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अहीर

अहीर मात्रिक सम छन्द का एक भेद है। यह छन्द प्राकृत अपभ्रंश काल में प्रचलित था। यह 11 मात्राओं का सम छन्द है।

उदाहरण के रूप में यह छन्द देखें -
सुरभित मन्द बयार, सरसे सुमन सुडार।
गुंज रहे मधुकार, धन्य बसंत बहार।।

आसपास के पृष्ठ
अहेरी, आकाश, आकाश द्रव्य, आकाशभाषित, आक्षेप, आख्यायिका


Page last modified on Monday June 26, 2023 06:36:22 GMT-0000