भारत में जैव आयुर्विज्ञान अनुसंधान के सौ साल
2011-01-17 17:40 -भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की स्थापना सन् 1911 में इंडियन रिसर्च फंड एसोसिएशन (आईसीएमआर) के रूप में की गयी थी, जिसे देश की स्वतंत्रता के बाद सन् 1949 में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) नाम दिया गया। परिषद 99 वर्ष पूरा कर 15 नवंबर 2010 से अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रही है। देश में जैव आयुर्विज्ञान अनुसंधान को बढ़ावा देने में परिषद का महत्वूर्ण योगदान रहा है क्योंकि वह देश की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को समझने तथा अनुसंधान के माधयम से उनका निराकरण खोजती है। आईसीएमआर नेटवर्क से जुड़े संस्थानों तथा इस नेटवर्क के बाहर के अनेक संस्थानों के अनुसंधान कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न बीमारियों के निदान के लिए परिषद लगातार कार्य कर रही है।