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केन्द्र सरकार में पी चिदंबरम का कद घटा

उनकी इच्छा के खिलाफ हो रहे हैं काम
नन्तू बनर्जी - 2014-02-08 11:45
नई दिल्लीः एक समय पी चिदंबरम केन्द्र सरकार मे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बाद दूसरे सबसे ज्यादा शक्तिशाली मंत्री के रूप में जाने जाते थे। लेकिन अब उन्हें दरकिनार कर दिया गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि उन्होने सरकार के अंदर एक मितव्ययिता अभियान चलाने की कोशिश की थी। उस अभियान के कारण अन्य मंत्री और नौकरशाहों की सुख सुविधा पर खतरा मंडराने लगा। वे पी चिंदबरम के खिलाफ हो गए। उनके खिलाफ खड़े लोगों का नेतृत्व कोई और नहीं, बल्कि उनके द्वारा राजनीति मे आगे बढ़ाए गए जयराम रमेश ने किया।

क्या तीसरा मोर्चा संभव है?

क्षेत्रीय दलों ने फिर शुरू की इसे बनाने की कसरत
कल्याणी शंकर - 2014-02-07 13:05
क्या तीसरे मोर्चे एक बार फिर गठन को कोई स्कोप है? करीब दो दशक पहले तीसरे मोर्चे की दो सरकारें बनी थीं। उसके बाद इस मोर्चे की चर्चा ही होती रही। वह फिर कभी बना नहीं। 2014 के लोकसभा चुनावो के नजदीक आने केे साथ इसकी एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। इस समय यूपीए और एनडीए के घटक दलों की संख्या बहुत कम हो गई है। अधिकांश क्षेत्रीय पार्टियां औपचारिक रूप से आज न तो एनडीए में हैं और न यूपीए में। इसलिए उनके कुछ नेता आपस में मिल बैठकर एक तीसरे मोर्चे के गठन की कसरत कर रहे हैं। उन्हें लगता हे कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद लोकसभा के त्रिशंकु हो जाने की अवस्था में तीसरे मोर्चे की सरकार बनाई जा सकती है।

पश्चिम एशिया से भारत के रिश्ते सुधरने के आसार

सीरिया में थोड़ी समस्या आ रही है
नित्य चक्रवर्ती - 2014-02-06 11:47
इस साल हम पश्चिम एशिया के साथ भारत के रिश्तों को गहराते देख सकते हैं। पश्चिम एशिया में धीरे धीरे राजनैतिक स्थिरता बनती दिखाई दे रही हैं। ईरान, इराक और सीरिया में स्थिति बेहतर हो रही है और मिश्र की सीसी सरकार भी वहां अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। इसके कारण वहां लोकतांत्रिक बदलाव आ रहे हैं। भारत सहित अन्य देशों के लिए यह एक अच्छा शगुन है। भारत के संबंध उन देशों से हमेशा अच्छे रहे हैं और उम्मीद की जाती है कि वहां की स्थितियां बेहतर होते के साथ हमारे रिश्ते उनसे और भी बेहतर होंगे।

केजरीवाल सरकार की उलटी गिनती क्या शुरू हो गई है?

केन्द्र के साथ फिर हो सकता है टकराव
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-02-05 11:46
नई दिल्लीः कुछ दिनों की घटनाओं से लगता है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के दिन पूरे हो रहे हैं। हालांकि पहले कहा जा रहा था और कुछ लोग आज भी कह रहे हैं कि यह सरकार कम से कम लोकसभा चुनाव तक चलेगी, लेकिन वर्तमान घटनाओं के संकेत हैं कि यह सरकार फरवरी महीने में या उसके कुछ दिनों के बाद ही गिर सकती है।

खोब्रागढ़े पर अमेरिका का दोहरा मानदंड

फ्रांसीसी राजनयिक को गंभीरतर मामले के बावजूद छोड़ा गया
नित्य चक्रबर्ती - 2014-02-04 12:24
नई दिल्लीः राजनयिक सूत्रों के अनुसार देवयानी खोब्रागढ़े अमेरिका के दोहरे मानदंड का शिकार हो गई हैं। अमेरिका कहना है कि देवयानी को राजनयिक होने के कारण अमेरिकी में कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है। यानी उनपर मुकदमा चलाने के खिलाफ उन्हें सहूलियत प्राप्त नहीं है। लेकिन फ्रांस के एक राजनयिक के मामले में अमेरिका की राय कुछ और है। सूत्र के अनुसार एक फ्रांसीसी राजनयिक पर देवयानी खोब्रागढ़े से भी बड़ा आरोप लगा था। लेकिन उन्हें राजनयिक छूट देते हुए उन पर मुकदमा नहीं चलाया गया। उन्हें फ्रांस वापस जाने की छूट दे दी गई। कुछ समय बाद उनका अमेरिका में एक राजनयिक के तौर पर एक बार फिर पदस्थापन भी हो गया।

राष्ट्र के प्रति एक बड़ा अपराध कर रहे हैं भारतीय राजनयिक

चीन के प्रति कूटनीति में भारत विफल
अशोक बी शर्मा - 2014-02-04 09:06
चीन के प्रति अपनी कूटनीति में भारत लगातार विफल रहा है। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों द्वारा उत्तरी क्षेत्र में राजनायिक रेखा और पूर्वी क्षेत्र में मैकमोहन रेखा को भारत की सीमा रेखा के रूप में निर्धारित किया गया था और उस पर जोर न देकर भारतीय राजनायिक राष्ट्र के प्रति एक बड़ा अपराध कर रहे हैं। वास्तविकता यह है कि आजादी के बाद भारत के आधिकारिक मानचित्र में इन दोनों रेखाओं को मान्यता दी गई है।

केरल सीपीएम का सच से सामना

क्या बाजी उसके हाथ से निकल चुकी है
पी श्रीकुमारन - 2014-02-03 10:58
राजनीति की राह हमेशा अनिश्चयों से भरी रहती है। मिनट मिनट मे स्थितियां बदलती रहती हैं। आप अच्छी स्थिति में होते हैं और मिनट भर के बाद आपको लगता है कि आप बुरे फंस गए। केरल सीपीए और उसके नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे ( एलडीएफ) के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। कुछ समय पहले तक उसके साथ सबकुछ ठीकठाक चल रहा था और उसे लग रहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में उसे भारी सफलता मिलेगी, लेकिन एक अदालती फैसले ने उसकी हालत खराब कर दी है। यह अदालती फैसला चन्द्रशेखरन की हत्या से संबंधित है।

मुलायम ने उत्तर प्रदेश में 60 सीट पर जीत का लक्ष्य बनाया

दलितों का वोट पाने का प्रयास
प्रदीप कपूर - 2014-02-01 10:57
लखनऊः उत्तर प्रदेश से लोकसभा में कुल 80 सांसद जाते हैं। मुलायम सिंह यादव बहुत पहले से कहते आ रहे हैं कि यहां से कम से कम 60 सीटों पर चुनाव जीतना चाहते हैं। पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के मंत्रियों एवं वरिष्ठ नेताओं की बैठक में श्री यादव ने एक बार फिर 60 सीटें हासिल करने के अपने लक्ष्य को दुहराया और उन्हें कहा कि इसे संभव बनाने के लिए पूरी पार्टी को कटिबद्ध होना पड़ेगा।

डीएमके का संकट: स्टालिन और अलागिरी आमने सामने

कल्याणी शंकर - 2014-01-31 11:07
तमिलनाडु में एक राजनैतिक पारिवारिक नाटक अपने पूरे सबाब पर है। डीएमके के सुप्रीमो करुणानिधि के दो बेटे स्टालिन और अलागिरी आमने सामने हैं और दोनों अपने पिता की राजनैतिक विरासत पर कब्जे की लड़ाई लड़ रहे हैं। करुणानिधि की परेशानी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। यह नाटक उस समय अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया, जब अलागिरह एक रोज सुबह 6 बजे ही अपने पिता के शयनकक्ष में जा धमके और कह डाला कि अगले 3 या 4 महीने में स्टालिन की मौत हो जाएगी। करुणानिधि ने अलागिरी की उस धमकी को सार्वजनिक कर दिया और अपने दूसरे बेटे स्टालिन की सुरक्षा की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिख डाला।

बिहार में भाजपा और यूपीए के बीच होगी सीधी टक्कर

क्या मोदी की लहर को रोक पाएंगे लालू?
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-01-30 11:55
देश के अधिकांश अन्य हिस्सों की तरह बिहार में भी मोदी की लहर चल रही है। इस लहर को रोकने के लिए लालू यादव ने यूपीए के घटक दलों को लामबंद करना शुरू कर दिया है। कुछ ही दिनों में बिहार मे यूपीए के चार घटक दल- कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, लोकजनशक्ति पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच सीटों का बंटवारा भी हो जाएगा। पिछले लोकसभा चुनाव में ये सभी एक साथ मिलकर नहीं लड़े थे। लालू और रामविलास पासवान की पार्टियां एक साथ थीं, तो कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने अलग अलग चुनाव लड़ा था। पर इस बार वे कोई जोखिम नहीं लेना चाहते, क्योंकि बिहार में मोदी का मैजिक वे सभी देख रहे हैं।