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भारत मालदीव में कार्रवाई करने से बचे

परिस्थिति पूरी तरह 1988 से अलग है
बरुण दास गुप्ता - 2018-02-10 12:10 UTC
मालदीव श्रीलंका के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में एक छोटा सा द्वीप देश है, जिसकेे 300 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में साढ़े लाख की आबादी है। वह अभी एक राजनीतिक संकट की चपेट में है प्रभाव है। मालदीव ने अतीत में भी कई राजनीतिक संकट देखे हैं। नवंबर 1988 में, श्रीलंका के सशस्त्र आतंकियों ने सत्ता हासिल करने की कोशिश की थी। ममून अब्दुल्ला गयूम, जो मालदीव के राष्ट्रपति थे, ने भारत की सैन्य सहायता मांगी थी और तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने तुरंत जवाब में ‘ऑपरेशन कैक्टस’ लॉन्च किया गया था। भाड़े के सैनिकों ने उसके सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद

क्या ताज पर भी होगा बवाल?
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-02-09 10:49 UTC
सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद- राज जन्मभूमि स्थल विवाद पर सुनवाई शुरू हो गई है। पहले लगता है कि रोज रोज सुनवाई करके सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला सुना देगा, लेकिन अब साफ हो गया है कि इसमें समय लगेगा, हालांकि सच यह भी है कि इसी साल प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र रिटायर हो रहे हैं और यह उम्मीद तो की ही जानी चाहिए कि उनके रिटायरमेंट के पहले इस पर फैसला आ जाएगा।

एक प्रधानमंत्री का ‘ऐतिहासिक’ स्तरहीन भाषण

बैंकों के एनपीए को लेकर भी गलतबयानी
अनिल जैन - 2018-02-08 10:32 UTC
एक राजनेता के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ख्याति’ भले ही एक कामयाब मजमा जुटाऊ भाषणबाज की रही हो, लेकिन उन पर यह ‘आरोप’ कतई नहीं लग सकता है कि वे आमतौर पर एक शालीन और गंभीर वक्ता है! चुनावी रैली हो या संसद, लालकिले की प्राचीर हो या फिर विदेशी धरती, मोदी की भाषण- शैली आमतौर पर एक जैसी रहती है- वही भाषा, वही अहंकारयुक्त हाव-भाव, राजनीतिक विरोधियों पर वही छिछले कटाक्ष, वही स्तरहीन मुहावरे। आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर गलत बयानी, तथ्यों की मनमाने ढंग से तोड़-मरोड़, सांप्रदायिक तल्खी और नफरत से भरे जुमलों और आत्मप्रशंसा का भी उनके भाषणों में भरपूर शुमार रहता है।

राजस्थान की राजनीतिक फिजा बदल रही है

लोगों का मूड भाजपा के खिलाफ हो रहा है
भरत मिश्र प्राची - 2018-02-07 09:23 UTC
राजस्थान सरकार का बजट सत्र आरोप - प्रत्यारोप के बीच शुरू हो गया, जहां अभी हाल ही में राजस्थान विधान सभा एवं लोक सभा के हुए उपचुनाव में मिली कांग्रेस की अपार जीत ने विधानसभा में विपक्ष के आक्रमक तेवर को पहले से ज्यादा तेज तर्रार कर दिया है। वही सत्तापक्ष संख्या में ज्यादा होते हुये भी अभी से अपने आप को हल्का महसूस करता नजर आया । सत्तापक्ष के ही पुराने एवं वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवारी के तेवर बजट सत्र के प्रारम्भ में ही सरकार पर काले कानुन को लेकर उग्र होते दिखाई दिये, जो राजस्थान में राजनीतिक परिदृृश्य पर प्रतिकूल प्रभाव को दर्शाते नजर आये।

यशवंत सिन्हा ने मध्यप्रदेश में मोर्चा खोला

राज्यपाल के कार्यकलापों से चौहान सांसत मेें
एल एस हरदेनिया - 2018-02-06 10:13 UTC
भोपालः भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की नीतियों पर जोरदार हमला शुरू कर दिया है। इस लड़ाई को वे मध्य प्रदेश में भी लड़ रहे हैं, जिससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शर्मिंदगी हो रही है। किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए नरसिंहपुर जिले में सिन्हा एक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे। शत्रुघ्न सिन्हा ने उन्हें समर्थन दिया है।

घटता बजट और आकारहीन नीतियां

सर्वग्राही स्वास्थ्य सेवा अभी भी एक सपना है
अरुण मित्रा - 2018-02-06 10:11 UTC
स्वास्थ्य सभी की चिंता हैं। केवल स्वस्थ व्यक्ति ही सामाजिक विकास में योगदान कर सकता है। इस प्रकार देश को सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है जहां हर नागरिक के स्वास्थ्य की जरूरतों को पूरा करने की आवश्यकता होती है। इसी संदर्भ में 1 फरवरी 2018 के स्वास्थ्य पर 52800 करोड़ रुपए की राशि के बजटीय प्रावधानों को देखा जाना चाहिए।

छोटे और मझोले उद्योगों की एक बार फिर अनदेखी

बेरोजगारी कैसे दूर होगी?
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-02-03 08:24 UTC
मोदी सरकार के वर्तमान कार्यकाल का यह अंतिम पूर्ण बजट था और उम्मीद की जा रही थी कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई बेरोजगारी की समस्या पर इसमें सीधा सीधा हमला होगा। बेरोजगारी की समस्या का समाधान लधु और मध्यम उद्योगों द्वारा ही संभव है। इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इस सेक्टर को बढ़ावा देने पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगी। लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए गुप्ता कमिटी की सिफारिशें केन्द्र सरकार के पास 2015 से पड़ी हुई हैं। उम्मीद यह भी की जा रही थी कि गुप्ता रिपोर्ट की सिफारिशों को ज्यादा से ज्यादा लागू करने की कोशिश इस बजट में की जाएगी।

जेटली का बजट: खोदा पहाड़ निकली चुहिया

डाॅ. भरत मिश्र प्राची - 2018-02-02 09:55 UTC
केन्द्र सरकार ने फरवरी माह में आम बजट पेश तो कर दिया पर बजट पूर्व जिस तरह की उम्मीदें की जा रही थी, वैसा कुछ भी नजर नहीं आया । वर्तमान वित्त मंत्री अरूण जेटली से जिस तरह की उम्मीद की जा रही थी, बजट वैसा ही है। उसमें किसी वर्ग को कोई खास लाभ नजर नहीं आ रहा है। मघ्यम वर्ग व नौकरी पेशा वालों को तो सबसे ज्यादा निराशा हुइ र्है। सातवें वेतन आयोग से बढ़े वेतन के बदले में राहत पाने की दिशा में आयकर सीमा एवं कर दायरे में छूट की उम्मीद लगाये बैठे रहे पर इस बजट में उन्हें निराशा ही हुई।

जेटली का केन्द्रीय बजट रस्म अदायगी तक सीमित

उपेन्द्र प्रसाद - 2018-02-01 10:37 UTC
इस बजट को आगामी लोकसभा चुनाव के पहले का पूर्ण बजट माना जा रहा था। जाहिर है, इसे चुनावी बजट भी हम कह सकते हैं। लेकिन क्या यह वास्तव में चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया गया है? शायद चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया गया हो और सरकार आर्थिक नीतियों के मोर्चे पर जिस क्रूरता के लिए अब प्रसिद्ध हो गई है, उस क्रूरता से बचने की कोशिश की गई हो, लेकिन इस बजट से ऐसा कुछ भी नहीं लगता कि सरकार ने लोगों के दिलों अपना स्थान बनाने के लिए कोई प्रावधान किए हों।

मध्यप्रदेश में दो विधानसभाओं के उपचुनाव

कांग्रेस तैयारी के मामले में भाजपा पर भारी
एल एस हरदेनिया - 2018-01-31 08:26 UTC
भोपालः कोलारास और मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा के साथ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी सक्रिय हो गई हैं। सदस्यों की मौत के कारण ये उपचुनाव हो रहे हैं। दोनों सीटें कांग्रेस के पास थीं। मुंगावली का प्रतिनिधित्व ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार महेंद्र सिंह कलुखेड़ा कर रहे थे। कांग्रेस तैयारियों के संदर्भ में भाजपा से आगे है और इसके उम्मीदवारों की घोषणा भी हो गई है। भाजपा के चयन में देरी राज्य और स्थानीय नेतृत्व के बीच मतभेदों के कारण हो रही है। स्थानीय निकाय चुनावों में जीत ने कांग्रेस को मजबूत किया गया है। भाजपा उम्मीदवार नौ अध्यक्ष की सीटों पर जीते थे। कांग्रेस को भी 9 पर ही जीत हासिल हुई थी, लेकिन कांग्रेस एक बागी ने 19वीं सीट जीती थी। इस तरह कांग्रेस का पलड़ा भारी हो गया। सबसे बड़ी बात यह कि कांग्रेस की सीटें बढ़ीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी की सीटे घट गई थीं।