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भारत: केरल

विजयन कैंप की राजनैतिक शरारत

येचुरी पर दबाव शायद काम नहीं आए
पी श्रीकुमारन - 2015-04-28 05:40 UTC
तिरुअनंतपुरमः केरल सीपीएम की कन्नूर लाॅबी पार्टी प्रदेश की पार्टी ईकाई पर हमेशा हावी रही है। इसके नेता पी विजयन हैं, जो कुछ समय पहले तक प्रदेश ईकाई के पार्टी सचिव हुआ करते थे। अब पार्टी के केन्द्रीय महासचिव सीताराम येचुरी बन गए हैं। इसके बावजूद विजयन के नेतृत्व वाली यह कन्नूर लाॅबी पार्टी के अंदर अपनी धौंस जमाने से बाज नहीं आ रही है।
भारत

भोपाल में हिंदू मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए सेमिनार

भाजपा कर रही है मध्यप्रदेश का धार्मिक विभाजन
एल एस हरदेनिया - 2015-04-25 17:39 UTC
भोपालः मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक तीन दिनों का एक सेमिनार आयोजित किया, जिसका मकसद था हिन्दू मूल्यों को बढ़ावा देना। सरकार ने यह सेमिनार दिल्ली स्थित संगठन ’’शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास’’ माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता संस्थान के साथ मिलकर आयोजित किया।
भारत

येचुरी के नेतृत्व में सीपीएम

क्या पार्टी अपनी खोई जमीन वापस कर पाएगी
कल्याणी शंकर - 2015-04-24 17:31 UTC
विशाखापतनम में सीपीएम के नये महासचिव के रूप सीताराम येचुरी का चुनाव हुआ। प्रकाश कारत के बाद उन्हें अपनी पार्टी का नेतृत्व संभालने का मौका मिला है। वे अपनी पार्टी के पांचवें महासचिव हैं। पार्टी का नेतृत्व उन्होंने एक ऐसे समय में संभाला है, जब पार्टी अपने अस्तित्व रक्षा की लड़ाई लड़ रही है। अब सीपीएम राष्ट्रीय पार्टी नहीं रही और वह अपने क्षेत्रीय स्वरूप को बचाए रखने के लिए भी संघर्ष करती दिखाई पड़ रही है। वाम मोर्चे की यह सबसे बड़ी पार्टी है और राष्ट्रीय स्तर पर बने अनेक मोर्चे का यह हिस्सा रह चुकी है अथवा उन मोर्चे का प्रभावशाली सहयोगी रही है। इसने 1989 की राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार का समर्थन किया था। 1996 की संयुक्त मोर्चा की सरकार का भी इसने समर्थन किया था और 2004 में केन्द्र में बनी संयुक्त प्रगतिशील मोर्चे का भी इसने समर्थन किया था। लेकिन 2011 से इसका लगातार पतन हो रहा है। उस साल उसने पश्चिम बंगाल की अपनी सत्ता गंवा दी। वहां 1977 से ही उसकी सरकार थी। इसने केरल की अपनी सरकार भी गंवा दी। इस समय उसके पास त्रिपुरा की सरकार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में तो उसे अपने इतिहास का सबसे बुरा दिन देखना पड़ा। उसे अपने मोर्चे की पार्टियों के साथ मात्र 10 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।
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जंतर मंतर पर किसान की आत्महत्या

कब रुकेगी किसानों की दुर्दशा पर राजनीति?
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-04-24 05:07 UTC
गजेन्द्र सिंह नाम के एक युवा किसान ने दिल्ली के जंतर मंतर पर आत्महत्या कर ली और उसके बाद सभी राजनैतिक दलों ने उस पर गंदी राजनीति करनी शुरू कर दी है। यह आज की भारतीय राजनीति का सबसे खौफनाक चेहरा है। राजनेतागण बयानबाजी में मशगूल हैं, लेकिन किसी के भी बयान में किसानों के प्रति कोई दर्द नहीं दिखाई पड़ रहा है। सभी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर अपने राजनैतिक स्वार्थ की रोटियां सेंकने में व्यस्त हैं और किसान की दुर्दशा से शायद ही किसी का कोई ताल्लुक रहा है।
भारत

येचुरी के महासचिव बनने का असर

अच्युतानंदन अब चैन की सांस ले सकते हैं
पी श्रीकुमारन - 2015-04-22 10:53 UTC
तिरुअनंतपुरमः सीपीमए की केरल यूनिट आज देश में सीपीएम की सबसे मजबूत पार्टी यूनिट है। सीताराम येचुरी के पार्टी महासचिव बनने पर इस यूनिट पर जबर्दस्त असर पड़ता दिखाई पड़ रहा है।
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राहुल अभी भी पुरानी राह पर

उन्हें लांच करने में कांग्रेस रही फिर नाकाम
अमूल्य गांगुली - 2015-04-21 10:05 UTC
दो महीने के अवकाश के बाद भी राहुल गांधी आज वहीं हैं, जहां वह पहले हुआ करते थे। उनके पास कोई नया आइडिया नहीं है और वह पुराने विचारों को त्याग नहीं पा रहे हैं।
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अफगानिस्तानी राष्ट्रपति की भारत यात्रा

तालिबान वार्ता पर होगी बातचीत
नित्या चक्रबर्ती - 2015-04-20 10:29 UTC
नव निर्वाचित अफगानिस्तानी राष्ट्रपति अशरफ गनी अहमदजई की भारत यात्रा इस महीने के अंत में हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें इसके लिए आमंत्रण दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की नीति अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की रही है। इसी नीति के तहत वे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा को खास महत्व दे रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय उनकी यात्रा को लेकर एक विस्तृत कार्यक्रम बनाने में व्यस्त है, ताकि अफगानिस्तान की विकास की प्राथमिकताओं को पूरा करने में मदद पहुंचाई जा सके।
भारत: केरल

सीपीएम की वाम एकता प्रयास को झटका

आरएसपी ने एलडीएफ में आने से इनकार कर दिया
पी श्रीकुमारन - 2015-04-18 11:25 UTC
तिरुअनंतपुरमः सीपीएम वाम एकता की कोशिश कर रही थी और उसे लग रहा था कि उसकी यह कोशिश सफल होगी और रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी एक बार फिर उसके साथ आ जाएगी। लेकिन उसकी इस कोशिश को झटका लगा है।
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नेताजी के परिवार की जासूसी का मामला

सुभाषचन्द्र बोस की फाइलें सार्वजनिक हों
कल्याणी शंकर - 2015-04-17 11:41 UTC
क्या मोदी सरकार नेताजी सुभाषचन्द्र बोस से सबंधित गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करेगी और उनको लेकर आजकल चल रही बहस को समाप्त कर पाएगी? यह एक अच्छी खबर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके परिवार के लोगों को आश्वस्त किया है कि वे इस मसले में निजी दिलचस्पी दिखाते हुए इस पर विचार करेंगे कि उन गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाय या नहीं। जर्मनी में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए इस आश्वासन के बाद यह उम्मीद जगी है कि नेताजी से संबधित रहस्यों का पर्दाफाश हो जाएगा।
भारत

जनता परिवार का विलय

क्या यह संभव हो पाएगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-04-16 12:12 UTC
जनता दल परिवार के विलय के लिए 15 अप्रैल का दिन तय किया गया था, हालांकि उसे दो सप्ताह पहले ही लालू यादव ने कह दिया था कि दलों का विलय हो चुका है और बस नये दल के नाम और निशान की घोषणा होना बाकी है। उन्होंने यह भी कहा था कि इसकी घोषणा मुलायम सिंह यादव करेंगे। इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि 15 अप्रैल को नये दल के नाम और निशान की घोषणा कर दी जाएगी। पर वैसा हुआ नहीं। न तो किसी नाम की घोषणा हुई और न ही यह बताया गया कि नये दल का चुनाव निशान क्या होगा। बस दलों के विलय की घोषणा कर दी गई और यह बता दिया गया कि नये दल के मुखिया मुलायम सिंह यादव होंगे और यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष कोई और नहीं, बल्कि खुद मुलायम सिंह यादव ही होंगे।