काले अध्यादेश की वापसी और उसके बाद
विधायिका के सदस्यों के मुकदमे फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलें
2013-10-03 10:50
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दोषी सांसदों और विधायकों को बचाने वाले काले अध्यादेश को वापस लिए जाने के फैसले से सभ्य समाज राहत की सांस ले रहा है। आजादी के बाद का संभवतः यह सबसे काला अध्यादेश था, जिसका एक मात्र मकसद लोकतंत्र में आपराधिक तत्वों को बढ़ावा देना और भ्रष्टाचार के लिए सत्ता पर काबिज लोगों को प्रेरित करना था। हमारा राजनैतिक शासक वर्ग व्यवस्था की बुराइयों को दूर करने में तो दिलचस्पी नहीं लेता, पर जब न्यायपालिका द्वारा उन बुराइयों के खिलाफ कुछ आदेश जा जाते हैं, तो वह किस तरह बौखला जाता है, इसका ताजा उदाहरण वह अध्यादेश था।