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राम मन्दिर भूमि पूजन एक लंबी लड़ाई का हिस्सा है

भारत ने अनेक धार्मिक धाराओं को सोख लिया है
सागरनील सिन्हा - 2020-08-11 10:37 UTC
साम्राज्यवादी ब्रिटिश ताकतों से आजादी हासिल करने के बाद भारत की पहचान एक ऐसे देश के रूप में की गई है जिसने अपनी यात्रा नई नई शुरू की। भारतीय बुद्धिजीवियों के एक बड़े वर्ग में यह दृष्टिकोण हमेशा प्रमुख रहा है। हालाँकि, इस परिप्रेक्ष्य में भारतीयों के बहुमत के बीच ऐसी कोई लोकप्रियता नहीं मिली है।

अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस अभी भी दोराहे पर

सोनिया गांधी को परिवार मोह त्यागना होगा
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-08-10 08:48 UTC
एक साले से ज्यादा हो गया है, लेकिन कांग्रेस के अध्यक्ष का मसला अभी भी हल नहीं हुआ है। पिछले साल लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और वे चाहते थे कि पार्टी उनके परिवार से बाहर का अध्यक्ष चुन ले। अगला अध्यक्ष कौन हो, उसका नाम भी वे नहीं बता रहे थे। इसलिए संदेश जा रहा था कि वे नाटक कर रहे हैं और कांग्रेसियों से आरजू मिन्नत करवा कर कांग्रेस के पद पर बने रहेंगे। लेकिन वे न तो अध्यक्ष पद पर बने रहने के इच्छुक थे और न ही किसी को उस पर पद नामांकित करने को तैयार थे। लंबे इंतजार के बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस कार्यसमिति ने अंतरिम अध्यक्ष घोषित कर दिया और तब से वे ही इस पद को संभाल रही है।

राम सत्ता के त्याग के प्रतीक हैं

लेकिन भाजपा के लिए सत्ता ही सबकुछ है
एल एस हरदेनिया - 2020-08-08 11:03 UTC
अब चूंकि राम मंदिर का शिलान्यास सबकी सहमति से हो चुका है इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि हम भगवान (राजा भी) राम के गुणों को, उनके व्यक्तित्व की विशेषताओं को पहिचाने और उनसे प्रेरणा लें। राम का सबसे महत्वपूर्ण गुण सत्ता के प्रति मोह का अभाव था। सच पूछा जाए तो वे सत्ता के त्याग के प्रतीक हैं।

आयुधशाला में हिंडू कार्ड

काँग्रेस और समजवादी पार्टी के युनाइटेड पार्टी से दबाव कम करने के लिए
प्रदीप कपूर - 2020-08-07 09:32 UTC
2022 में उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनावों पर नजर रखते हुए, विपक्षी दल भी 5 अगस्त को हुए अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन से संबंधित हिंदू कार्ड खेल रहे हैं।

राजस्थान में भाजपा नेतृत्व वसुंधरा को भी ठिकाने लगाना चाह रहा है

इसके कारण ही गहलोत ठिकाने नहीं लग पा रहे हैं
अरुण श्रीवास्तव - 2020-08-06 13:25 UTC
यदि भाजपा अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार को गिराने के मिशन पर काम कर रही होती तो वह अब तक का यह काम पूरा कर लेती। लेकिन भाजपा का मिशन सिर्फ इतना ही नहीं है। गहलोत को सत्ता से बाहर करने की इसकी रणनीति के कई आयाम हैं। प्राथमिक आयाम है भाजपा नेता वसुंधरा राजे सिंधिया के कद में ज्यादा से ज्यादा कटौती करना।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर संसद में चर्चा होनी चाहिए

निजीकरण से गरीब परिवारों के बच्चों को होगा नुकसान
बिनॉय विस्वाम - 2020-08-05 13:12 UTC
जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार का यह ट्रेडमार्क बन गया है, एक बार फिर संसद को राष्ट्रीय महत्व के एक बड़े मामले में उपेक्षित कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। भारत के भविष्य को प्रभावित करने वाले राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे को पर संसद में बहस होनी चाहिए और उस समय तक इस नीति के कार्यान्वयन को तुरंत रोक देना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने संसद में इसे चर्चा करने और बहस करने के लायक नहीं समझा है और इसे अपनाया लिया गया।

अयोध्या भूमि पूजन के मूहुर्त का मामला

यह ‘हिन्दू बनाम हिन्दू’ के लंबे विवाद का कारण बन सकता है
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-08-04 10:15 UTC
अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए हो रहे भूमिपूजन को लेकर जो विवाद हो रहा है, उसे टाला जाना चाहिए था। यह एक ऐसा विवाद है, जो मंदिर के निर्माण के दौरान ही नहीं, बल्कि उसके बाद भी लोगों के दिलोदिमाग को मथता रहेगा।

दूरदर्शन का इस्तेमाल भाजपा के राजनैतिक उपकरण के रूप में नहीं होना चाहिए

5 अगस्त की भूमिपूजा का दूरदर्शन से प्रसारण सत्ता का है दुरुपयोग
बिनॉय विस्वम - 2020-08-03 09:47 UTC
अल्ट्रा-राइट राजनीति की उन्नति में प्रचार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फासीवाद के इतिहास ने इसके अनगिनत उदाहरणों को उजागर किया है। आरएसएस नियंत्रित बीजेपी द्वारा प्रतिनिधित्व किए जा रहे फासीवाद के भारतीय चेहरे ने तुलनात्मक रूप से बहुत कम समय में इस कला को आगे बढ़ाया है। उनका मानना है कि प्रचार के माध्यम से वे काले को सफेद और झूठ को सच में बदल सकते हैं। दूरदर्शन हमारा अपना राष्ट्रीय चैनल है और वह इस्तेमाल किए जाने के लिए लगातार दबाव में है।

गहराता जा रहा है कोरोना संकट

सरकार ने देश को छोड़ दिया है भाग्य भरोसे
अनिल जैन - 2020-07-31 08:54 UTC
कोरोना महामारी से निबटने के लिए चार महीने पहले जब देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था तब देश में कोरोना से संक्रमण के करीब 450 मामले थे और महज 18 लोगों की मौत हुई थी। लॉकडाउन लागू होने से चार दिन पहले जनता कर्फ्यू भी लगाया था और उसी दिन से सब कुछ बंद हो गया था। पहले घोषित किया गया था कि लॉकडाउन 21 दिन का होगा, फिर इसे 3 मई तक के लिए बढा दिया गया। 3 मई के बाद भी इसे कुछ मामलों में छूट देने के साथ जारी रखा गया और देश के कई राज्यों में अभी भी यह अलग-अलग स्तर पर जारी है। लेकिन इसके बावजूद देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है।

दिल्ली-मुंबई हर्ड इम्युनिटी की ओर?

लंबे लॉकडाउन का फैसला गलत था
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-07-30 11:14 UTC
देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई देश में कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित स्थान हैं। कोविड के जो टेस्ट रिपोर्ट के जो नतीजे आए हैं, उनके अनुसार सबसे ज्याद कोरोना का प्रसार यही हुआ है। दिल्ली मे एक समय तो कोरोना के मामले इस कदर बढ़ रहे थे कि विशेषज्ञोें ने कहना शुरू कर दिया था कि जुलाई महीने के अंत तक यहां कोरोना पोजिटिव लोगों की संख्या बढ़कर साढ़े 5 लाख तक जा सकती हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और बाद में मुख्यमंत्री ने भी यही डर व्यक्त किया, लेकिन वह भविष्यवाणी गलत साबित हुई है। दिल्ली में इस समय कुल कोरोना पोजिटिव लोगों की संख्या 1 लाख् 30 हजार के आसपास है, जो अनुमानित आंकडे के करीब 25 प्रतिशत है।