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शंघाई सहयोग संगठन का जून शिखर सम्मेलन

भारत को अपना हक जमाना होगा
नित्य चक्रबर्ती - 2017-03-11 11:29 UTC
अगले जून महीने में कजाखस्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन होने वाला है। इस शिखर में उम्मीद की जा रही है कि भारत अपने ओर से काफी सक्रियता दिखाएगा। पिछले शिखर में भारत और पाकिस्तान को इस सहयोग संगठन का पूर्णकालीन सदस्य बनाया गया था। अब अपनी सदस्यता का पूरा इस्तेमाल करने का समय भारत के लिए आ गया है। उसे क्षेत्रीय सुरक्षा से संबंधित मसलों को उठाना है और इसके साथ ऊर्जा संसाधनो में साझेदारी की बात भी आगे बढ़ानी है। भारत के सबंध इस संगठन के सभी मूल 6 सदस्य देशों के साथ अच्छा है। वे मूल सदस्य देश है- चीन, रूस, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिजस्तान, और ताजिकिस्तान। इसके कारण भारत को एक अन्य नये सदस्य देश पाकिस्तान के अपने संबंधों के बारे मे स्थिति स्पष्ट करने में भारत को आसानी होगी। भारत आशावान है कि आतंकवाद के खिलाफ उसके स्वर को मूल सदस्य देशों का समर्थन मिलेगा।

मध्यप्रदेश आतंकवादियों का अड्डा बना

सीमी कार्यकर्ताओं ने अपनी गतिविधियां बढ़ाईं
एल एस हरदेनिया - 2017-03-10 11:14 UTC
आतंकवादी गतिविधियों के एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में मध्यप्रदेश उभर रहा है। पिछले महीने के मध्य में पता चला कि प्रदेश के 9 लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गुप्त सूचनाएं प्रदान कर रहे थे। सबसे सनसनीखेज बात यह थी कि उस समूह के कुछ लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ बहुत नजदीकी से जुड़े हुए थे। यह समूह आईएसआई से भारी धन प्राप्त कर रहा था।

सक्रिय राजनीति में प्रियंका: आखिर झिझक क्यों है?

उपेन्द्र प्रसाद - 2017-03-09 12:15 UTC
कांग्रेस के कई नेताओं ने चुनाव प्रचार शुरू होने के पहले कहा था कि उत्तर प्रदेश के अभियान में प्रियंका भी शामिल होंगी। कुछ नेताओं ने दबे स्वर में कहा था, तो कुछ ने साफ साफ शब्दों में कहा था कि प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली से बाहर भी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगी। लेकिन उन सबकी बात गलत साबित हो गई और प्रियंका ने अपने आपको उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार से दूर ही रखा। पांच मिनट के लिए अमेठी- रायबरेली चुनाव सभा को जरूर संबोधित किया, लेकिन वह रस्म अदायगी से ज्यादा कुछ नहीं थी। वह भी प्रियंका गांधी को इसलिए करना पड़ा क्योंकि राहुल गांधी की बहुत आलोचना हो रही थी कि वे प्रियंका को सक्रिय राजनीति में नहीं आने देना चाहते।

ट्रंप आउटसोर्सिंग रोकने की अपनी जिद पर अड़े

पूर्वी भारतीय कंपनियों को अपना बिजनेस माॅडल बदलना पड़ेगा
कल्याणी शंकर - 2017-03-08 11:50 UTC
भारत की सिल्कन वैली बंगलुरु और हैदराबाद की साइबर सिटी, जिनमें भारत के बड़ी आईटी कंपनियों के ठिकाने हैं, इस समय अनिश्चितता और आशंका से कांप रही हैं। इसका कारण अमेरिका के टंªप प्रशासन द्वारा एच1-बी वीजा को रोक दिया जाना है। भारत के साॅफ्टवेयर उद्योग की हालत पहले से ही पतली चल रही रही है और उसका मुनाफा लगातार गिरता जा रहा है। उसके साथ साथ टंªप प्रशासन का फैसला उसके ऊपर और भी भारी पड़ता जा रहा है।
प्रधानमंत्री का काशी प्रवास

बनारस की जीत क्यों जरूरी है मोदी के लिए

उपेन्द्र प्रसाद - 2017-03-07 12:12 UTC
कहा जाता है कि जब किसी की जिंदगी का आखिरी समय आता है, तो उसकी इच्छा काशी जाने की होती है। मान्यता यह है कि अपने अंतिम दिन काशी में बिताने से मोक्ष मिलता है। इस तरह के अंधविश्वासों के खिलाफ जिंदगी भी संघर्ष करने वाले कबीरदास ने अपने अंतिम समय में काशी को छोड़ दिया और उस मगहर में अपनी अंतिम सांसें ली, जिसके बारे में कहा जाता था कि वहां मरने पर नर्क मिलता है।
भारतः केरल

मुख्यमंत्री की हत्या की धमकी से संध बचाव की मुद्रा में

पूर्वी सीपीएम नेताओं के लिए आत्ममंथन का समय
पी श्रीकुमारन - 2017-03-06 12:56 UTC
तिरुअनंतपुरमः केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को दी गई हत्या की धमकी के बाद प्रदेश में सीपीएम और संघ के कार्यकत्र्ताओं के बीच औ भी तनाव बढ़े जाने की संभावना है। यह धमकी मध्यप्रदेश के एक संघ नेता ने दी थी।
भारत: उत्तर प्रदेश

बनारस की लड़ाई में उलझे मोदी

प्रदेश में जीत से ज्यादा जरूरी है काशी की जीत
उपेन्द प्रसाद - 2017-03-04 11:08 UTC
उत्तर प्रदेश के चुनाव में सबसे आखिरी चरण में बनारस जिले में मतदान होना है। बनारस ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र है। उनके क्षेत्र मे तो पांच विधानसभा क्षेत्र ही हैं, लेकिन जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं। यदि आठों विधानसभा क्षेत्रों की बात न करें, तो वे पांच विधानसभा क्षेत्र जो वाराणसी यानी बनारस लोकसभा क्षेत्र में पड़ते हैं, वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए काफी मायने रखते हैं। लेकिन 4 मार्च के पहले वहां से जो सूचनाएं आ रही थीं, उनके अनुसार उन पांचों क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी की हालत खराब है।
भारत: उत्तर प्रदेश

अंतिम दो चरणों में जाति और संप्रदायिक ध्रुवीकरण

पूर्वी उत्तर प्रदेश में अनेक अपराधी लड़ रहे हैं चुनाव
प्रदीप कपूर - 2017-03-03 11:08 UTC
लखनऊः मतदान के दो चरणों में राजनैतिक पार्टियों द्वारा अब मंडल और कमंडल कार्ड एक साथ खेला जा रहा है। इस चुनाव में नरेन्द्र मोदी, मायावती, अखिलेश यादव और राहुल गांधी का बहुत कुछ दाव पर लगा हुआ है। अब तक उत्तर प्रदेश के चुनाव में किसी प्रधानमंत्री ने उतना समय प्रचार में नहीं लगाया होगा, जितना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगा रहे हैं।

अखिल भारतीय विद्याथीै परिषद नई आफत

भाजपा हिंसा को बढ़ावा दे रही है
अमूल्य गांगुली - 2017-03-02 12:47 UTC
नरेन्द्र मोदी सरकार घर वापसी और लव जेहाद के मसले पर अपनी पार्टी के लोगों को अपने पैर वापस खींचने के लिए बाध्य करने में सफल हुए थे। मोदी ने गौरक्षकों पर भी लगाम लगाने में सफलता पाई थी। खासकर जब गुजरात में मरी हुई गाय से चमड़ा निकालने वाले दलितों पर हमला हमला हुआ था और उसका विडियो सामने आया था, तो मोदी ने तुरंत कार्रवाई की थी और उसके बाद ही गौरक्षकों पर बरसे थे।
मध्यप्रदेश बजट

मध्यप्रदेश में बनेगा आवासीय भूमि अधिकार कानून, अप्रैल से आंशिक शराबबंदी

शासकीय कर्मचारियों को 7वां वेतनमान, स्वच्छता, डिजिटाइजेशन और स्मार्ट सिटी पर जोर
राजु कुमार - 2017-03-02 12:42 UTC
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज वित्त मंत्री जयंत मलैया ने साल 2017-18 का बजट पेश किया। बजट से पूर्व यह उम्मीद जताई जा रही थी कि प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स में कुछ कमी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। बजट में शासकीय सेवकों को 7वें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिए जाने की घोषणा की गई और इसका नगद भुगतान जुलाई 2017 से किया जाएगा। आंशिक शराबबंदी और सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में बढ़ोतरी बजट के खास बिंदु रहे। मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए अनुदान देने की घोषणा भी बजट में की गई है। मध्यप्रदेश में जन्में सभी व्यक्तियों को आवासयुक्त बनाने के लिए इस सत्र में आवासीय भूमि अधिकार विधेयक लाया जाएगा।