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बिहार के उपचुनाव में जारी है पाला बदली

उपेन्द्र प्रसाद - 2018-03-07 10:39 UTC
बिहार में एक लोकसभा और दो विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। इस बीच राज्यसभा चुनावों की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। अररिया लोकसभा क्षेत्र सांसद तस्लीमुद्दीन की मौत के कारण खाली हुआ है, तो जहानाबाद और भभुआ विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव क्रमशः राजद और भाजपा विधायकों की मौत के कारण हो रहे हैं। इन चुनावों के नतीजों से न तो केन्द्र सरकार और न ही राज्य सरकार पर किसी तरह का असर पड़ने वाला है, लेकिन इसके राजनैतिक संदेश आने वाले दिनों राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

जीत के लिए सिंधिया को श्रेय देने को कांग्रेस नेता तैयार नहीं

वोट दिलवाने की चौहान की क्षमता पर उठ रहे हैं सवाल
एल एस हरदेनिया - 2018-03-06 10:52 UTC
भोपालः मध्यप्रदेश कांग्रेस में इस बात को लेकर विभाजन है कि दो विधानसभाओं के उपचुनावों में पार्टी की जीत का श्रेय किसे दिया जाना चाहिए। वरिष्ठ नेता कमल नाथ और कुछ हद तक सत्यव्रत चतुर्वेदी को छोड़कर, कोई भी अन्य कांग्रेस नेता की सफलता के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की तारीफ करने की परवाह नहीं कर रहे हैं। कमलनाथ तो इस सीमा तक पहुंचकर कह रहे हैं कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने का पक्षधर हैं। गौरतलग हो कि विधानसभा के आमचुनाव इस साल के अंतिम महीनों में होने वाले हैं।

भाजपा के लिए डरावने हैं मप्र उपचुनाव के नतीजे

त्रिपुरा की जीत से हिन्दी क्षेत्र में टूटते जनाधार की भरपाई नही
अनिल जैन - 2018-03-05 10:51 UTC
त्रिपुरा में शानदार जीत हासिल कर भाजपा जश्न मना रही है, लेकिन उसे मध्यप्रदेश उपचुनावों में हुई हार को इस जश्न में नहीं भूलना चाहिए। मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव इसी साल के अंत में होने हैं। इस लिहाज से दो विधानसभा सीटों कोलारस और मुंगावली के लिए हुए उपचुनाव के नतीजों को अगर सूबे के सियासी मिजाज का पैमाना माना जाए तो कहा जा सकता है कि पिछले करीब डेढ़ दशक से सूबे की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी और बारह वर्ष से मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को नेतृत्व दे रहे शिवराज सिंह चौहान के लिए ये नतीजे किसी झटके से कम नहीं है।

जनमत से दूर होती जा रही भाजपा

2019 में सत्ता परिवर्तन का बन रहा है माहौल
भरत मिश्र प्राची - 2018-03-03 12:52 UTC
देश में हो रहे उपचुनाव में भाजपा शासित राज्यों में कांग्रेस की जीत इस बात को दर्शा रही है कि भाजपा धीरे - धीरे जनमत से दूर होती जा रही है। अभी हाल ही में राजस्थान में हुये उपचुनाव के तहत दो लोकसभा की सीट एवं एक विधानसभा की सीट पर भारी मतों से कांग्रेस ने अपनी जीत ही केवल दर्ज नहीं कराई बल्कि दोनों लोकसभा के तहत आने वाले 16 विधानसभा क्षेत्रों में भी भाजपा प्रत्याशी को बहुत पीछे छोड़ दिया। इस तरह राजस्थान की 17 विधानसभा सीट कांग्रेस ने भाजपा से छीन ली। मघ्यप्रदेश में भाजपा की अच्छी स्थिति मानी जा रही थी जहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान का कार्यकाल अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर माना जा रहा था, जहां भाजपा ने शिवराज सिंह चैहान के नेतृृत्व में तीन कार्य काल पूरा किया।

मध्य प्रदेश के उपचुनावों में भाजपा की हार

आगे की राह आसान नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-03-01 09:32 UTC
भारतीय जनता पार्टी को एक और चुनावी झटका लगा है। यह झटका मारा है मध्यप्रदेश ने। वहां मुंगावली और कोलारस विघानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव हो रहे थे और उन दोनों मंे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की हार हो गई है। वैसे ये दोनों सीटें विधायकों की मौत के पहले कांग्रेस के पास ही थी, लेकिन इन दोनोें सीटों के उपचुनाव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना डाला था। मुख्यमंत्री खुद चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे और यशोधरा राजे सिंधिया सहित अन्य मंत्रियों को इस मोर्चे पर लगा रखा था। चुनाव जीतने के लिए उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। कोई एक उम्मीदवार अपनी जीत के लिए जितना जोर लगाता है, लगभग उतना ही जोर मुख्यमंत्री उन उपचुनावों को जीतने के लिए लगा रहे थे।

कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी

क्या अपनी बिगड़ती छवि को बचा पाएंगे मोदी?
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-02-28 09:53 UTC
पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की आखिरकार गिरफ्तारी हो ही गई। यह गिरफ्तारी उस समय हुई है, जब केन्द्र की मोदी सरकार अपने कार्यकाल का चार साल पूरा करने जा रही है और अगले लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। कुछ लोग तो यह भी मानने लगे हैं कि शायद अगला लोकसभा चुनाव समय से कुछ पहले इसी साल के अंत तक करा दिया जाय। इस बीच मोदी सरकार अपने लिए 2022 का लक्ष्य लगातार निर्धारित कर रही है और देश को उस समय तक उसे हासिल करने का वायदा भी कर रही है, जबकि 2022 के पहले उसे एक चुनाव जीतना बाकी है।

केंद्र और राज्य सरकारों के बीच उलझी दिल्ली

मुख्य सचिव और आम आदमी पार्टी के बीच विवाद दुर्भाग्यपूर्ण
हरिहर स्वरूप - 2018-02-27 11:15 UTC
संविधान के तहत दिल्ली की राजधानी के रूप में दिल्ली का प्रशासनिक स्वरूप केंद्र और राज्य सरकार के बीच लगातार तनाव पैदा करता रहा है। अगर सत्ता के दो केंद्रों पर एक ही पार्टी काबिज हों, तो कम झगड़ा होता है। इस समय दो अलग-अलग राजनीतिक दलों की केंद्र और दिल्ली प्रदेश में सरकार है, इसलिए इस समय तनाव बहुत ज्यादा है। केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार और प्रदेश में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार के बीच लगातार परेशानी रही है। यह केजरीवाल के निवास पर आधी रात के नाटक को सही ठहराया नहीं जा सकता है, जिसमें मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मुख्य सचिव को कथित रूप से पीटा गया। यह शायद इस प्रकार का पहला उदाहरण है और इसकी निंदा करते हुए इससे मजबूती से निपटा जाना चाहिए।

भाजपा के लिए मुश्किल होगा 2019

बैंकों के घोटालों से प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-02-26 12:16 UTC
जब भारतीय जनता पार्टी ने 2014 में अपने बहुमत से केन्द्र की सत्ता पर कब्जा किया था, तो लग रहा था कि 2019 का चुनाव जीतने में भी उसे कोई समस्या नहीं होगी। तब लोग नरेन्द्र मोदी की क्षमता को लेकर भी आशावान थे। उन्हें लगता था कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा लगाने वाले प्रधानमंत्री यदि बहुत कुछ नहीं करेंगे, तो भी ऐसा कुछ कर देंगे, जिसके कारण उनके प्रति जनसमर्थन जारी रहेगा। पिछले उत्तर प्रदेश के चुनाव में अभूतपूर्व सफलता पाने के बाद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा अपराजेय लग रही थी। विपक्ष की फूट और कांग्रेस को लगातार मिल रही हार के कारण लग रहा था कि देश के पास नरेन्द्र मोदी और भाजपा का कोई विकल्प ही नहीं है और इसके कारण भारतीय जनता पार्टी के सामने कोई चुनौती नहीं है, हालांकि पंजाब के चुनाव में कांग्रेस ने भारी जीत दर्ज की थी।

भारत घोटाला मुक्त कब होगा?

हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे
भरत मिश्र प्राची - 2018-02-24 11:24 UTC
देश में घोटालों की भरमार हो रही है पर सभी एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने में मशगूल है। इस तरह की ज्वलंत एवं देश के लिये खतरनाक घटनाओं की जिम्मेवारी कोई भी अपने ऊपर नहीं लेना चाहता । वर्तमान में उजागर हुये वर्ष 2011 से प्रारम्भ पीएनबी के बैंक घोटाले के लिये केन्द्र की भाजपा सरकार पूर्व कांग्रेस सरकार को दोषी मान रही है तो कांग्रेस दोषी को देश से बाहर भगाने में वर्तमान भाजपा सरकार के मथ्थें मढ़ रही है। अभी देश को 11 हजार करोड़ के हुए बैंक घोटाले से निजात मिली नही कि 29 हजार करोड़ का कोयला घोटाले का मामला उजागर हुआ है, जिसमें औद्याोगिक घराने के अंबानी, अदानी , रूईया व जिंदल परिवार के शामिल होने की चर्चा है।

उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस कर रही हैं जाति की राजनीति

‘सिंधिया बनाम सिंधिया’ चुनाव बनाने की कोशिश विफल
एल एस हरदेनिया - 2018-02-23 12:24 UTC
भोपालः तूफानी चुनाव प्ररचार के बाद कोलारस और मुंगावली के मतदाता 24 फरवरी को अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने चुनाव में उसी स्तर का प्रचार किया है जिस तरह का प्रचार वे आम चुनाव में करती हैं।