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शेख हसीना की भारत यात्रा

दोनों देशोे के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण
कल्याणी शंकर - 2017-04-05 12:20 UTC
जब नरेन्द्र मोदी ने 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री के पद के लिए शपथग्रहण किया था, तो लोगों को चैंकाते हुए उन्होंने अपने पड़ोसी देशों के सभी सरकार प्रमुखों को उसमें आमंत्रित किया था। वैसा करके उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि पड़ोसी देश उनकी सरकार के लिए बहुत मायने रखते हैं। शपथग्रहण के बाद उन्होंने बहुत जल्द ही अधिकांश देशों की यात्राएं भी कर डालीं। अब साढ़े साल के अंतराल के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आ रही हैं। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के लिए यह यात्रा यह दिखाने का अवसर प्रदान कर रही है कि आपसी संबंधों में सुधार लाने के लिए वे वाकई गंभीर हैं।

इवीएम पर घमसानः कमजोर है निर्वाचन आयोग का पक्ष

उपेन्द्र प्रसाद - 2017-04-04 10:16 UTC
मध्यप्रदेश में हो रहे विधानसभा के दो क्षेत्रों के उपचुनाव में इस्तेमाल हो रहे पेपर ट्रेल पर्ची के प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर अलग अलग बटन दबाने पर सभी से भाजपा के कमल निशान छपी पर्ची निकलने के बाद इवीएम विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आते ही बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आरोप लगाया था कि मशीनों में छेड़छाड़ के द्वारा मतों की हेराफेरी हुई है और अन्य उम्मीदवारों के मिले मत भी भाजपा उम्मीदवारों को ट्रांस्फर कर दिए गए हैं। इस तरह का आरोप लगाते हुए मायावती ने नतीजों को वापस लेने और बैलट पत्र के इस्तेमाल से फिर से चुनाव कराने की मांग कर दी थी।

अभिव्यक्ति की आजादी के बिना कैसा न्यू इंडिया?

लेकिन लोकतांत्रिक संस्थाओं का तेजी से क्षरण हो रहा है
अनिल जैन - 2017-04-03 11:58 UTC
हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के बाद दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- ‘‘2022 में जब हमारी आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे, मैं देश को ‘न्यू इंडिया’ के रूप में देखना चाहता हूँ और इन पांच राज्यों के नतीजों में मुझे न्यू इंडिया की नींव के दर्शन हो रहे हैं। अपने ‘न्यू इंडिया’ की विस्तृत अवधारणा पेश करने के क्रम में ही मोदी ने कहा था- कोई भी पेड कितना ही ऊंचा हो, लेकिन जैसे ही उस पर फल लगने लगते हैं, वह झुकने लग जाता है। अब जबकि भारतीय जनता पार्टी रूपी वटवृक्ष पर विजय रूपी फल लगे हैं तो हमारा जिम्मा बनता है कि हम सबसे ज्यादा झुकें, और अधिक विनम्र बनें।’

चौहान की नर्मदा यात्रा के सौ दिन

बेटे कार्तिकेय ने सभा को संबोधित किया
एल एस हरदेनिया - 2017-04-01 10:24 UTC
भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गांव जैत में एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया। यह सभा मुख्यमंत्री की नर्मदा यात्रा के 100 दिन पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस बड़ी सभा में राजनैतिक नेता, नौकरशाह और हजारों पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे। मुरारी बापू इस सभा के सबसे बड़े आकर्षण थे।

आरएसएस को राष्ट्रवाद सिखाने का हक नहीं

भारतीय बहुलता का आदर करना ही है देशभक्ति
डाॅक्टर के नारायण - 2017-03-31 11:27 UTC
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश भर के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को एक सेमिनार में आमंत्रित किया है। सेमिनार का विषय है- ‘‘निवेशवाद से मुक्ति और राष्ट्रवाद को अपनाना’’।
दिल्ली नगर निगम चुनाव

आम आदमी पार्टी ने फेंका हाउस टैक्स माफ करने का पासा

उपेन्द्र प्रसाद - 2017-03-30 12:06 UTC
दिल्ली में नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में मतदान होंगे और उसके नतीजे भी सामने आ जाएंगे। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चुनावों में मिली बड़ी जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी को लग रहा है कि वह दिल्ली का नगम निगम चुनाव जीत ही जाएगी। यहां उसका मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी से होने वाला है, जो पंजाब और गोवा में हारने के बाद हौसलापस्ती के माहौल से गुजर रही है। कांग्रेस तीसरे नंबर की ताकत है। इस चुनाव में उसकी स्थिति कितनी पतली होने वाली है, इसका पता चुनाव अभियान के दौरान ही चल जाएगा।

भाजपा के विस्तार के पीछे नरेन्द्र मोदी

कांग्रेस को जीत का फाॅर्मूला खोजना होगा
कल्याणी शंकर - 2017-03-29 12:35 UTC
भारतीय जनता पार्टी ने अपना देश व्यापी विस्तार कर लिया है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष दलों का ध्रुवीकरण लगभग तय हो गया है। कांग्रेस की राजनीति केन्द्रवादी रही है जिसमें वामपंथी रुझान देखा जाता था। अब दक्षिणपंथी राजनीति का जोर है और इसके साथ कांग्रेस की राजनीति भी बदल रही है। उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ योगी के मुख्यमंत्री बनने से यह बात साफ हो जाती है, लेकिन संघ और भारतीय जनता पार्टी के पास एक नहीं अनेको आदित्यनाथ योगी हैं।

वैश्विक प्रसन्नता सूचकांक 2017

किसकी नजर लग गई हमारी खुशमिजाजी को?
अनिल जैन - 2017-03-28 12:03 UTC
हम भारतीयों का जीवन दर्शन रहा है- ‘संतोषी सदा सुखी।’ हालात के मुताबिक खुद को ढाल लेने और अभाव में भी खुश रहने वाले समाज के तौर पर हमारी विश्वव्यापी पहचान रही है। दुनिया में भारत ही संभवतः एकमात्र ऐसा देश है जहां आए दिन कोई न कोई तीज-त्योहार-व्रत और धार्मिक-सांस्कृतिक उत्सव मनते रहते हैं, जिनमें मगन रहते हुए गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने सारे अभाव और दुख-दर्द को अपना प्रारब्ध मानकर खुश रहने की कोशिश करता है। इसी भारत भूमि से वर्धमान महावीर ने अपरिग्रह का संदेश दिया और इसी धरती पर बाबा कबीर भी हुए जिन्होंने इतना ही चाहा, जिससे कि उनकी और उनके परिवार की दैनिक जरूरतें पूरी हो जाए और दरवाजे पर आने वाला कोई साधु-फकीर भी भूखा न रह सके। लेकिन दुनिया को योग और अध्यात्म से परिचित कराने वाले इस देश की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बदलाव आया है। अब लोगों की खुशी और आत्म-संतोष के स्तर में लगातार गिरावट आती जा रही है। इस बदलाव की पुष्टि हाल ही में जारी वैश्विक प्रसन्नता सूचकांक से भी होती है, जिसमें भारत को 122वां स्थान मिला है।
भारतः केरल

विजयन सरकार की सफलता को लेकर उठे सवाल

गृह व निगरानी विभाग का कामकाज सबसे खराब
पी श्रीकुमारन - 2017-03-27 12:39 UTC
तिरुअनंतपुरमः पी विजयन के नेतृत्व वाली 10 महीने पुरानी एलडीएफ सरकार का कामकाज बहुत ही निराशाजनक रहा है। यह विपक्षी पार्टियों की कल्पना की उपज नहीं है, बल्कि सीपीएम के राज्य सचिवालय की दो दिनों की बैठक में निकला निष्कर्ष है।

योगी सरकार के शुरुआती दिन

हंगामा खड़ा करने से समस्या नहीं सुलझती
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-03-26 12:02 UTC
उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ योगी सरकार के शुरुआती दिन खासे हंगामेदार रहे हैं और सरकार की गतिविधियों को मीडिया खास कर टीवी मीडिया जबर्दस्त संज्ञान ले रहा है। टीवी मीडिया की मजबूरी है कि इसी तरह की खबरों को वह मनोरंजन बनाकर कर पेश करते रहे और भारतीय जनता पार्टी की रणनीति रही है कि उसकी गतिविधियां मीडिया में छाई रहे। आखिरकार योगी की सरकार भाजपा की ही सरकार है। इसलिए एक साथ ही योगी सरकार और टीवी मीडिया की चल निकली है। एंटी रोम्यो स्क्वाॅड हो, शराबियों की धड़पकड़ का या मंत्रियों द्वारा अपने दफ्तर में झाड़ू देना का, वे सारे दृश्य टीवी देखने वालों को आकर्षित करते हैं, क्योंकि उनमें मनोरंजन का पुट होता है। इस तरह खबरिया चैनल मनोरंजन चैनलों से प्रतिस्पर्धा करते हैं।