धर्मनिरपेक्षता और संघवाद पर हमले का वर्ष रहा 2022
इसी शनिवार को समाप्त हो रहे वर्ष 2022 पर एक नज़र डालने से पता चलता है कि यह एक ऐसा वर्ष रहा है जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2020 और 2021 में जिस गहरे गर्त में गिर गयी थी, उससे बाहर निकलने के लिए संघर्ष करती रही। बढ़ती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी, औद्योगिक गतिरोध और आय और संपत्ति में लगातार बढ़ती असमानताएँ इसके स्पष्ट लक्षण थे।