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गुजरात समाचार में छपी आलोचना के लिए मालिक को गिरफ्तार करना अशुभ

मोदी सरकार प्रेस को दबाकर पाकिस्तान की चुनौती का सामना नहीं कर सकती
सुशील कुट्टी - 2025-05-19 11:22
अगर आप “उन्हें चुप नहीं करा सकते, तो उनको चुप करा दें!” मोदी के भारत में यही कहावत है। 'उनको चुप करा दें' का मतलब है, बोली और लिखी गयी आवाज़ को दबा दें। 'उन्हें चुप करा दें' का मतलब है, उनको सलाखों के पीछे बंद कर दें, जो परेशान कर रहे हैं, और नियंत्रण में नहीं हैं। इसके 'क्यों' के जवाब के लिए कोई रॉकेट साइंस की ज़रूरत नहीं है! इतना ही काफी है कि वह व्यक्ति सत्ता के लिए एक स्पष्ट और मौजूदा ख़तरा है।

भारत में अभी बयानबाजी की नहीं बल्कि राजनेतृत्व की जरूरत

प्रधानमंत्री का भाषण भी था मुख्य रूप से उनके चुनावी आधार पर केन्द्रित
डॉ. अरुण मित्रा - 2025-05-15 10:34
युद्ध दुख और मौतें लेकर आता है। पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवाने ने पुणे में कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “युद्ध न तो रोमांटिक है और न ही कोई बॉलीवुड फिल्म।” उन्होंने कहा कि कूटनीति उनकी पहली पसंद होगी, “सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सदमा है, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, जिन्होंने गोलाबारी देखी है और जिन्हें रात में आश्रयों की ओर भागना पड़ता है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके लिए यह सदमा पीढ़ियों तक रहेगा।” उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने भयानक दृश्य देखे हैं, उनमें पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीडीएस) है, जो 20 साल बाद पसीने से तरबतर हो उठते हैं और उन्हें मनोचिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता होती है। युद्ध अंतिम विकल्प होना चाहिए, कूटनीति को आगे बढ़ना चाहिए।

ट्रम्प के जाल में फंस गये नरेंद्र मोदी, उन्हें सिर ऊंचा करके बाहर निकलना होगा

युद्ध विराम में अमेरिकी भूमिका का स्वागत, पर कश्मीर मामले में अनुमति न दें
नित्य चक्रवर्ती - 2025-05-13 10:48
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 मई की सुबह से शुरू हुए चार दिनों तक चलने वाले सीमित युद्ध में पाकिस्तान के मुकाबले भारत को बहुत ही लाभप्रद स्थिति में रखा है। 10 मई की शाम 5 बजे से लागू हुआ युद्ध विराम हताश पाकिस्तान द्वारा ही किया गया था, जिसने 8 और 9 मई को राजनयिक हलकों में यह भ्रामक सूचना प्रसारित करके अमेरिका को धोखा दिया कि परमाणु हथियारों पर उसके राष्ट्रीय सुरक्षा समूह की आपातकालीन बैठक की जायेगी जो भारत द्वारा कुछ सैन्य ठिकानों पर किये गये हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई पर निर्णय लेगा।

भारत के एमएसएमई क्षेत्र में भारी वृद्धि का दावा भ्रामक

नीति आयोग न करे जमीनी हकीकत को आंकड़ों में छिपाने का खेल
डॉ. ज्ञान पाठक - 2025-05-12 11:12
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की परिभाषाएं बदलकर जमीनी स्तर पर वास्तविक वृद्धि के बिना ही अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में अचानक वृद्धि दिखाने की आदत रही है। हमने पहले भी देखा है कि कैसे मोदी सरकार के तहत कुछ राज्य-राजमार्गों को राष्ट्रीय-राजमार्ग घोषित करते ही राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किये बिना ही उनकी लंबाई अचानक बढ़ गयी। इस तरह का ताजा उदाहरण अब एमएसएमई क्षेत्र में भी देखने को मिला है।

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को महंगा पड़ रहा है युद्ध

नई दिल्ली को टकराव जल्दी खत्म करने का विकल्प चुनना होगा
अंजन रॉय - 2025-05-10 11:24
बिना किसी घोषणा के, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है। दोनों देशों ने अपने हमलों के लक्ष्यों को दूर-दूर तक फैला दिया है, जिससे शत्रुता नियंत्रण से बाहर हो गयी है। बढ़ते तनाव के चक्र को देखें। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला "पहला हमला" था। भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर विस्तृत युद्ध योजना बनायी, जिसमें 7 मई को पंजाब के अंदर स्थित शिविर हल हमले भी शामिल थे। पाकिस्तान ने 8 मई की रात 3000 किलोमीटर की सीमा पर पंद्रह शहरों और कस्बों पर हमले किये। भारत ने उन्नत सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (सैम 400) से पाकिस्तानी मिसाइलों को मार गिराया।

पाकिस्तान की भारत को धमकी और उसकी सैन्य कार्रवाई की क्षमता

बलूच विद्रोहियों के बढ़ते हमलों सहित अनेक समस्याओं से घिरा पाकिस्तान
नित्य चक्रवर्ती - 2025-05-09 10:56
पाकिस्तान में नौ आतंकी शिविरों पर भारतीय सेना द्वारा मिसाइल हमलों के दो दिन बीत गये हैं, और इस बीच दोनों देशों की सेना ने एक दूसरे पर हमले किये। नई दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों जगह एक जैसी तैयारियां देखने को मिल रही हैं, जो यह संकेत दे रही हैं कि पाकिस्तान 1999 में कारगिल युद्ध के बाद भारत के साथ एक और सैन्य टकराव के लिए तैयार हो रहा है।

भारत पहले सिंधु नदी के जल पर देश के वास्तविक नियंत्रण की तैयारी करे

अभी मोदी सरकार को दूसरे विकल्पों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए
अंजन रॉय - 2025-05-07 10:30
पानी में आसानी से आग लग सकती है। जब सिंधु नदी के जल की बात आती है, तो हम देख रहे हैं कि यह कितना ज्वलनशील हो सकता है - कम से कम अभी के लिए, मौखिक रूप से ही सही, विशेषकर भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद।

कैसे थमेगी भगदड़ से हो रही मौतें

एस एन वर्मा - 2025-05-06 23:59
पिछले कुछ वषों में विश्व भर के देशों में भगदड़ की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। भारत में भगदड़ की घटनाएं सबसे ज्यादा धार्मिक स्थलों पर हुई हैं। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों कथा वाचकों व राजनेताओं के भाषणों के दौरान भी मची भगदड़ के कारण होने वाली मौतों की खबरें भी सामने आती रहती है, जिसका दृश्य हृदय विदारक तथा दिल को झकझोर देने वाली होती है। विदेशों में म्यूजिक कंसर्ट, स्टेडियम और नाइट क्लबों में भगदड़ की घटनाएं सुनने को मिलती है। पर्यटक स्थलों पर भीड़ और पर्यटकों के आगमन के प्रबंधन सहित पर्यटकों की सुरक्षा और हिफाजत मुख्य रूप से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, वहीं निजी और धार्मिक कार्यक्रमों में भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी आयोजकों और स्थानीय प्रशासन की होती है। लेकिन समुचित सुरक्षा व्यवस्था के न होने तथा भीड़ प्रबंधन तंत्र की नासमझी के कारण भगद़ड़ मचती रहती है।

भारत के सामने सबसे बड़ा सवालः पाकिस्तान पर हमला करे या नहीं

बढ़ता धार्मिक आतंकवाद नष्ट कर रहा है हमारे देश की शांति और सुरक्षा
नन्तू बनर्जी - 2025-05-06 10:51
भारत के निर्दोष नागरिकों पर लगातार हो रहे इस्लामी आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए भारत सरकार और देश के राजनीतिक क्षत्रपों के तरीके आश्चर्यजनक हैं। पिछले एक महीने में, पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में संगठित इस्लामी आतंक ने 150 से अधिक हिंदू परिवारों को बड़े पैमाने पर तबाह कर दिया और उन्हें विस्थापित कर दिया। इस घटना के कुछ ही हफ्तों के भीतर देश के एक और सुदूर कोने में मुस्लिम बहुल कश्मीर के सुरम्य पहलगाम में कई निर्दोष पर्यटकों पर हमला हुआ।

पाकिस्तान को एफएटीएफ ग्रे लिस्ट में वापस लाने की भारतीय रणनीति

2018 के प्रतिबंध में थी भारत की महत्वपूर्ण भूमिका जिसे चार साल बाद हटा लिया गया
के रवींद्रन - 2025-05-05 11:15
भारत पाकिस्तान के खिलाफ अपने कूटनीतिक हमले को तेज कर रहा है, और अब वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में इस्लामाबाद को फिर से सूचीबद्ध कराने के लिए प्रयास कर रहा है। ट्रम्प के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन से समर्थन की असामान्य रूप से मजबूत अभिव्यक्ति द्वारा समर्थित यह नया प्रयास, सीमा पार आतंकवाद में अपनी निरंतर मिलीभगत के लिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने के लिए नयी दिल्ली द्वारा एक रणनीतिक कदम में तेजी को दर्शाता है।