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वैश्विक मुद्रा बनाने के लिए भारतीय रुपये को स्थिर करने का समय

सट्टा विनिमय जोखिम लेने योग्य है वर्तमान चरण
नन्तू बनर्जी - 01-11-2022 11:03 GMT-0000
भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर का यह कहना बिल्कुल सही है कि घरेलू मौद्रिक चुनौतियों के बावजूद भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण का कोई विकल्प नहीं है। सीमा पार लेनदेन में रुपये के उपयोग से भारतीय व्यापार के लिए मुद्रा जोखिम कम होने की उम्मीद है। यह बड़े विदेशी मुद्रा भंडार रखने की आवश्यकता को कम करेगा। साथ ही, विश्व स्तर पर विनिमय योग्य रुपया भारत को बाहरी व्यापार और वित्तीय झटकों के प्रति कम संवेदनशील बना देगा, जबकि यह भारतीय व्यवसायों की सौदेबाजी की शक्ति को बढ़ायेगा। "रुपये का अंतर्राष्ट्रीयकरण मौद्रिक नीति को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना देगा, लेकिन विकास पर समझौता करना कोई इष्टतम विकल्प नहीं है,"रवि शंकर ने कहा है।

तेजी से बढ़ता भारतीय बाजार डिजिटल भुगतान दिग्गजों के लिए अनूठा आकर्षण

दंडित गूगल ने भारतीय उपयोगकर्ताओं और डेवलपर्स के प्रति प्रतिबद्धता दोहरायी
के रवींद्रन - 31-10-2022 17:52 GMT-0000
नियमों का उल्लंघन और उनके लिए प्रायश्चित गूगल और उसके मालिक अल्फाबेटके डीएनए में है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के दो आदेशों के तहत गूगल को एक सप्ताह के भीतर 2,274 करोड़ रुपये का जुर्माना देना पड़ा। ये आदेश गूगल प्ले स्टोर के संबंध में अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग करने और अनुचित व्यावसायिक तौर तरीकों में गूगल के संलग्न होने के लिए जारी किये गये था। हालाँकि, टेक्नोलॉजी दिग्गज कम से कम क्षमाप्रार्थी थे, तथाइस बात पर बल दिया कि कम्पनी ने भारत के डिजिटल परिवर्तन को शक्ति दी, करोड़ों भारतीयों के लिए उसतक पहुंच को विस्तारित किया, तथा उसने भारतीय उपयोगकर्ताओं और डेवलपर्स के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की कसम खायी।
मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवम्बर पर विशेष

चुनौतियों से भरी थी मध्यप्रदेश की स्थापना, और अब विकास का मार्ग भी

तेज गति विकास के लिए नीतियों में आवश्यक बदलाव एक मात्र रास्ता
एल. एस. हरदेनिया - 29-10-2022 11:22 GMT-0000
भाषा के आधार पर राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर 1 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश का गठन हुआ जिसमें महाकौशल, छत्तीसगढ़, ग्वालियर, इंदौर, रीवा एवं भोपाल आदि क्षेत्रों को शामिल किया गया। ग्वालियर इंदौर, रीवा और भोपाल मुख्य रूप से राजशाही क्षेत्र थे। इस तरह नया मध्यप्रदेश पूरी तरह से हिन्दी भाषी राज्य बना। इसके पहले यह द्विभाषी राज्य था जिसे सेंट्रर प्रॉविंस एंड बरार कहा जाता था। बरार सेंट्रल प्राविन्स का मराठी भाषी हिस्सा था और नागपुर उसकी राजधानी थी।

भारतीय राजनीतिक पार्टियां सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य मौलिक अधिकार हो

समान चिकित्सा सुविधा की गारंटी हेतु मेडिकल शिक्षा सरकार के अधीन रहे
डॉ अरुण मित्रा - 28-10-2022 12:26 GMT-0000
लोकतंत्र यह तय करने का एक साधन है कि हम कैसे शासित होना चाहते हैं। इसलिए मतदाताओं को लुभाने तथा उनके मत प्राप्त कर सत्ता की सीट तक पहुंचने के लिए राजनीतिक दल अपना एजंडा तय करते हैं। वे लोकलुभावन नारे देते हैं, परन्तु उन्हें पूरा कर पाते हैं या नहीं यह एक अलग सवाल है। हमारे देश के गरीबी से त्रस्त समाज में राहत की थोड़ी सी मात्रा भी बहुत मायने रखती है। शिक्षा और स्वास्थ्य किसी भी समाज के लिए संपत्ति हैं और समावेशी तथा समग्र विकास के लिए आधार हैं। लेकिन एक के बाद एक सरकारों ने उन पर उचित ध्यान नहीं दिया।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के लिए स्वाभाविक है विवाद

छात्र दिनों के सक्रिय कार्यकर्ता आरिफ एक नियमित पार्टी वितंडतावादी भी रहे
हरिहर स्वरूप - 27-10-2022 10:33 GMT-0000
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार के बीच कुछ दिनों से चल रहे झगड़े को जो गंभीरता से देख रहे हैं उन्हेंआश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए। महामहिम खान ने पिछले दिनों जो ट्वीट किया, और जिससे नया वितंडा खड़ा हुआ है, वह उनके विवादास्पद रहे अतीत का ही विस्तार है।

भारतीय अर्थव्यवस्था को रूपांतरित करेंगे मध्यम वर्गीय उपभोक्ता

बदलते समय के अनुकूल तैयार करना होगा उत्पादन तथा सेवा क्षेत्र
नन्तु बनर्जी - 26-10-2022 10:38 GMT-0000
भारतीय उपभोक्ता ऐसी खरीदारी कर रहे हैं जैसे कि पहले कभी नहीं की। कोविड -19 महामारी केलगभग चले जाने के साथ, देश के मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं ने त्योहारों के मौसम में खूब खरीदारी की। वे व्यावहारिक रूप से कुछ भी नहीं बख्श रहे हैं - शराब से लेकर फैशन वियर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, स्मार्ट फोन, ऑटोमोबाइल, आवासीय फ्लैट और यहां तक कि विदेशी छुट्टियों तक। सभी धंधे फलफूल रहे हैं।

राजनीतिक-कानूनी उथल-पुथल में फंसा पाकिस्तान

चुनाव आयोग के फैसले कि खिलाफ आन्दोलन
शंकर रे - 25-10-2022 10:29 GMT-0000
पाकिस्तन की नेशनल असेंबली के आठ उप-चुनावों में से सात में पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की व्यापक जीत में जो राजनीतिक चमक थी वह पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी)के तकनीकी नॉकआउट के फैसले से फीकी पड़ गयी। ईसीपी ने पीटीआई अध्यक्ष और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान मंत्री इमरान खान नियाज़ी को अयोग्य घोषित कर दिया, जो पाकिस्तान की संसद के निचले सदन के लिए चुने गये थे। ईसीपी ने उनकी सीट को खाली घोषित कर दिया है।

कांग्रेस के नये अध्यक्ष खड़गे को शुरू करनी होगी भाजपा के खिलाफ वैचारिक लड़ाई

पार्टी के पास भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से युवाओं को साथ लाने का बड़ा अवसर
अरुण श्रीवास्तव - 22-10-2022 10:33 GMT-0000
अध्यक्ष चुनाव ने भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को वैचारिक धरातल पर लगभग विभाजित कर दिया है। कांग्रेस अलग-अलग राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि वाले लोगों का समूह रही है। इसकी कभी कोई परिभाषित वैचारिक रेखा नहीं रही, यद्यपि पार्टी मुख्य रूप से मध्यमार्गी राजनीतिक अपनाती रही। आजादी से पहले भी इसके निर्णय लेने वाले निकायों मेंअगर वल्लभ भाई पटेल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे नेता थे, तो मार्क्सवाद उन्मुख नेता भी थे।

हिमाचल में भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस को बहुत कुछ करना होगा

12 नवंबर के चुनावों के लिए भाजपा ने अपने सभी बड़े नेताओं को लामबंद किया
सुशील कुट्टी - 21-10-2022 14:25 GMT-0000
हम अक्सर भूल जाते हैं कि भारतीय संघ में हिमाचल प्रदेश भी है। पंजाब और उच्च हिमालय के बीच बसे हिंदू-वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में मुस्लिम-नेतृत्व वाले जनसांख्यिकीय परिवर्तन हो रहे हैं। यह हिमालय की निचली पहुंच में बसा एक राज्य है, पृथ्वी पर एक स्वर्ग काफी हद तक। किसी का ध्यान नहीं गया क्योंकि शुद्ध-संचालित बर्फीला राज्य अब तक विवादास्पद मुद्दों के गिरफ्त में लगभग नहीं ही रहा।

समाजवादियों में एकता लाने के नीतिश के कदमों को अखिलेश का समर्थन

उत्तर प्रदेश में भाजपा से निपटने की तैयारी में लग गयी है समाजवादी पार्टी
प्रदीप कपूर - 21-10-2022 13:30 GMT-0000
लखनऊः समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन पर उनके अन्तिम संस्कार में शामिल होने तथा उनके पुत्र अखिलेश यादव और परिजनों को इस अपूरणीय क्षति पर सांत्वना देने उनके गांव सैफई पहुंचे विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की घटना ने राज्य में गठजोड़ की एक राजनीति की संभावनाओं पर बल दिया है, विशेषकर समाजवादी पार्टियों के बीच। सन् 2024 के लोक सभा चुनाओं के पूर्व ऐसे समाजवादीसमूहों की राजनीतिक एकता की पहल तो बिहार के मुख्य मंत्री नीतिश कुमार ने पहले ही कर रखी थी। इस पृष्ठभूमि में सैफई के जमघट ने राज्य की राजनीति में सरगर्मी ला दी है।