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विधानसभा चुनावों के नतीजों के संकेत

देश बदलाव चाहता है
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-12-09 12:08
चार हिन्दी प्रदेशों के विधानसभा चुनावों के नतीजों के संकेत साफ हैं। इन चुनावों में कांग्रेस की भारी हार हुई। दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो उसकी ऐतिहासिक हार हुई है। दिल्ली में कांग्रेस को इस बार उसके चुनावी इतिहास का सबसे कम मत मिला। राजस्थान का भी यही हाल रहा। मध्य प्रदेश में उसकी स्थिति पिछले चुनाव से भी खराब रही और छत्तीसगढ़ में अपनी स्थिति स्थिर रखते हुए वह एक बार फिर सत्ता में आने से चूक गई। हालांकि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा ने अपनी सरकार बरकरार रखी है, इसलिए वहां प्रत्यक्ष तौर पर कोई बदलाव नहीं दिखता, पर यदि हम गहन विश्लेषण करें, तो देख सकते हैं कि सभी चारों राज्यों में बदलाव की बेकरारी है।

मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के नये मामले

मतदान के बाद भी अनियमितताओं का उद्घाटन जारी
एल एस हरदेनिया - 2013-12-07 10:58
भोपालः मतदान हो चुके हैं और उनके नतीजों का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। इसमें प्रदेश के एक आइएएस अधिकारी शामिल हैं, जिन पर अपने बेटे के मेडिकल मे प्रवेश के लिए 75 लाख रुपये की घूस देने के आरोप हैं। प्रदेश के सरकारी काॅलेज के पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए घूस देने की बात सामने आई है।

विधानसभा के चुनाव लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे

नरेन्द्र मोदी की स्वीकार्यता का भी पता चलेगा
कल्याणी शंकर - 2013-12-06 10:48
पांच राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव की ओर सबकी नजर है। लोकसभा चुनाव अब कुछ महीने ही दूर हैं। विधानसभा चुनावों में सिर्फ संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा ही दाव पर नहीं लगी हुई है, बल्कि यूपीए और एनडीए के हौसले पर भी इसका असर पड़ेगा।

चार राज्यों के चुनाव के एक्जिट पोल

कांग्रेस के पास मोदी का तोड़ नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-12-05 10:58
संपन्न हुए 5 राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों के परिणाम 8 दिसंबर हो आएंगे। पर 4 दिसंबर की संध्या को विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए और समाचार चैनलों द्वारा जारी किए गए एक्जिट पोल के सर्वे का एक साझा निष्कर्ष यह है कि 4 हिंदी प्रदेशों में कांग्रेस की दुर्गति होने जा रही है।
विश्व व्यापार संगठन का बाली सम्मेलन

भारत के लिए खाद्य सब्सिडी का मसला अहम

एस सेतुरमन - 2013-12-05 06:47
बाली में चल रहे विश्व व्यापार संगठन के मंत्री स्तरीय बैठक में खाद्य सब्सिडी के मसले पर भी चर्चा हो रही है। भारत के लिए यह मसला अहम है, क्योंकि इसने एक खाद्य सुरक्षा कानून पास किया है, जिसके तहत किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य उपलब्ध कराना है और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अनाज उपलब्ध कराना है।

भारत को ईरान में नये अवसर

परमाणु व्यापार की संभावना भारत को तलाशनी चाहिए
नित्य चक्रबर्ती - 2013-12-03 11:08
पिछले महीने जिनीवा में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ। वह समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रमों से संबंधित था। उस समझौते ने भारत को ईरान के साथ अपने आर्थिक संबंधों को नया आयाम प्रदान करने का एक सुनहरा मौका दिया है। भारत को ईरान के साथ अपने द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के लिए इस माके का लाभ उठाना चाहिए। सबसे पहले तो उसे इस बात की समीक्षा करनी चाहिए कि व्यपार के किन क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की संभावना है और कौन से ऐसे क्षेत्र हैं, जहां ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत अपने संबंध बेहतर कर सकता है।

संसद को चलने दिया जाना चाहिए

बाधा डालने वाले सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो
हरिहर स्वरूप - 2013-12-02 10:36
संसद का आगामी शीत सत्र 5 दिसंबर से शुरू हो रहा है। संसद का कोई भी सत्र अबतक इतना छोटा नहीं रहा है, जितना छोटा इसे रखा गया है। यह महज दो सप्ताह तक ही चलेगा। आमतौर पर संसद का मानसून और शीत सत्र पूरे एक महीने का होता है। इस बार छोटा सत्र बुलाने का कोई साफ कारण नहीं बताया गया है। एक कारण शायद यह हो सकता है कि संसद के सत्र पिछले सालों से बार बार बर्बाद किए जा रहे हैं। उनमें काम ढंग से नहीं हो पाते और बार बार संसद स्थगन का शिकार हो जाती है। इसीलिए लगता है कि सरकार ने इस बार छोटा सत्र बुलाया है, ताकि पैसों की फालतू में बरबादी नहीं हो सके।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'आप‘ फैक्टर

केजरीवाल से क्यों डरे हुए हैं भाजपा नेता
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-11-30 10:18
जब अन्ना का आंदोलन चल रहा था और वे अनशन पर बैठे थे, जब उनके विरोधी खासकर राजनैतिक दलों से जुडे लोग कह रहे थे कि इस तरह का आंदोलन गलत है और यदि उन्हें लगता है कि किसी तरह का नया कानून बनना चाहिए और सरकार उसे नहीं बना रही है, तो उन्हें खुद पार्टी बनाकर चुनाव लड़ना चाहिए और चुनाव जीतकर वे कानून बनाना चाहिए, जिसके लिए वह अनशन पर बैठे हैं। गांधी जी अनशन के हथियार का इस्तेमाल खूब किया करते थे। कहा गया कि गांधीजी के समय देश गुलाम था और लोकतंत्र व चुनाव का विकल्प उनके पास नहीं था, इसलिए उनका अनशन करना जायज है, पर आजादी के बाद गांधी के उस हथियार के इस्तेमाल की जरूरत नहीं रही।

केनेडी की 50वीं पुण्यतिथि: भारत से प्रेम और नेहरु से दोस्ती

कल्याणी शंकर - 2013-11-29 10:19
जब 22 नवंबर, 1963 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या हुई तो पूरी दुनिया की तरह भारत भी स्तब्ध रहा गया था। कुछ दिन पहले उनकी 50वीं पुण्यतिथि मनाई गई है। ऐसे अनेक लोग हैं, जो यह मानते हैं कि यदि केनेडी जिंदा होते, तो भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते और भी अच्छे होते। इसकी दिशा भी कुछ अलग होती। केनेडी के छोटे कार्यकाल में भारत और अमेरिका के रिश्ते बहुत ही फले और फुले। भारत को खाद्य सहायता मिली। अनेक अमेरिकी सहायता वाले प्रोजेक्ट भारत में शुरू हुए। उनमें तारापुर परमाणु संयत्र, आई आई टी कानपुर और आंध्र प्रदेश की नागार्जुन सागर परियोजना शामिल हैं।

सोलर पैनल घोटाले में नया मोड़, कांग्रेसी नेतागण सांसत में

पी श्रीकुमारन - 2013-11-28 10:34
तिरुअनंतपुरमः कुख्यात सोलर पैनल घोटाला एक बार फिर कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के नेताओं के दिन का चैन और रातों की नींद हराम कर रहा है।