्र प्रदेश में उसकी जीत हुई थी। वह जीत इस तथ्य के बावजूद हुई थी कि उस समय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री गैर कांग्रेसी एनटीरामाराव थे।

विधानसभा द्वारा प्रस्ताव खारिज किए जाने के बावजूद तेलांगना का गठन

अवधेश कुमार - 2014-02-22 10:55
तेलांगना भारत के 29 वें राज्य के रुप में स्वीकृत हो गया। हालांकि अभी इसके व्यावहारिक और राजनीतिक रुप से अस्तित्व में आने में समय लगेगा, लेकिन संसद के दोनों सदनों द्वारा इसे पारित किए जाने के बाद हमने दो दृश्य एक साथ देखे। तेलांगना क्षेत्र में जहां खुशियां मनाईं गईं वहीं सीमांध्र में बंद और मातम जैसा दृश्य था। वस्तुतः संसद से लेकर सड़क तक इस राज्य के गठन के पूर्व ही जैसा तनावपूर्ण दृश्य दिखा और जिस तरह की घटनाएं हुईं वे कई दृष्टियों से भयभीत करने वाली हैं। लोकसभा में तो राज्य विधेयक जिस तरह पारित किया गया वह निस्संदेह, आपत्तिजनक था। सारे दरवाजे बंद, बाहर से भीतर तक काले गणवेश में डरावने सुरक्षाकर्मियों की फौज...बहस की कोई संभावना नहीं, लाइव प्रसारण स्थगित। पूरा वातावरण संसदीय लोकतंत्र की दृष्टि से असहज था।

राष्ट्रीय राजनीति में आम आदमी पार्टी

क्या दिल्ली को दुहरा पाएंगे केजरीवाल
कल्याणी शंकर - 2014-02-21 11:35
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बाद देश की राजनीति का भ्रम और भी बढ़ गया है। उनकी पार्टी भारी पैमाने पर लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रही है। कुल 543 में से 350 सीटों पर चुनाव लड़ने की उसकी योजना है।