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आप क्या तीसरा विकल्प बन सकती है?

हिंदी प्रदेशों में इसकी जमीन तैयार है
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-01-02 10:43
दिल्ली में अपनी सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता आगामी लोकसभा चुनाव मे ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार खड़ा करने की बातें कर रहे हैं। दिल्ली देश की राजधानी है और यहां घटी इस एक अभूतपूर्व घटना का असर देश भर में पड़ना स्वाभाविक है। यही कारण है कि देश भर में, खासतौर से हिंदी प्रदेशों मे आम आदमी पार्टी को लेकर खासा उत्साह बन गया है और इसमें शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग आॅनलाइन पंजीकरण कराने मे लगे हुए हैं।

अखिलेश पर भारी दबाव, पर मुख्यमंत्री विवश हैं

प्रदीप कपूर - 2014-01-01 12:14
लखनऊः अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भारी दबाव में हैं। उन पर इस बात को लेकर भारी दबाव है के लोकसभा चुनाव के पहले कुछ कर दिखाएं।

कांग्रेस का गंदा खेल जारी

नहीं सुधरने की खा रखी है इस पार्टी ने कसम
नन्तू बनर्जी - 2013-12-31 10:26
पिछले विधानसभा चुनावों में हिंदी के चार प्रदेशों मे कांग्रेस का सूफड़ा साफ हो गया। दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश में इसे भारी पराजय का सामना करना पड़ा। इसके बाद समझा जा रहा था कि कांग्रेस कुछ सीखेगी और अपने आपमें कुछ ऐसा सुधार करेगी, ताकि यह अपने भविष्य को सुरक्षित रख सके। पर हार के बाद उसने जो रवैया अपनाया है, उससे साफ लगता है कि उसने कसम खा रखी है कि वह न तो कुछ सीखेगी और न ही सुधरेगे।

देश की राजनीति में केजरीवाल का उदय

मोहभंग के माहौल में एक नये मोह का केन्द्र
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-12-30 12:30
अरविंद केजरीवाल दिल्ली का मुख्यमंत्री बन चुके हैं और देश की राजनीति में वे क्या गुल खिलाएंगे, इसके बारे में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। स्थापित नेताओं में अघिकांश ऐसे हैं, जो समझते हैं कि आम आदमी पार्टी का उदय जितनी तेजी से हुआ है, उसका अस्त भी उतनी ही शीघ्रता से होगा। पर वैसे लोग गलत भी हो सकते हैं।

तसलीमा नसरीन और ये काले दिन

दोनों ओर से धार्मिक सेंसरशिप
गर्गा चटर्जी - 2013-12-28 11:33
तसलीमा नसरीन ने एक टीवी सीरियल की कथा तैयार की। उस सीरियल का नाम रखा गया दुःसहबास। उसमें तीन बहनों की कहानी है। उनके साथ तरह तरह का व्यवहार समाज द्वारा किया जाता है। इस सीरियल में यह दिखाने की कोशिश की जानी थी कि भारतीय उपमहाद्वीप में महिलाओं की जिंदगी कैसी है और उन्हें किस तरह की परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है।

क्या केजरीवाल लोगों की उम्मीदों को पूरा कर पाएंगे?

कल्याणी शंकर - 2013-12-27 12:43
दो दशक पहले जब वीपी सिंह की सरकार केन्द्र की सत्ता में आई थी, तो मेरी उस समय के वित्त मंत्री मधु दंडवते जी से एक दिलचस्प बातचीत हुई थी। वित्तमंत्री तब किसानों के 10 हजार करोड़ रुपये के लोन को माफ करने के लिए बजटीय गुना भाग करने में लगे हुए थे। उनके लिए वह काम बहुत ही मुश्किल साबित हो रहा था। अब चूंकि उनकी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में कहा गया था कि उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद किसानों के लोन को माफ कर देगी, तो वैसा करना उनकी मजबूरी भी थी।

कांग्रेस और भाजपा की चिंताएं बढ़ी

आप ने तीसरे मोर्चे की आस बढ़ा दी है
अशोक बी शर्मा - 2013-12-27 12:40
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सफलता ने देश भर में तीसरे मोर्चे की सफलता की उम्मीदें बढा दी है। यह पार्टी मात्र एक साल नई है और यह दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। उसे दिल्ली विधानसभा में 28 सीटें मिली, जबकि भाजपा को 31 सीटें और उसके सहयोगी अकाली दल को एक सीट मिली। कांग्रेस का तो सूफड़ा ही साफ हो गया, जिसे मात्र 8 सीटें ही मिल पाईं। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा में मात्र 70 सदस्य होते हैं।

दिल्ली में आप की सरकार

आग से खेल रही है कांग्रेस
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-12-24 11:12
हमारे देश में वह हो रहा है, जिसके बारे में कुछ दिन पहले सोचा तक नहीं जा सकता था। त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में प्रमुख पार्टियां बहुमत जुटाकर सरकार बनाने के लिए एक से एक गंदा खेल खेला करती थीं। कोई विरोधी पार्टी सरकार न बना ले, इसके लिए भी मशक्कत की जाती थी। विधायकों की फौज को लेकर शहर शहर घूमा जाता था, ताकि विरोधी पार्टियों के प्रभाव से वे बचे रहें। लेकिन दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद यहां की दो मुख्य पार्टियों ने नई गठित आम आदमी पार्टी को अल्पमत में होते हुए भी सरकार गठन को बाध्य कर दिया।

तमिलनाडु में इस बार होंगे दिलचस्प मुकाबले

जयललिता भी चाहती हैं प्रधानमंत्री बनना
एस सेतुरमन - 2013-12-23 12:29
पिछले कई दशकों के बाद कांग्रेस आज एक ऐसी स्थिति में आ खड़ी हुई है कि उसे अगला चुनाव तमिलनाडु में अकेले ही लड़ना होगा। इसके पहले तमिलनाडु में सत्ता खोने के बाद वह कभी डीएमके और कभी एआइएडीएमके के साथ चुनाव लड़ती रही है। इसके पहले के दो लोकसभा चुनाव उसने डीएमके के साथ मिलकर लड़े थे और इसका अच्छा फायदा भी उसे मिला था। 2004 और 2009 के चुनाव में केन्द्र में सरकार बनाने के पीछे तमिलनाडु की उसकी और उसके गठबंधन की सफलता भी एक मुख्य कारण थी। तमिलनाडु और पुदुचेरी में कुल मिलाकर 40 सीटें हैं और कांग्रेस को अब इन सीटों पर अपने दम ही चुनाव लड़ना होगा।

मुख्यमंत्री चांडी के घर की घेरेबंदी पर मतभेद

क्रुद्ध आम औरत ने पार्टियों को सबक सिखाई
पी श्रीकुमारन - 2013-12-21 13:30
मुख्यमंत्री ओमन चांडी के घर की घेरेबंदी को लेकर विपक्षी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के घटकों में मतभेद पैदा हो गये हैं। सीपीआई और आरएसपी के नेताओं को इस तरह के आंदोलन से परहेज है।