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भारत की पाक समस्या

इसका स्थाई हल खोजना होगा
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-10-09 16:26
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर एक बार और भारी तनाव पैदा हो गया है। कहने की जरूरत नहीं कि इस बार भी यह पाकिस्तान के कारण ही हो रहा है। जब जब वह संकट में होता है, तब तब वह भारत के लिए संकट पैदा करने लगता है। सच कहा जाय, तो पाकिस्तान का जन्म ही एक मनोवैज्ञानिक संकट के कारण हुआ था। सामंतवादी मुस्लिम नेताओं को लगता था कि वे तो अंग्रेजों के आने के पहले यहां के शासक थे और उनके जाने के बाद वे यहां के शासित हो जाएंगे। उनकी यह सामंती सोच ही पाकिस्तान के निर्माण का कारण बना। भारत भूमि का एक टुकड़ा उन्हें अलग से चाहिए था, जहां वे गैर मुस्लिमों द्वारा शासित नहीं हों, बल्कि वे खुद शासक हों। पाकिस्तान बन गया, लेकिन उनकी नजर भारत से नहीं हटी। उन्हें हमेशा भारत को लेकर एक सुरक्षा बोध बना रहा और लगता रहा कि पता नहीं कब भारत उसे नष्ट कर देगा और अपने में मिला लेगा, पर भारत ने कभी ऐसा नहीं सोचा। अपने अस्तित्व के प्रति पाकिस्तान हमेशा चिंतित रहता है और जैसा ही उसकी यह चिता बढ़ती है, वह भारत विरोधी हरकतें तेज कर देता है।
भारत

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए मध्यप्रदेश में होगा अलग मंत्रालय

राजु कुमार - 2014-10-08 16:50
भोपालः मध्यप्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले दिन आज इंदौर में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़े उद्योगपतियों का सम्मेलन किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने किया। प्रदेश में यह दूसरी बार है, जब ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले दिन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का सम्मेलन किया गया। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में बड़ी कंपनियों एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों को प्रदेश में पूंजी एवं उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित करने पर लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमियों को यह आशंका होती है कि उन्हें अस्तित्व के संकट का सामना करना पड़ेगा। इस बार न केवल इन उद्यमियों को सौगातें दी गई, बल्कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए अलग से मंत्रालय खोलने की घोषणा भी की गई। यह प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के विकास की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। इसके साथ ही प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड गठित करने की घोषणा की गई।
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आरएसएस प्रमुख का भाषण में राम मन्दिर का जिक्र नहीं

अमूल्य गांगुली - 2014-10-08 16:42
सेक्युलर ब्रिगेड भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के विजयादशमी के दिन दिए गए भाषण से निराश हैं। वह भाषण दूरदर्शन पर सीधा प्रसारित किया गया था। पर उनके निराशा का सबब सीधा प्रसारण नहीं है, बल्कि उस भाषण में कुछ बातों का जिक्र नहीं किया जाना है। उदाहरण के लिए उसमें अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मन्दिर के निमार्ण को कोई उल्लेख नहीं था। इसके साथ ही लव जेहाद के बारे में भी उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। मुस्लिम विरोधी बातें कर हिंदुओं के समर्थन को हासिल करने की रणनीति पर आरएसएस काम करता रहा है, पर इस उसके प्रमुख के भाषण में मुस्लिम विरोध गायब था।

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घोटाले की खबरों से पटनायक परेशान

कंधमाल सीट का उपचुनाव महत्वपूर्ण
अशोक बी शर्मा - 2014-10-07 17:26
नवीन पटनायक रिकार्ड चौथी बार लगातार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपने कार्यकाल का 20 साल पूरा करेंगे। इसमें किसी को कोई शक नहीं है। पिछले विधानसभा के आमचुनाव में उन्हें प्रदेश की 147 विधानसभा सीटों में से 117 पर जीत हासिल हुई थी। प्रदेश की लोकसभा की 21 में से 20 सीटें भी आज उनकी पार्टी के पास ही हैं। लेकिन अब उनके खिलाफ भी असंतोष उपजने लगी है और भ्रष्टाचार के मामले सामने आने से उनके समक्ष की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं।
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मोदी ने अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को जीत लिया

ओबामा के साथ भारत की मोलभाव ताकत बढ़ी
कल्याणी शंकर - 2014-10-04 16:49
इस बात पर बहस हो सकती है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा सफल रही या विफल, लेकिन इस पर कोई दो मत नहीं हो सकता कि उन्होंने अमेरिका स्थित भारतीय मूल की 30 लाख की आबादी का दिल जीत लिया है। भारतीय प्रवासियों के दिल पर विजय हासिल कर मोदी ने वहां भारत के लिए एक बेहतर माहौल बना डाला है।
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चुनाव के बाद महाराष्ट्र में बनेंगे नये समीकरण

शिवसेना से ज्यादा चिंता भाजपा को होनी चाहिए
अमूल्य गांगुली - 2014-10-01 11:32
पिछले लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र पहला राज्य है, जहां विधानसभा का आम चुनाव हो रहा है। इस बीच विधानसभाओं के कुछ उपचुनाव भी हुए हैं। लोकसभा आम चुनाव और उसके बाद हुए उपचुनावों के असर से महाराष्ट्र की राजनीति प्रभावित हो रही है और उसका प्रभाव साफ साफ देखने को मिल रहा है।
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जयललिता को सजा और उसके बाद

तमिलनाडु में भाजपा को हो सकता है फायदा
एस सेतुरमण - 2014-09-30 11:04
चेन्नईः आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की नेता जयललिता को मिली सजा ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। जयललिता पहली ऐसी नेता हैं, जिन्हें अपने पद पर रहते हुए सजा सुनाई गई। उनके पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके कुछ नेताओं को सजा मिली है। लेकिन जिस समय उन्हें सजा मिली थी, उस समय वे अपने पद पर नहीं थे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके रामलाल, हरियाणा के ओमप्रकाश चैटाला और बिहार के लालू यादव ऐसे नेताओं में शामिल हैं। सजा भी जयललिता को बहुत बड़ी मिली है। उन्हें न सिर्फ 4 साल की जेल मिली है, बल्कि 100 करोड़ रुपये का दंड भी अदालत ने उनके ऊपर लगाया है।
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महाराष्ट्र में भाजपा की नई रणनीति

शिवसेना और कांग्रेस को होगा सीटों का नुकसान
हरिहर स्वरूप - 2014-09-29 17:48
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र में भारी गलती की है। उन्हें अपने अपने गठबंधनों में बना रहना चाहिए था। भाजपा और शिवसेना का गठबंधन पिछले 25 साल से चल रहा था और कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन भी 15 साल पुराना था। दोनों गठबंधनों ने अनेक उतार और चढ़ाव देखे थे। जब जब यूपीए सरकार पर खतरा पैदा होता था, एनसीपी हमेशा उसके साथ खड़ा रहता था। लेकिन अब कांग्रेस और एनसीपी ने अलग अलग रास्ता अख्तियार कर लिया है।
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महाराष्ट्र में अब चौतरफा मुकाबला

दोनों गठबंधन टूटे
कल्याणी शंकर - 2014-09-27 15:58
महाराष्ट्र विधानसभा का विधानसभा चुनाव अब दिलचस्प हो गया है। आगामी 15 अक्टूबर को मतदान होना है। चारों बड़ी पार्टियों ने वहां अपने अपने गठबंधन तोड़ डाले हैं। अब वे सभी अपनी अपनी ताकत पर ही लड़ेंगे। शिवसेना का भारतीय जनता पार्टी से 25 साल पुराना गठबंधन था। वह अब टूट गया है। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का कांग्रेस के साथ 15 साल पुराना गठबंधन था। वह भी टूट चुका है, हालांकि दोनों ने 1999 का चुनाव अलग अलग लड़ा था। एनसीपी और कांग्रेस 2004 और 2009 के चुनाव में एक दूसरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी।
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नरेन्द्र मोदी का ‘मेक इन इंडिया’

क्या यह एक नारा बनकर रह जाएगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-09-27 09:56
गत 25 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना “मेक इन इंडिया” की शुरुआत के साथ ही इसकी सफलता को लेकर भी सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। 15 अगस्त को लालकिले से बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया भर के देशों के उत्पादक उद्यमियों को आमंत्रित करते हुए कहा था कि वे अपने उत्पादन की ईकाइयों को अब भारत में लाएं और यहाँ के सस्ते पर कुशल श्रम का लाभ उठाकर कम लागत के उत्पादन का लाभ उठाएं। भारत में सस्ते श्रम के कारण कल उत्पादन लागत का हवाला देकर पिछले कई सालों से भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में हमारे नीति निर्माताओं द्वारा पेश किया जाता रहा है, पर अबतक इसमें सफलता नहीं मिली है। भारत इलेक्ट्रानिक सामानों का एक बहुत बड़ा उपभोक्ता देश है, लेकिन इन सामानों का उत्पादन यहाँ नहीं हो पाता।