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ऑनर किलिंग की परम्परा

विशेष संवाददाता - 2010-08-09 13:32
महिला और बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा तीरथ ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा शुरू किए गए और गैर-सरकारी संगठन शक्ति वाहिनी द्वारा कराए गए अध्ययन हरियाणा, पंजाब राज्यों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सीमित थे । तथापि, उक्त संगठन ने जिन 560 मामलों की रूपरेखा तैयार की, उनसे पता चलता है कि यह उत्तर भारतीय समस्या है ।

सरिस्का में बाघों के पुनर्वास से बंधी आशा

डॉ0 राजेश कुमार व्यास - 2010-08-09 13:24
एक मोटे अनुमान के अनुसार 20वीं सदी में बाघों की संख्या एक लाख से 97 प्रतिशत घट गई है । भारत की ही बात करें, हमारे यहां वर्ष 1989 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत देश में बाघों की संख्या 4 हजार 334 थी, जो 2001-2002 में घटकर 3 हजार 642 हो गई । वर्ष 2006-07 में यह संख्या और घटकर 2 हजार 438तक पहुंच गयी और आज स्थिति यह है कि पूरे देश में मात्र एक हजार 411 बाघ ही बचे हैं ।

विचित्रपुर की जल समाधि

सुरेन्द्र भट्ट - 2010-08-09 13:11
विचित्रपुर नाम से लगता है कि यह कोई शहर कस्बा या कोई नगर होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। विचित्रपुर टिहरी रियासत के संस्थापक शाह वंशज महाराज सुदर्शन शाह के पौत्र महाराज प्रतापशाह के दूसरे नम्बर के पुत्र विचित्र शाह द्वारा स्थापित फलदार वृक्षों के एक अनोखे बाग का नाम है जो आज टिहरी बांध के सहायक बांध परियोजना के निर्माण के कारण जल समाधि लेने जा रहा है। वर्तमान में विचित्रपुर उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी जनपद में देवप्रयाग विकास खण्ड की पट्टïी पौड़ी खाल का सीमान्त भागीरथी नदी से सटा हुआ राजस्व ग्राम है।

सम्मान से अवसान तक की सेवा का केंद्र

देवेन्द्र उपाध्याय - 2010-08-09 13:05
अनोखे लाल महीनों से फुर्सत में थे। दिल्ली में फिलहाल कोई चुनाव है नहीं, सो क्या करें- यह समझ नहीं पा रहे थे। चुनावों में तो हर पार्टी की सेवा करना उनका पेशा भी है और धर्म भी। अपने रेजीडेंस-कम-ऑफिस में वे बैठे हुए थे। एक टूटी कुर्सी और ढाई टांग की मेज पर उनका अॅाफिस चलता है। दरवाजा और खिड़की खुली रखते हैं क्योंकि छिपाने के लिए कुछ है नहीं।

मंहगाई का जिम्मेदार कौन?

राजेन्द्र धस्माना - 2010-08-09 13:02
जब कोई चीज नियंत्रण से बाहर होने लगे तो एक आसान तरीका यह भी है कि कहा जाए वह 'ग्लोबल` हो गई है। मंहगाई के बारे में भी ऐसा ही कुछ है। कहा जाता है वह 'ग्लोबल फिनॉमिनन` है। वर्षों पहले यह महसूस किया गया था कि सारी दुनिया अब 'ग्लोबल विलेज` के रूप में सिकुड़ गई है। 'ग्लोब विलेज` होने का मतलब समझ में आता है, पर मंहगाई का 'ग्लोबल` होना अब भी समझ में नहीं आता। दुनिया के 'ग्लोबल विलेज` होने में उसके छोटे होने का अहसास समझ में आता है। पहले जो देश एक-दूसरे से बहुत दूर जान पड़ते थे, अब संचार सुविधाओं के बढऩे से वे एक-दूसरे के नजदीक आते जा रहे हैं। हमें पेरिस, बोन या लंदन की घटनाओं की खबर ऐसे ही मिल जाती हैं जैसे अपने शहर की घटनाओं की खबर मिलती है। इसमें खबरें या घटनाएं ग्लोबल नहीं हुई हैं, हम हुए हैं। और यह भी कि खबरों या घटनाओं का आदमी से रिश्ता और महंगाई का आदमी से रिश्ता एक जैसा नहीं है। अगर दुनियाभर के देशों में महंगाई व्याप्त है, तब भी उसके व्याप्त होने के हर देश में कारण अलग-अलग हो सकते हैं। और कारण अलग-अलग हैं तो महंगाई 'ग्लोबल` कैसे हुई? अंतत: अगर जिस महंगाई का सामना हमें करना पड़ रहा है उसके कारण हमें अपने इर्दगिर्द या अपने ही देश में ढूंढने पड़ें तो 'ग्लोबल` कहकर उन कारणों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

संगठन चुनाव स्थगित होने से कांग्रेसियों में निराशा

इससे पार्टी में अनुशासनहीनता बढ़ सकती है
पी श्रीकुमारन - 2010-08-09 11:59
तिरुअनंतपुरमः कांग्रेस आलाकमान द्वारा केरल की स्थानीय ईकाई को संगटन चुनाव स्थगित करने करने की अनुमति भले ही पार्टी की तात्कालिक समस्या को घ्यान में रखते हु दी गई हो, लेकिन इसके कारण पार्टी की समस्या और भी बदतर हो सकती है।

कश्मीर घाटी में सीमापार की साजिश से बिगड़े हालात

अलगाववादी नेताओं ने फिर ठुकराया वार्ता का प्रस्ताव
ओ.पी. पाल - 2010-08-09 11:52
जम्मू-कश्मीर में बिगड़े हालातों को सुधारने के लिए जहां केंद्र सरकार राजनीतिक प्रक्रिया को एक बार फिर से सक्रिय करने की नीति के तहत अलगाववादी संगठन के एक गुट ने फिर एक बार सरकार से वार्ता की पेशकश को ठुकरा दिया है। कश्मीर घाटी में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से चरमराने पर चिंतित राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार से राजनीतिक प्रक्रिया को शुरू करने पर जोर दिया जिसके लिए सरकार भी राजी हैं, लेकिन बातचीत की पेशकश को ठुकराने वाले अलगाववादी संगठन जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने सरकार की वार्ता को पाखंड बताते हुए यह कहकर उनके रूख में कोई बदलाव नहीं है से यह सबूत दे दिया है कि सीमापार की नीतियां ही अलगाववादी संगठनों में कूट-कूटकर भरी हुई हैं।

हिंद महासागर पूर्वानुमान प्रणाली

संवाददाता - 2010-08-07 11:47
विभिन्न समयमान के संदर्भ में पूर्वानुमान समुद्री विज्ञानी मापदण्ड (स्तल और अधस्तल) मौसम विज्ञानियों से लेकर मछुआरों और जलसेना से लेकर अपतटीय उद्योगों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस समय भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) भारतीय समुद्री सीमाओं और पूरे हिंद महासागर में लहरों के बारे में पूर्वानुमान करने का कार्य कर रहा है। हाल में ही इनकोसिस ने हिंद महासागर के डायनेमिक और थर्मोडायनेमिक लक्षणों के पूर्वानुमान के लिए एक नई प्रणाली शुरू की है।

जनगणना की मुश्किलें

कैसे हो जाति जनगणना
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-08-07 11:17
जनगणना का पहला दौर लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन अभी तक सरकार यह निर्णय नहीं कर पाई है कि लोकसभा की भावनाओं का ख्याल करते हुए वह जाति जनगणना कराए या नहीं। वैसे उसके पास इस जाति जनगणना से बचने का शायद कोई रास्ता भी नहीं बचा है, क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने पिछले 23 मई को उसे जाति जनगणना करने का आदेश दिया था और उसके आदेश पर अमल रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने अभी तक सर्वाच्च न्यायालय में अपील नहीं की है। अपील नहीं करने का मतलब है कि केन्द्र सरकार सांवैधानिक रूप से भी अब जाति जनगणना करने के लिए विवश है।

आंध्र कांग्रेस का संकट

तेलंगना उपचुनाव के नतीजों से जगन हैं उत्साहित
कल्याणी शंकर - 2010-08-07 11:10
आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है। तेलंगना में हुए 12 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों के नतीजे आने के बाद तो कांग्रेस की हालत और भी खराब हो गई है। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के अनुसार आंध्र में कांग्रेस को दो राक्षसों का सामना करना पड़ रहा है। एक राक्षस तो पूर्व मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी के बेटे जगन के विद्रोह से पैदा हुआ है, तो दूसरा तेलंगना आंदोलन के मजबूत होने से पैदा हुआ है। कहने की जरूरत नहीं कि पिछले दिनों तेलंगना क्षेत्र के 12 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में टीआरएस की भारी जीत के बाद अलग राज्य के गठन का आंदोलन और भी मजबूत हुआ है।