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कोलकाता के निकाय चुनावों में तृणमूल की भारी जीत

भाजपा के भविष्य के लिए अशुभ
आशीष बिश्वास - 2021-12-22 09:50
जैसा कि अपेक्षित था, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 2021 कोलकाता नगर निगम (केएमसी) में जीत हासिल की। तृणमूल ने 144 वार्डों में से 90 फीसदी पर निर्णायक जीत हासिल की। टीएमसी विजेताओं को भाजपा, कांग्रेस और वाम दलों के निकटतम विपक्षी प्रतिद्वंद्वियों से जीतने का अंतर अधिकांश सीटों पर 4000 से 10,000 तक था।

केरल में हत्या की राजनीति

12 घंटे में दो हत्याएं
पी. श्रीकुमारन - 2021-12-21 11:00
तिरुवनंतपुरमः केरल में हत्या की राजनीति की पुनरावृति हो रही है। 12 घंटे में दो हत्याएं हुई हैं। इस घटना ने राज्य को करारा झटका दिया है।

स्वर्ण मंदिर परिसर में लिंचिंग

क्या भारत पागलखाने में तब्दील होता जा रहा है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-12-20 13:05
पंजाब से बहुत ही दर्दनाक घटनाओं की खबरें आ रही हैं। एक घटना अमृतसर की है, तो दूसरी कपूरथला की। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। वह व्यक्ति कौन था, इसका भी पता नहीं। सिर्फ यह कहा जा रहा है कि वह उत्तर प्रदेश का था। लेकिन यह जानकारी भी पुष्ट नहीं है। उस पर आरोप है कि वह गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी करना चाह रहा था। घटना से पहले वह पाठ सुन रहा था। उस पर आरोप है कि एकाएक वह उठा और रेलिंग पार कर उस ओर पहुंच गया, जहां सिर्फ पाठ करने वाले ग्रंथी ही जाते हैं। जिस वर्जित इलाके में वह अनधिकृत तौर पर गया, वहां गुरु ग्रंथ साहिब रखा होता है। वहीं एक सुनहरी तलवार भी है। एक वर्सन के अनुसार वह तलवार उठाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया और दूसरे वर्सन के अनुसार वह तलवार उठा चुका था और गुरु ग्रंथ साहब के साथ बेअदबी करने वाला था।

संघ से जुड़े संगठन मोहन भागवत की बातों को क्यों नहीं मानते?

संघ प्रमुख का पद अब महज शोभा की वस्तु रह गया है
अनिल जैन - 2021-12-18 11:15
देश के विभिन्न इलाकों से आ रही मुसलमानों, ईसाइयों और दलितों पर तथा मस्जिद और चर्च जैसे धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस से जुड़े लोगों के हमलों की खबरों के बीच चित्रकूट में आयोजित हिंदू एकता कुंभ में आरएसएस के सुप्रीमो मोहन राव भागवत ने कहा है कि संघ लोगों को जोड़ने का काम करेगा। वैसे यह बात उन्होंने पहली बार नहीं कही है। हाल के वर्षों में वे कई बार कह चुके हैं कि संघ लोगों को जोड़ने में विश्वास रखता है। भागवत का यह भी कहना रहा है कि हर भारतीय, चाहे वह किसी धर्म या जाति का हो, सभी के पूर्वज एक हैं और सभी के डीएनए भी एक ही है। यहां तक कि वे पाकिस्तान को भी भारत का भाई बता चुके हैं और उससे रिश्ते सुधारने पर जोर दिया है। सवाल है कि उनकी इन बातों का संघ और उसके सहयोगी संगठनों पर असर क्यों नहीं हो रहा है?

अभी विरोध खत्म नहीं हुआ है

किसानों का धरना जनवाद को बचाने के लिये प्रशिक्षण शिविर का काम कर रहा था
कृष्णा झा - 2021-12-17 09:53
जनतंत्र आज हमारे देश में एक मृग मरीचिका-सी है। ‘‘शायद है’’, या ‘‘शायद नहीं है’’! इसकी व्याख्या बदलती रहती है, सिर्फ एक ही चीज सामान्य रूप से सबमें रहती है, और वह है क्रमशः ह्नास। एक-एक करके सारे खंभे कमजोर पड़ते जा रहे हैं। जब कृषि कानून किसानों पर लादे गए थे तो वह भी विकास के नाम पर ही हुआ था। स्वामीनाथन कमीशन के सारे निष्कर्षों को ताक पर रखते हुए नई नीतियां कृषि क्षेत्र में अपनाने के लिये बनाई गईं। ये नए कानून जनतंत्र का निषेध करते थे और जनवादी अधिकारों का हनन। संविधान ने हर नागरिक के लिये बुनियादी अधिकारों का प्रावधान रखा है और उसे लागू करने की मांग करना अपराध नहीं है। ऐसी घटनाओं की कमी नहीं है जब अपने इन अधिकारों का प्रयोग करने की कोशिश होती है, तो उसे विकास का विरोध करने के नाम पर सजा मिलती है। यह किसी भी प्रकार के विरोध के प्रति सहनशीलता के अभाव का लक्षण है।

बांग्लादेश में राजनीतिक वफादारी पाने के लिए लड़ रहे हैं चीन और अमेरिका

बीजिंग अवामी लीग को तो वाशिंगटन बीएनपी पर डोरे डाल रहा है
आशीष बिश्वास - 2021-12-16 11:17
यह अब आधिकारिक है। बांग्लादेश में, चीन सत्तारूढ़ अवामी लीग (एएल) का दृढ़ता से समर्थन करता है, पश्चिमी देश, अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में, मुख्य विपक्षी संगठन, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के अधिक समर्थक होते जा रहे हैं।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर

अखिलेश ने बनाया इसे ‘हिन्दू बनाम हिन्दू’
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-12-15 10:53
बहुत ही तामझाम और धूम-धड़ाके के साथ बनारस में बहुचर्चित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 13 दिसंबर को किया। यह आयोजन बनारस में हुआ, लेकिन इसमें पूरे देश और खासकर पूरे उत्तर प्रदेश को डिजिटल और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से शामिल करने की कोशिश की गई। कहने को तो यह एक धार्मिक आयोजन था, लेकिन इसका मकसद पूरी तरह से राजनैतिक ही था और तात्कालिक मकसद आगामी कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलाना था।

उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले भाजपा के सभी वरिष्ठ मंत्रियों को दिया गया क्षेत्रों का प्रभार

अखिलेश यादव की सफल रैलियों से योगी आदित्यनाथ दहशत में
प्रदीप कपूर - 2021-12-14 10:09
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी से कड़ी चुनौती मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पार्टी पर तीखा हमला बोला है।

किसान आंदोलन के सबक

कामगार वर्ग भी झुका सकता है सरकार को!
अनिल जैन - 2021-12-13 09:35
एक साल से कुछ ज्यादा दिन तक चले किसान आंदोलन ने केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों के बहुआयामी दमनचक्र का जिस शिद्दत से मुकाबला करते हुए उन्हें अपने कदम पीछे खींचने को मजबूर किया है, वह अपने आप में ऐतिहासिक है और साथ ही केंद्र सरकार के तुगलकी फैसलों से आहत समाज के दूसरे वर्गों के लिए एक प्रेरक मिसाल भी। इस आंदोलन ने साबित किया है कि जब किसी संगठित और संकल्पित आंदोलित समूह का मकसद साफ हो, उसके नेतृत्व में चारित्रिक बल हो और आंदोलनकारियों में धीरज हो तो उसके सामने सत्ता को अपने कदम पीछे खींचने ही पड़ते हैं, खास कर ऐसी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में, जिनमें वोटों के खोने का डर किसी भी सत्तासीन राजनीतिक नेतृत्व के मन में सिहरन पैदा कर देता है। देश की खेती-किसानी से संबंधित तीन विवादास्पद कानूनों का रद्द होना बताता है कि देश की किसान शक्ति ने सरकार के मन में यह डर पैदा करने में कामयाबी हासिल की है।

ममता का सोनिया परिवार पर वार

मोदी का विकल्प राहुल हो ही नहीं सकते
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-12-11 09:56
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2024 चुनाव के लिए जो रणनीति तैयार की है, उसे गलत नहीं कहा जा सकता। उनकी रणनीति का पहला बिन्दु यह है कि वह राहुल गांधी को नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपना नेता नहीं मानेंगी। चूंकि कांग्रेस राहुल को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, तो ममता बनर्जी कांग्रेस से भी कोई वास्ता नहीं रखेगी। उनकी रणनीति का दूसरा बिन्दु यह है कि वह कमजोर हो रही कांग्रेस की जगह अपनी तृणमूल कांग्रेस को स्थापित करेगी और इस क्रम में उन सारे कांग्रेसियों को अपनी पार्टी में शामिल करेंगी, जो राहुल गांधी से विरक्त होकर कांग्रेस छोड़ना चाह रहे हैं और किसी नये मंच की तलाश में हैं। जाहिर है, ममता बनर्जी उन्हें मंच प्रदान करेंगी।