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वर्ष के आगाज की यह उम्मीद

अंत निराशानक नहीं हो सकता
अवधेश कुमार - 2013-01-07 13:15
वर्ष 2012 का अंत अगर हमारे देश की बेटी की भयानक त्रासदी के साथ हुई तो दूसरी ओर इसके विरुद्ध देश भर में उभरा आक्रोश का परिदृश्य नए वर्ष के लिए बेहतर उम्मीद भी जगा रहा है। अगर 2011 के अंत एवं 2012 की शुरुआत को याद करें तो उस समय मुंबई में अन्ना हजारे और उनके साथियों के अनशन में जन समर्थन के अभाव से निराशा का माहौल पैदा हो गया था। उनके साथियों ने यह वक्तव्य दिया था कि हमारा आंदोलन इस समय निराशाजनक स्थिति में है और लोग सुझाव दें कि हम आगे क्या करें। सरकार और सरकारी पार्टी उस अभियान का उपहास उड़ा रही थी। यानी 2011 का अंत तथा 2012 की शुरुआत जनांदोलन एवं परिवर्तन के लिए बाध्यकारी दबाव की दृष्टि से निराशाजनक था। 2012 के अंत एवं 2013 की शुरुआत में स्थिति उलट है।

जनता से जुड़ने के लिए आभिजात्य माध्यमों का उपयोग क्यों?

बलात्कार वहां भी होते हैं, जहां इंटरनेट नहीं हैं
गर्गा चटर्जी - 2013-01-05 17:10
जस्टिस वर्मा कमिटी ने आम जनता का आह्वान करते हुए कहा है कि वे अपने अनुभवों, विचारों और जानकारियों के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध से संबंधित कानूनों मंे बदलाव के लिए सुझाव दें। जस्टिस वर्मा द्वारा जारी की गई इस नोटिस को अनेक अखबारों में प्रकाशित किया गया है। यह एक साधारण कदम है, लेकिन सरकार इसे इस तरह से पेश कर रही है, मानों बलात्कार के खिलाफ उठ रही आवाज के बीच वह कोई असाधारण कदम उठा रही हो। संसदीय समितियां प्रायः इस तरह की नोटिस जारी करती रहती हैं और लोगों का सुझाव मांगती रहती हैं।

समाज बदले बिना बलात्कार नहीं रुकेंगे

शर्मींदगी का बोझ पीडि़ता पर नहीं, बल्कि बलात्कारियों पर हो
कल्याणी शंकर - 2013-01-04 13:26
विलियम सेक्सपीयर के नाटक जुलियस सीजर में ब्रुटस अपने दोस्त कैसियस से कहता है कि जनहित में जुलियस सीजर को रोम का राजा बनने से रोका जाना चाहिए। कैसियस उसे समझाता है कि दोष हमारे सितारे में नहीं, बल्कि हममें है कि वैसा होने से रोक नहीं सकते। आज के संदर्भ में यह कथ्य कितना सार्थक है! समस्या का समाधान हमारे अंदर है, कहीं और नहीं।

अन्ना आंदोलन का विस्तार है यह जन असंतोष

राजनैतिक विकल्प के बिना समस्या का समाधान नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-01-03 12:47
दिल्ली में एक चलती बस में एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के खिलाफ देश भर में हुआ प्रदर्शन अभूतपूर्व है। अन्ना का आंदोलन भी अभूतपूर्व आंदोलन था, जिसके सामने 1974 का जेपी आंदोलन भी फीका था। भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रहे आंदोलन में अन्ना नेतृत्व की भूमिका में थे। लेकिन बलात्कार के खिलाफ जो आंदोलन अभी हो रहा है उसका नेता कोई भी नहीं है। यह देश के लोकतंत्र के लिए एक अनोखी घटना है कि बिना किसी नेतृत्व के देश भर में एक बड़ा आंदोलन बलात्कार के खिलाफ हो रहा है।

अब पता चलेगा गुजरात में भ्रष्टाचार का स्तर

मोदी पर कांग्रेस का चौतरफा हमला
एस एन वर्मा - 2013-01-02 13:33
नई दिल्ली। लोकायुक्त के पद पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरए मेहता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली गुजरात सरकार की याचिका को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किये जाने के बाद कांग्रेस ने आज नरेन्द्र मोदी सरकार और बीजेपी पर जमकर हमला बोला है।कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि गुजरात सरकार अपने भ्रष्ट मंत्रियों के कारनामे पर पर्दा डालने के लिए लोकायुक्त की नियुक्ति को टाल रही थी। नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने आज कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री ने लोकायुक्त के गठन को ठंडे बस्ते में डाल रखा है क्योंकि लोकतंत्र में उनका यकीन नहीं है।

विधान सभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बीजेपी में मंथन

एस एन वर्मा - 2013-01-02 13:28
नई दिल्ली। बीजेपी ने इस वर्ष होने वाले नौ राज्यों के विधानसभा चुनावों की युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरु कर दी हैं। पार्टी मुख्यालय में केन्द्रीय चुनाव प्रबन्धन एवं समन्वय की बैठक में अगले दो महीनों में होने वाले कर्नाटक, मेघालय, नागालैण्ड, त्रिपुरा और उसके बाद दिल्ली, मध्यप्रेदश, छत्तीसगढ़ राजस्थान, मिजोरम के चुनावों उसकी तैयारियों की समीक्षा एवं चर्चा हुई।

बलात्कार का भ्रष्टाचार के साथ चोली दामन का नाता

राजनैतिक वर्ग से कुख्यात अपराधियों को हटाओ
अमूल्य गांगुली - 2013-01-02 13:08
यह कहना अभी कठिन है कि दिल्ली में एक लड़की के गैंगरेप से उपजे जन आक्रोश का क्या असर देश पर पड़ता है। उस लड़की को देश की बेटी की पदवी मिल चुकी है। इस घटना के बाद काश सरकार में बैठे लोगों में से कोई भी यह महसूस करे कि सरकार और लोगों के बीच कितना अंतराल पैदा हो गया है। यह दरार उस समय ही बढ़ी दिखाई पड़ रही थी, जब भ्रष्टाचार के मामले एक के बाद एक लोगों के सामने आ रहे थे और पूरे देश में इस मसले को लेकर आंदोलन हो रहा था। बलात्कार के बाद हुए आंदोलन ने इस दरार को और भी चैड़ा कर दिया है।

गोरखालैंड के समर्थकों में फूट

अगल राज्य की मांग के प्रति अविश्वास बढ़ा
आशीष बिश्वास - 2013-01-01 10:59
कोलकाताः अगल प्रदेश गोरखालैंड के लिए गोरखों के बीच समर्थन का जो दावा किया जाता रहा है, वह अब गलत होता प्रतीत हो रहा है।

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस खो रही है अपना जनाधार

राष्ट्रीय भूमिका अपनाने के लिए ममता प्रदेश की उपेक्षा कर रही है
आशीष बिश्वास - 2012-12-31 17:30
कोलकाताः ममता बनर्जी जिस प्रकार से अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम कर रही है, उसे देखते हुए कोई भी कह सकता है कि अपने पतन के लिए वह खुद ही काफी हैं और उन्हें इसके लिए किसी दुश्मन की जरूरत नहीं है।

सरकार की सक्रियता ठीक, पर ये पर्याप्त नहीं

घटनाओं के कारणों पर विचार किए बिना समाधान नहीं निकल सकता
अवधेश कुमार - 2012-12-29 12:27
इससे पूर्व किसी जघन्य अपराध पर सरकार को इतनी तेजी से क्रियाशील होकर निर्णय लेते हुए नहीं देखा गया। जरा 24 घंटे में सरकार की चहलकदमी एवं निर्णयों पर नजर डालिए। प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया। यह अपने-आपमें अभूतपूर्व कदम है।