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भारत ने इजरायल के मुद्दे पर खुद को ब्रिक्स सदस्यों से अलग-थलग कर लिया

फिलिस्तीनी क्षेत्र से कब्जा हटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में मतदान से बचना शर्म की बात
नित्य चक्रवर्ती - 2024-09-20 10:46
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के दौरान भारतीय विदेश नीति में क्या हो रहा है? क्या भारत 2024 में संयुक्त राज्य अमेरिका का एक जागीर देश बन जायेगा और देश के ब्रिक्स भागीदारों के साथ अपने सभी राजनीतिक संबंधों को समाप्त कर देगा?

बिना शोर-शराबे के गुजरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन

भाजपा सदस्य उनके 74वें जन्मदिन के अवसर पर भी उतने ही शांत रहे
सुशील कुट्टी - 2024-09-19 10:42
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार ने 17 सितंबर को अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन पूरे किये। मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं, और उनका प्रदर्शन कैसा रहा, यही 17 सितम्बर के दिन का विषय था, क्योंकि इसी दिन उनका जन्मदिन भी था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 74 साल के हो गये और इस अवसर पर बहुत जश्न का माहौल नहीं था। 2024 के लोकसभा चुनावों में “आधी जीत” की भावना मन में अभी भी बनी हुई है, जो लोगों को परेशान और उन्हें सोचने पर मजबूर करती है।

केरल और चार अन्य गैर-भाजपा राज्यों ने करों में उचित हिस्सेदारी की मांग की

केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले उपकर और अधिभार पर सीमा लगाने की मांग
पी. श्रीकुमारन - 2024-09-18 10:41
तिरुवनंतपुरम: एक निर्णायक कदम उठाते हुए, पांच राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक सम्मेलन ने केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले उपकर और अधिभार पर सीमा लगाने के अलावा राज्यों को संसाधनों का उचित और न्यायसंगत बंटवारा करने की मांग की है।

अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को लुभाने में राहुल की सफलता से भाजपा नेतृत्व हैरान

कांग्रेस नेता को पूरा अधिकार है कि वह विदेशों में भी अपनी पार्टी के विचार व्यक्त करें
कल्याणी शंकर - 2024-09-17 10:45
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हाल ही में अमेरिका यात्रा ने भारत में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध को जन्म दिया है। क्या भारतीय नेताओं को विदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की बुराई करने से बचना चाहिए? क्या कोई सीमा है और क्या राहुल ने अमेरिका में रहते हुए उस सीमा का उल्लंघन किया है? भाजपा का दावा है हां, जबकि कांग्रेस का कहना है नहीं।

बिहार की राजनीति पर कमजोर होती जा रही नीतीश कुमार की पकड़

भाजपा नेतृत्व नीतीश के खुद अप्रासंगिक बनाने तक इंतजार करने के मूड में
अरुण श्रीवास्तव - 2024-09-16 10:45
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साख उनके राजनीतिक जीवन में इतनी कम कभी नहीं हुई, जितनी हाल के महीनों में होती दिख रही है। मुख्यमंत्री होने के नाते लोग उनके पास आते हैं, उनके सामने झुकते हैं, लेकिन कुछ महीने पहले तक जो सम्मान उन्हें मिलता था, वह पूरी तरह से गायब हो गया है। लोगों को उन पर तरस आती है।

मणिपुर हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी से पल्ला न झाड़े मोदी सरकार

पिछले 16 महीनों में 250 लोग मारे गये और 60,000 विस्थापित हुए
पी. सुधीर - 2024-09-14 10:53
पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर में जातीय संघर्ष और हिंसा गत सोलह महीनों से लगातार जारी है। इस हिंसा के दौरान अब तक 250 से ज़्यादा लोग मारे गये हैं और इससे अनेक गुना लोग घायल हुए हैं। लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं और शरणार्थी के रूप में अन्यत्र रह रहे हैं। केंद्र सरकार और भाजपा की राज्य सरकार बुनियादी मुद्दों को हल करने में पूरी तरह विफल रही है, जिसके कारण संघर्ष हुआ और ऐसी स्थिति विकसित हुई जहाँ जातीय विभाजन और भी बढ़ गया है।

बुजुर्गों को संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज चाहिए, मिला सिर्फ स्वास्थ्य बीमा, वह भी सबको नहीं

नरेंद्र मोदी सरकार को स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार के रूप में स्वीकार करना चाहिए
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-09-13 11:10
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को अतिशयोक्तिपूर्ण रूप से “रोमांचक और प्रभावशाली” योजनाएं शुरू करने का शौक है, लेकिन उनमें से अधिसंख्य केवल सतही होते हैं, जो भारत के लोगों के सामने आने वाली वास्तविक समस्याओं और मुद्दों को अनदेखा करती हैं। 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के स्वास्थ्य कवरेज से संबंधित 11 सितंबर, 2024 को कैबिनेट का नवीनतम निर्णय इसका ज्वलंत उदाहरण है। जब बुजुर्गों को वास्तव में “संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज” की आवश्यकता थी, तब केंद्र ने 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए केवल 5 लाख रुपये का “स्वास्थ्य बीमा कवरेज” स्वीकृत किया, जो वोटों के लिए मुंह मीठा कराने का एक लॉलीपॉप से ज्यादा कुछ भी नहीं है।
14 सितंबर हिन्दी दिवस पर विशेष

भारत एक राष्ट्र है पर इसकी कोई राष्ट्रभाषा नहीं

क्या निकट भविष्य में राष्ट्रभाषा अंगीकार करना संभव होगा
एल.एस. हरदेनिया - 2024-09-12 11:13
यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में आजादी के 77 वर्षों बाद भी ऐसी कोई भाषा नहीं है जो देश के सभी निवासियों द्वारा देश के हर कोने में बोली और लिखी जा सके। जब देश आज़ाद हुआ था तो इस बात की आशा थी कि हिन्दुस्तानी देश को जोड़ने वाली भाषा बन सकेगी, परन्तु अबतक ऐसा नहीं हो सका है।

भारत में खनिज तेल की खुदरा कीमतों पर नियंत्रण हटाना एक बड़ा छलावा

वैश्विक कीमतों में गिरावट से भी उपभोक्ताओं को नहीं मिलती राहत
नन्तू बनर्जी - 2024-09-12 10:53
भारत में खनिज तेल की खुदरा कीमतों पर से नियंत्रण हटाना स्थानीय खुदरा बाजार की कीमतों को वैश्विक मूल्य प्रवृत्तियों से जोड़ने के किसी ईमानदार उद्देश्य से ज़्यादा आम जनता और सीधे-साधे उपभोक्ताओं को धोखा देना है। पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि जब भी वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो खुदरा तेल की कीमतें अक्सर तेज़ी से बढ़ जाती हैं, परन्तु जब वैश्विक बाजार में कीमतें घटती हैं तब भारत में खनिज तेल की खुदरा कीमतें तेजी से नहीं घटतीं।

श्रीलंका में 21 सितंबर को हो रहा राष्ट्रपति चुनाव भारत के लिए महत्वपूर्ण

अमेरिका और चीन समेत बड़ी शक्तियों की चुनावों के नतीजों में गहरी दिलचस्पी
अरुण कुमार श्रीवास्तव - 2024-09-11 10:39
श्रीलंका में 21 सितंबर, 2024 को राष्ट्रपति चुनाव होंगे, जिसमें 220 लाख की कुल आबादी में से 170 लाख लोग मतदान करेंगे। विदेशी समाचार विश्लेषकों का मानना है कि श्रीलंका "नयी दृष्टि, साहसिक सुधार और स्थिर नेतृत्व" का चयन करेगा। कुल 38 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भी शामिल हैं, जो एक स्वतंत्र उम्मीदवार हैं। विक्रमसिंघे ने खाद्यान्न, ईंधन, रसोई गैस और दवा की सामान्य आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कठोर मितव्ययिता उपाय लागू किये और करों में वृद्धि की, और उन्हें उम्मीद है कि मतदाता उन्हें देश की अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने के लिए एक और मौका देंगे।