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आरक्षण पर उभर रहा है यथार्थवाद का नया दृष्टिकोण

सर्वोच्च न्यायालय ने खोला एक नया रास्ता
के रवींद्रन - 14-11-2022 09:57 GMT-0000
आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सोच का पहला बड़ा संकेत 2021 के मराठा आरक्षण मामले में भारत के शीर्ष अदालत के फैसले में उपलब्ध था, हालांकि उस याचिका में उठाया गया मूल मुद्दा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के मामले में अदालत के नवीनतम रुख से अलग था।

पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला के कारण ही कश्मीर बन सका भारत का हिस्सा

कश्मीर समस्या के लिए उन्हें दोष देना अनुचित
एल. एस. हरदेनिया - 12-11-2022 11:17 GMT-0000
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई व्यक्ति व संगठन जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं। परंतु इसके विपरीत पूरे विश्वास से यह दावा किया जा सकता है कि यदि जवाहरलाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला नहीं होते तो जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं बन पाता। भारत को आजादी देने के लिए ब्रिटिश संसद ने जो कानून बनाया था उसके अनुसार इंडिया को दो राष्ट्रों में विभाजित किया जाना था। भारत की सभी रियासतों को तीन विकल्प दिए गए थे। वे चाहेँ तो भारत या पाकिस्तान में शामिल हों सकते थे या आजाद भी रह सकते थे। उन्हें यह फैसला दोनों राष्ट्रों के बनने के पहले लेना था। फैसला लेने का अधिकार संबंधित रियासत के राजा/नवाब को दिया गया था।

केंद्रीय कानून मंत्री के निशाने पर न्यायपालिका

जजों को सरकारी लाइन पर लाना चाहती है मोदी सरकार
अरुण श्रीवास्तव - 12-11-2022 11:13 GMT-0000
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के कामकाज पर सवाल खड़ा किया और न्यायपालिका का चेहरा सार्वजनिक रूप से खराब किया। एक पखवाड़े से वह न्यायाधीशों और न्यायपालिका को निशाना बना रहे हैं और उन पर कार्यपालिका के क्षेत्र में अतिक्रमण करने का आरोप लगा रहे हैं। स्वतंत्र भारत के इतिहास में इससे पहले कभी भी किसी कानून मंत्री ने न्यायपालिका के खिलाफ उस तरह से तीखा हमला नहीं किया जैसा रिजिजू करते रहे हैं।

केंद्र आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की परिभाषा बदले

आरक्षण का वास्तविक लाभ आर्थिक रूप से वंचित लोगों को मिले
प्रकाश कारत - 11-11-2022 11:14 GMT-0000
सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने 3-2 के एक विभाजित बहुमत फैसले से 103 वें संवैधानिक संशोधन की वैधता को बरकरार रखा है, जो सामान्य वर्ग के भीतर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण प्रदान करता है। सीपीआई (एम) ने जनवरी 2019 में संसद में इस संवैधानिक संशोधन का समर्थन किया था।

छह साल बाद भी भारत में विमुद्रीकरण का दुष्परिणाम जारी

कायम है काली अर्थव्यवस्था, अनौपचारिक क्षेत्र भुगत रहा है खामियाजा
अरुण कुमार - 10-11-2022 11:09 GMT-0000
छह साल पहले 8 नवंबर को देश को नीति-प्रेरित विमुद्रीकरण का जोरदार झटका लगा था। अर्थव्यवस्था, जो एक बेहतर मार्ग पर चल रही थी अचानक ठप हो गयी।

भाजपा की झोली भरने के लिए चुनावी बांड योजना में बेशर्मी से संशोधन

जब मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में है लंबित तब केंद्र का फैसला बेमानी
नित्य चक्रवर्ती - 09-11-2022 11:05 GMT-0000
नरेंद्र मोदी सरकार हिमाचल और गुजरात राज्य विधानसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर सत्तारूढ़ भाजपा को धन देने के लिए अपने निम्नतम स्तर तक गिर रही है। हिमाचल में चुनाव 12 नवंबर को होने हैं और गुजरात विधानसभा के चुनाव 1 और 5 दिसंबर को। केंद्र ने सोमवार को जल्दबाजी में चुनावी बॉन्ड योजना के नियमों में संशोधन किया ताकि इस चुनावी वर्ष के दौरान अतिरिक्त पंद्रह दिनों के लिए इसकी बिक्री की अनुमति मिल सके।

हरित ऊर्जा कारगर हो सकती है मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितता विरुद्ध

जीवाश्म ईंधन पर नियंत्रण विश्व में प्रमुख युद्धों का कारण
नीलांजन बानिक और गुइडो कोज़ी - 08-11-2022 09:59 GMT-0000
इस सदी के अंत तक पृथ्वी एक रहने योग्य स्थान नहीं रहेगी यदि वर्तमान औसत तापमान2.5 सेल्सियस बढ़ा, जैसा की अभी रूझान है। नवीनतम प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन के बदतर होने के साथ, दुनिया जो पहले से ही घातक गर्मी की लहरों, बाढ़ और सूखे, तूफान के एक नियमित दौर का सामना कर रही है, को संभावित अपरिवर्तनीय प्राकृतिक आपदाओं से जूझना पड़ सकता है, जिससे कम से कम 3.3 बिलियन लोगों का जीवन दुष्प्रप्रभावित हो सकता है।इन सभी का संबंध जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता और परिणामी ग्रीनहाउस उत्सर्जन से है। वास्तव में, एक और गहरा पक्ष है। जीवाश्म ईंधन पर नियंत्रण प्रमुख युद्धों का एक कारण है, जिसका अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

भारतीय रोजगार बाजार ने अक्टूबर में खतरनाक मोड़ लिया

बेरोजगारी तेजी से बढ़ी, मजदूरों की भागीदारी घटी
डॉ ज्ञान पाठक - 07-11-2022 16:14 GMT-0000
इस साल अक्टूबर का महीना, जिसमें दो महान भारतीय त्यौहार - दशहरा और दिवाली –आये, भारत के आम लोगों के लिए अपेक्षित खुशियाँ लाने में विफल रहा।इसने भारत के नौकरी बाजार को केवल एक महीने पहले सितंबर की तुलना में और अधिक खतरनाक बना दिया। बेरोजगारी सितंबर के6.43 प्रतिशत से बढ़कर अक्तूबर में 7.77 प्रतिशत हो गयी, जबकि श्रम भागीदारी दर (एलपीआर) इस अवधि के दौरान 39.3 प्रतिशत से गिरकर 39 प्रतिशत हो गयी।

जीएम सरसों की खेती को भारत सरकार की मंजूरी कहर ढायेगा

जन-पर्यावरण को गंभीर खतरा, गहरे संकट में होंगे किसान, मालामाल होंगी व्यावसायिक कंपनियां
डॉ. सोमा मारला - 05-11-2022 12:18 GMT-0000
आनुवंशिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति, भारत सरकार (जीईएसी) ने 18 अक्टूबर को आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) सरसों के पर्यावरण रिलीज की अनुमति दी है। पहली खाद्य फसल होने के नाते, विशेषज्ञों द्वारा किये गये अध्ययन पर्यावरण और जैव सुरक्षा के साथ-साथ जल्दबाजी में सरकार की मंजूरी से जुड़े मानव स्वास्थ्य जोखिमों पर सवाल उठाते हैं। जीएम कपास का भयानक अनुभव, जिसके परिणामस्वरूप पिछले डेढ़ दशक के दौरान कपास के खेतों में तबाही हुई और किसानों ने आत्महत्या की, बताता है कि उसके केवल मोनसेंटो और अन्य कृषि व्यवसाय करने वाले बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा हुआ।

पश्चिम बंगाल भाजपा में गुटबाजी और अनुशासनहीनता चरम पर

दुर्गापुर सांसद एसएस अहलूवालिया पर खफा हैं पार्टी कार्यकर्ता
तीर्थंकर मित्रा - 04-11-2022 12:13 GMT-0000
ऐसे समय में जब पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राज्य भाजपा में अनुशासनहीनता व्याप्त है, चाहे वह नेतृत्व स्तर पर हो कार्यकर्ताओं के बीच। दुर्गापुर-आसनसोल के सांसद सुरिंदर सिंह अहलूवालिया के अपने निर्वाचन क्षेत्र में लगे पोस्टर जिसमें पूछा गया हैं कि वह कहां हैं, महज एक उदाहरण है।