भारतीय राष्ट्रवाद के अग्रदूत के रूप में स्वयं को पेश करने का संघ का नया अभियान
मोहन भागवत ने समाज के सभी वर्गों के साथ नया संवाद शुरू करने की योजना बनायी
2022-10-17 12:12
-
राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का विजयादशमी भाषण संगठन के आत्मविश्वास और भारत में समकालीन सामाजिक और सांस्कृतिक मंथन में हस्तक्षेप करने की उसकी तीव्र इच्छा को प्रदर्शित किया। आरएसएस की वैचारिक छाया उसकी सांगठनिक पहुंच और कैडर से बाहर फैल गयी है। 5 अक्टूबर को समारोह में मुख्य अतिथि संतोष यादव ने कहा, "संघ से अनजान होने के बावजूद उन्हें 'संघी' कहा जाता था"। संघ का नया उपक्रम तथाकथित अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से मुसलमानों और ईसाइयों के साथ भारतीयता और हिंदू राष्ट्र के गठन के सवाल पर गंभीर सांस्कृतिक बातचीत करना है।