Loading...
 
Skip to main content

View Articles

मध्यप्रदेश में अल्पसंख्यकों की प्रताड़ना के मामले बढ़े

पाकिस्तान की जीत का उत्सव मनाने वालेे युवक पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा
एल एस हरदेनिया - 2017-07-01 10:32
भोपालः अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के मामले में मध्यप्रदेश पीछे नहीं है। अनेक मामलों में मुसलमान और ईसाई बहुत ही मामूली आरोपों में गिरफ्तार किए गए हैं। उनमें से कुछ मामले तो काल्पनिक भी हैं। एक वैसे ही मामले में 15 मुस्लिम युवकों पर यह आरोप लगाते हुए राजद्रोह का मुकदमा कर दिया गया है कि वे पाकिस्तान की क्रिकेट मैच में जीत के बाद उत्सव मना रहे थे।

राष्ट्रपति चुनावः दो को छोड़कर सारे चुनाव मतदान से ही हुए

एल.एस. हरदेनिया - 2017-06-30 10:53
हमारे देश में राष्ट्रपति का चुनाव अनेक अवसरों पर काफी विवादग्रस्त वातावरण में संपन्न हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राष्ट्रपति पद का पहला चुनाव भी विवादग्रस्त था। वर्ष 1949 के दिनांक 25 नवंबर को हमने अपने संविधान को पारित कर लिया था। उसके बाद 26 जनवरी को हम पूर्ण संप्रभुता प्राप्त लोकतंत्र देश बन गए थे।

महागठबंधन पर महाअसमंजस

आगे की राह आसान नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-06-29 12:47
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार को लेकर बिहार के महागठबंधन में चल रही बयानबाजी अब समाप्त हो गई है और लगता है कि राष्ट्रीय जनता दल ने नीतीश कुमार द्वारा राजग उम्मीदवार को समर्थन करने के तथ्य को स्वीकार कर लिया है। लेकिन इसके कारण इस तथाकथित महागठबंधन का महाअसमंजस समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि पहले से और भी ज्यादा बढ़ गया है। नीतीश के दल के महासचिव के सी त्यागी ने, जो पार्टी के आधिकारिक प्रमुख प्रवक्ता भी हैं, यह कहकर महागठबंधन के अपने सहयोगियों को एक और झटका दिया है कि भाजपा के साथ उनके दल का गठबंधन वैचारिक मतभेद के बावजूद ज्यादा सहज था। इसका अर्थ यह है कि उनका दल एक बार फिर भाजपा से हाथ मिला सकता है और वैचारिक मतभेद होने के बावजूद उसके साथ सहज रूप से बिहार की सरकार चला सकता है।

संघ परिवार का राष्ट्रपति

रामनाथ कोविंद मीरा कुमार को हरा सकते हैं
कल्याणी शंकर - 2017-06-28 13:25
अब यह लगभग निश्चित हो गया है कि नरेन्द्र मोदी के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद भारत के अगले राष्ट्रपति होंगे। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 25 जुलाई को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और उसके पहले 17 जुलाई को नये राष्ट्रपति के लिए मतदान होना है।

अति उत्पादन ने किसानों को किया बेहाल

भंडारन के अभाव में लाखों टन अनाज खुले में सड़ रहे हैं
एल एस हरदेनिया - 2017-06-27 11:24
भोपालः मध्यप्रदेश के किसानों की समस्या का कोई हल नहीं दिखाई पड़ रहा है। प्रदेश सरकार ने फैसला किया कि वह प्याज 8 रुपये प्रति किलो खरीदेगी। गौरतलब है कि ज्यादा उत्पादन के कारण प्याज की कीमतें जमीन चाट रही हैं। इसके कारण किसानों का उग्र प्रदर्शन शुरू हो गया था।

अनुकूलित राष्ट्रपति की कड़ी में कोविंद

भाजपा को दलित वोट दिलाने में हो सकते हैं मददगार
अनिल जैन - 2017-06-27 11:22
हमारे देश में आजादी के बाद से अब तक यही देखा गया है कि राष्ट्रपति चाहे राजनीतिक पृष्ठभूमि वाला हो या गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाला- सरकार के साथ उसका रिश्ता कुछ अपवादों को छोडकर आमतौर पर सामंजस्यपूर्ण ही रहा है। जो राजनीतिक दल सत्ता में होता है उसकी भी कोशिश यही रहती है कि वह राष्ट्रपति के पद पर ऐसे व्यक्ति को बैठाए जो हर तरह से उसके अनुकूल हो और किसी भी मामले में संविधान प्रदत्त अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सरकार या प्रधानमंत्री के लिए कोई परेशानी खडी न करे। इस लिहाज से देश का नया राष्ट्रपति चुनने के लिए सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाकर कोई अनोखा या हैरानी वाला काम नहीं किया है, जैसा कि कई विश्लेषक इसे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मास्टर स्ट्रोक बता रहे हैं।

क्या नए राष्ट्रपति निभा पाएंगे भारतीय संघ के मुखिया की जिम्मेदारी?

के आर नारायणन होने चाहिए राष्ट्रपतियों के रोल माॅडल
अनिल सिन्हा - 2017-06-24 11:59
वास्तव में, भारत के राष्ट्रपति का दायित्व एक संघीय गणराज्य के संवैधानिक मुखिया के रूप में काम करने का होता है। इस पद की कल्पना करते हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने जो अपेक्षाएं इस पद से की थीं वे मूलतः यही थीं कि इस पद पर बैठा व्यक्ति भारतीय संघ को बाहर या भीतर से आ रही चुनौतियों से निबटने में राष्ट्र का नेतृत्व करे। यही वजह है कि उसे कई विशेषाधिकार दिए गए जिसका वह असामान्य और आपात स्थिति में इस्तेमाल कर सके। अगर ध्यान से देखें तो राष्ट्पति को कैबिनेट के निर्णयों पर खामोशी से दस्तखत करने वाला पदाधिकारी बनाने का संविधान का कोई इरादा नही है। इसके बदले यह उसे ऐसा पदाधिकारी बनाना चाहता है जो भारतीय गणराज्य के संघीय चरित्र की रक्षा करे।

राष्ट्रपति चुनावः किसी वर्ग विेशेष से जोड़कर निर्णय लेना उचित नहीं

डाॅ. भरत मिश्र प्राची - 2017-06-23 10:23
देश का यह गैर राजनीतिक सर्वोपरि पद राष्ट्रहित एवं जनहित की दृष्टि में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसकी निष्पक्ष भूमिका देश को संकटकालीन स्थिति से बाहर निकालते हुए अस्मिता एवं गौरव की रक्षा में सहायक पृष्ठभूमि निभाती है। इस पद पर आसीन व्यक्ति से देश को काफी आशाएं होती हैं। लोकतंत्र में भटके नेतृत्व को दिशा निर्देश एवं संकटकाल की स्थिति में महत्वपूर्ण निर्णय की पृष्ठभूमि इस पद की सार्थकता को दर्शाती है। राष्ट्रपति देश के सर्वोपरि पद पर विराजमान देश का प्रथम नागरिक होता है।

फिर आपातकाल की ओरः मीडिया की स्थिति बेहद चिंताजनक

अनिल जैन - 2017-06-23 03:49
आपातकाल यानी भारतीय लोकतंत्र का एक स्याह और शर्मनाक अध्याय...एक दुरूस्वप्न...एक मनस और त्रासद कालखंड! पूरे बयालीस बरस हो गए जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता की सलामती के लिए आपातकाल लागू कर समूचे देश को कैदखाने में तब्दील कर दिया था। विपक्षी दलों के तमाम नेता और कार्यकर्ता जेलों में ठूंस दिए गए थे। सेंसरशिप लागू कर अखबारों की आजादी का गला घोंट दिया गया था। संसद, न्यायपालिका, कार्यपालिका आदि सभी संवैधानिक संस्थाएं इंदिरा गांधी के रसोईघर में तब्दील हो चुकी थी, जिसमें वही पकता था जो वे और उनके बेटे संजय गांधी चाहते थे। सरकार के मंत्रियों समेत सत्तारुढ दल के तमाम नेताओं की हैसियत मां-बेटे के अर्दलियों से ज्यादा नहीं रह गई थी। आखिरकार पूरे 21 महीने बाद जब चुनाव हुए तो जनता ने अपने मताधिकार के जरिए इस तानाशाही के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से ऐतिहासिक बगावत की और देश को आपातकाल के अभिशाप से मुक्ति मिली।

राष्ट्रपति के रूप में प्रणब मुखर्जी

एक सुखद अनुभवों वाला कार्यकाल
कल्याणी शंकर - 2017-06-21 11:50
प्रणब मुखर्जी 25 जून को रिटायर्ड हो रहे हैं। उस दिन उनकी जगह कोई और राष्ट्रपति बन जाएंगे। चूंकि भाजपा उनके दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार नहीं थी, इसलिए उन्होंने फैसला किया कि दूसरे कार्यकाल में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।