यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार क्षेत्र संधि के लिए समय सही नहीं
भारत को अपने हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए
2013-04-21 02:08
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पिछले सप्ताह जब भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जर्मनी में थे, तो यूरोपीय संघ की ओर से उनपर लगातार दबाव पड़ रहा था कि भारत उसके साथ मुक्त व्यापार क्षेत्र संधि पर दस्तखत को जल्द से जल्द अंजाम पर पहुंचाए। यूरोपीय वाइन और स्कॉटिश व्हिस्की के उत्पादक, जर्मनी के मोटर उत्पादक और यूरोप के वित्तीय सेवा प्रदान करने वाले मुक्त व्यापार क्षेत्र संधि को जल्द से जल्द संपन्न करने के लिए खासतौर पर बेकरार दिख रहे थे। वे सभी भारत में अपने उत्पादों के लिए कर मुक्त प्रवेश चाहते हैं। बदले में वे भारत से चाहते हैं कि यहां बौद्धिक संपत्ति अधिकारों के कानून सख्त बनाए जाएं। वे यूरोप के अपने बाजार को भारत के कृषि उत्पादों के लिए खोलना भी नहीं चाहते हैं और आई टी सेवा प्रदान करने वाले भारतीयों के यूरोप में मुक्त विचरण की इजाजत भी नहीं देना चाहते।