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भारत: शिक्षा

वंचित समुदाय के संवाद का सशक्त माध्यम बना सामुदायिक रेडियो

सामुदायिक रेडियो में सर्टिफिकेट कोर्स
डॉ. रमेश यादव - 2010-02-08 15:49
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दि्वी के पत्रकारिता एवं नवीन जनसंचार अध्ययन विद्यापीठ के अन्तर्गत सामुदायिक रेडियो में ६ माह का सर्टिफिकेट कोर्स संचालित हो रहा है।
भारत: राजनीति

जनता दल (यू) की नई हलचल

नीतीश की मजबूती कायम
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-02-08 11:03
इस साल के अंतिम महीनों में बिहार में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और सत्तारूढ़ जनता दल (यू) के अनेक नेता बगावती तेवर अपनाने लगे हैं। सवाल उठता है कि उनकी बगावती तेवरों का क्या राज है और उनके ये तेवर दल को किस तरह प्रभावित करेंगे? क्या इससे नीतीश कुमार कमजोर होंगे? इन सवालों का जवाब ढूंढ़ना कठिन नहीं।
भारत

आखिर सरकार के होने का अर्थ क्या है

केन्द्र भी विफल है और राज्य सरकारें भीं
अवधेश कुमार - 2010-02-06 17:05
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यों के मुख्य सचिवों की पहली वार्षिक बैठक में जो कुछ कहा उससे आश्वस्ति की जगह चिंता ज्यादा पैदा होती है। इस समय देश की सबसे बड़ी चुनौती महंगाई है। इसमें राज्यों के मुख्य सचिवों की पहली बैठक से महंगाई पर काबू पाने के कुछ ठोस उपाय सामने आने की उम्मीद थी, किंतु अब यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि बैठक में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसे आशाजनक कहा जा सके।
भारत: महाराष्ट्र

मुंबई में कड़े कदम उठाने का समय आ गया है

अशोक चौहान को अब सख्त होना ही होगा
कल्याणी शंकर - 2010-02-05 11:00
यदि किसी को मुंबई की घटनाओं को देखकर आश्चर्य हो रहा हो और उसे समझ में नहीं आ रहा हो कि वहां यह सब क्यों हो रहा है, तो वैसे लोगों को जान लेना चाहिए कि जो कुछ भी हो रहा है, उसके पीछे वोट की राजनीति के अलावा और कुछ भी नहीं है। शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना वोट पाने के लिए मराठा मानूस के मसले को उठा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा भी वोटों के खातिर वहां अपनी अपनी राजनीति कर रही है।
पूर्वोत्तर भारत

उल्फा का लोगों के बीच प्रभाव घटा

केन्द्र के साथ निर्णायक वार्ता जल्द
बरुण दास गुप्ता - 2010-02-04 10:50
कोलकाताः यह पहला मौका था, जब बहुत सालों के बाद 26 जनवरी के दिन असम सहित पूरे पूर्वात्तर में किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी। अन्यथा, प्रत्येक 26 जनवरी और 15 अगस्त को आतंकवादी संगठनों द्वारा उसके बहिश्कार का आवाहन किया जाता रहा है और कहीं न कहीं से अप्रिय घटना की खबर आती रही है। लेकिन ऐसा इस बार नहीं हुआ।

पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान: एक अभिनव योजना

विशेष संवाददाता - 2010-02-03 10:00
बच्चों, किशोरों और युवाओं के बहुमुखी विकास के लिये खेलों और शारीरिक शिक्षा पर विशेष जोर देने के इरादे से खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान नाम से एक अभिनव योजना शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किशोरों और युवाओं को हर स्तर पर खेलों और शारीरिक अभ्यास की गतिविधियों से जोड़ना है।

ग्रामीण परिवारों को बिजली की आपूर्ति कैसे और कब तक

विशेष संवाददाता - 2010-02-03 09:55
ग्रामीण विद्युतीकरण को ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम समझा जाता है। अब यह एक सर्वस्वीकृत तथ्य है कि बिजली मानव की मूलभूत आवश्यकताओं में एक है और हर परिवार को बिजली मिलनी चाहिए। ग्रामीण भारत में बिजली की आपूर्ति व्यापक आर्थिक एवं मानवीय विकास के लिए बहुत जरूरी है। वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक देश में करीब एक लाख 20 हजार गांवों में बिजली नहीं पहुंच पायी है और करीब सात करोड़ 80 लाख परिवार बिजली की सुविधा से वंचित हैं।
भारत

कारसेवक बनाम शिवसैनिक

सेना और संघ का टकराव क्या गुल खिलाएगा?
अमूल्य गांगुली - 2010-02-03 09:49
सांप्रदायिकतावाद की तरह ही फासीवाद भी अपने अनुयाइयों को अपना भोजन बना लेता है। यह सभी हिंसक दर्शनों की नियति रहा है। जो हिंसा को बढ़ावा देते हैं, वे खुद उसी हिंसा के श्किार हो जाता है। एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है। जो दूसरे के लिए खाई खोदता है, वह खुद ही उसमें गिर जाता है। हम महाराष्ट्र में यही देख रहे हैं। शिवसेना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वहां मुसलमानों के खिलाफ एकजुट होकर अभियान चलाया करते थे। आज मराठा क्षेत्रवाद के मसले पर वहां वे दोनों एक दूसरे के सामने खड़े हैं।
भारत: राजनीति

भाजपा-शिवसेना का संग्राम

क्या अलग होंगे दो पुराने दोस्त?
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-02-02 11:41
अब भाजपा की शिवसेना के साथ ठन गई है। यह होना ही था, क्योंकि जिस तरह शिवसेना पिछले कुछ दिनों से क्षेत्रवाद की राजनीति को हवा देने में लगी है, उसके बाद भाजपा चुप रह ही नहीं सकती थी।

हिमालयी पर्यावरण बचाने की भारतीय नीति शीघ्र

विशेष संवाददाता - 2010-02-01 16:37
नई दिल्ली: भारत सरकार हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण को बचाने की नीति बनाने की प्रक्रिया में है और इस संबंध में हिमालयी क्षेत्र के राज्यों के साथ परामर्श किये जा रहे हैं। हिमालय सहित शिखरों को पर्यावरणीय संरक्षण कार्यक्रम में प्राथमिकता पर रखा गया है ।