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भारत बांग्लादेश के संबंध बेहतर मोड़ पर

सीमा विवाद पर का हल जरूरी था
कल्याणी शंकर - 2015-05-08 14:51 UTC
संसद के चालू सत्र में भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से लंबित पड़ी भूमि सीमा सहमति को अनुमोदन प्राप्त हो रहा है। यह एक ऐसा मसला है जो दोनो देशों के संबंधों के लिए कांटा बना हुआ था। जब से बांग्लादेश का गठन हुआ है, तभी से ही यह मसला अपनी जगह पर कायम है। विलंब का एक बड़ा कारण यह था कि भारत की विदेश नीति यहां की घरेलू नीति की गुलाम बनी हुई थी।
भारत

किसानों की ज्यादा आत्महत्याएं कांग्रेस के शासन में

राहुल इस मसले का राजनैतिककरण कर रहे हैं
नन्तू बनर्जी - 2015-05-07 15:29 UTC
यदि राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के रिकाॅर्ड को गंभीरता से देखा जाय तो पता चलता है कि प्रत्येक साल औसतन 15 हजार किसान भारत में आत्महत्या कर रहे हैं। उनमें से अधिकांश फसलों के खराब होने और कर्ज से दबे होने के कारण खुदकुशी करते हैं। अपराध रिकार्ड के अनुसार किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने के अनेक कारण हैं। वे खराब स्वास्थ्य के कारण भी आत्महत्या करते हैं और पारिवारिक समस्याओं के कारण भी।1995 से 2013 तक 2 लाख 96 हजार 4 सौ 38 किसानों ने आत्महत्या की। इस अवधि में किसानों द्वारा की गई आत्महत्याएं कुल आत्महत्याओं का 11 प्रतिशत है। अब यदि देश की आबादी की 45 फीसदी सीधे खेती पर निर्भर करती है, तो मानना पड़ेगा कि देश की 45 फीसदी आबादी का आत्महत्याओं में योगदान 12 फीसदी है, जबकि शेष 55 फीसदी की आबादी 88 फीसदी आत्महत्याओं मंे 88 फीसदी का योगदान करती है।
भारत

सलमान खान को 5 साल की सजा

देर आयद, दुरुस्त आयद
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-05-06 16:37 UTC
हिट एंड रन केस में सलमान खान को आखिरकार सजा हो ही गई। देश के अन्य लाखों मुकदमों की तरह इस मुकदमे में भी काफी विलंब हो रहा था। चूंकि यह केस सलमान खान से संबंधित था, जो आज फिल्म उद्योग के सबसे सफल अभिनेता हैं और देश के सत्ता प्रतिष्ठान में जिनके अनेक समर्थक और सहयोगी हैं, इसलिए अनेक लोगों को यह शक लग रहा था कि कहीं सलमान छूट न जायं। उनके खिलाफ जो पीड़ित पक्ष था, वह बहुत ही कमजोर और संसाधनों से हीन था। वह किसी भी स्तर पर सलमान से अदालती मुकदमा में बराबरी करने में सक्षम नहीं था। इस मुकदमे में विलंब एक कारण यह भी था। सलमान का पक्ष ने अपने तरीके से मामले को लंबा लटकवाया। पुलिस के लोग भी मामले में बहुत चुस्ती नहीं दिखा रहे थे। एक वकील आभा सिंह के प्रयासों के कारण इस मुकदमे की कार्रवाई आगे बढ़ी और तमाम बाधाओं को पार करते हुए अंत में फैसले का दिन आ ही गया।
भारत

जम्मू और कश्मीर का सत्तारूढ़ गठबंधन सांसत में

दिशाहीन राजनीति से प्रदेश में असंतोष
बी के चम - 2015-05-05 17:15 UTC
अब जम्मू और कश्मीर में आगे क्या होगा? इस सवाल का जवाब इस बात से निर्धारित होगा कि पीडीपी और भाजपा गठबंधन के बनने के बाद उत्पन्न हो रहे विवादों का सिलसिला कौन ही दिशा प्राप्त करता है। दोनों पार्टियां एक दूसरे से बिल्कुल अलग राय रखती हैं और उसके बावजूद सत्ता में साझेदारी कर रही है। दोनों के हित भी एक दूसरे से टकराते हैं। उसके अलावा एक नई समस्या नर्म अलगाववादी संगठन हुरियत कान्फ्रेंस ने खडी कर दी है। वह चाहती है कि प्रदेश में शिक्षा का इस्लामीकरण कर दिया जाय। एक अन्य समस्या है मुसर्रत आलम की गिरफ्तारी। एक रैली के दौरान पाकिस्तानी झंडा फहराने और भारत विरोधी नारे लगाने के कारण उसे एक बार फिर पब्लिक सेफ्टी एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
भारत

टकराव की राह पर केजरीवाल

मोदी सरकार का नया सिरदर्द
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-05-04 11:05 UTC
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में बनने का सबसे ज्यादा डर भाजपा को इसलिए सता रहा था, क्योंकि उसे लगता था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वे नरेन्द्र मोदी के लिए चुनौती पेश करते रहेंगे और उन चुनौतियों का जवाब देना आसान नहीं होगा।
भारत

जनता दल परिवार की एकता

दिल्ली अभी दूर है
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-05-02 15:50 UTC
जनता दल परिवार के 6 दलों के विलय की घोषणा के लगभग एक महीने हो गए हैं, लेकिन अभी भी विलय नहीं हुआ है। बिना विलय के ही विलय की घोषणा एक अजूबी घटना है और यह शायद भारत में ही संभव हो सकता है। विलय के साथ घटक दलों का अपना अस्त्तित्व समाप्त हो जाता है और एक नया दल या पुराने घटकों में से किसी एक का ही अस्तित्व रहा जाता है। पर जनता दल परिवार के विलय का जो नाटक हो रहा है, उसमें नया दल या एकीकृत दल के नाम का पता नहीं, पर घटक दलों के नाम बदस्तूर बने हुए हैं। मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी कायम है। लालू यादव अपने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष बने हुए हैं। नीतीश कुमार जनता दल(यू) के सुप्रीमों के रूप में अपना वजूद बनाए हुए हैं। एच डी देवेगौड़ा जनता दल(एस) के अध्यक्ष बने हुए हैं। इसके बावजूद ये नेता मान रहे हैं कि उनके दलों का विलय हो गया है और बस उस पार्टी के नाम और निशान की घोषणा होनी बाकी है, जिसमें इन दलों का विलय हुआ है। यह दावा एक बड़ा राजनैतिक मजाक के अलावा और कुछ नहीं, लेकिन हमारे देश में इस तरह के मजाक होते रहते हैं।
भारत

राहुल गांधी का नया अवतार

उन्हें अब पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ बनना पड़ेगा
कल्याणी शंकर - 2015-05-01 17:00 UTC
क्या कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मिले अवसर का सही इस्तेमाल कर पाएंगे? यह अवसर उन्हें अवकाश से वापस आने के बाद तुरंत मिला है। यह सवाल कांग्रेस के अंदर ही नहीं, बल्कि बाहर भी पूछा जा रहा है। इसका कारण यह है कि उनकी पार्टी के लोगों को भी नहीं पता है कि राहुल अपनी भविष्य की भूमिका के लिए कितने गंभीर हैं। उन्हें इस बात की गारंटी देने वाला कोई नहीं है कि वे एक बार फिर देश के राजनैतिक परिदृश्य से गायब नहीं हो जाएंगे।
भारत: केरल

सीपीएम के नये प्रदेश सचिवालय का गठन

चयन प्रक्रिया पर हो रही है तीखी प्रतिक्रिया
पी श्रीकुमारन - 2015-04-30 11:20 UTC
तिरुअनंतपुरमः सीपीएम के पूर्व प्रदेश सचिव पी विजयन अभी भी पार्टी की प्रदेश राजनीति पर हावी दिखाई पड़ रहे हैं। आज भी प्रदेश पार्टी पर उन्हीं की चल रही है। वे कन्नूर लाॅबी का नेतृत्व करते हैं और उस लाॅबी के खिलाफ गुस्सा भी पार्टी में लगातार बढ़ता जा रहा है।
भारत: मध्य प्रदेश

व्यापम घोटाले की जांच पर गंदी राजनीति

चौहान और दिग्विजय के बीच तीखा संघर्ष
एल एस हरदेनिया - 2015-04-29 17:17 UTC
भोपालः 24 अप्रैल का दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के लिए खुशी का दिन था। लेकिन वह दिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लिए दुख का दिन था। दिग्विजय सिंह ही नहीं, बल्कि उनकी कांग्रेस पार्टी के लिए भी वह बुरा दिन था। उसका कारण यह है कि उसी दिन विशेष जांच टीम के उस दावे पर जबलपुर उच्च न्यायालय ने स्वीकात कर लिया कि दिग्विजय सिंह द्वारा पेश किया गया कथित दस्तावेजी प्रमाण जाली था। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने अदालती हलफनामे के साथ कुछ दस्तावेज विशेष जांच टीम को यह कहते हुए दिए थे कि उन दस्तावेजों से यह साबित होता है कि मुख्यमंत्री और उनका परिवार भी व्यापम घोटाले में शामिल था। अदालती हलफनामा देने का मतलब यह होता है कि यदि उनका दावा गलत होता है अथवा उनका दिया हुआ प्रमाण जाली साबित होता है, तो उनके खिलाफ अदालती कार्रवाई की जा सकती है और उन्हे सजा के तौर पर जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।

राहुल का आर्थिक सुधार कार्यक्रम विरोधी अभियान

अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस अभी भी भ्रमित
अमूल्य गांगुली - 2015-04-29 01:25 UTC
लगभग दो महीने की अनुपस्थिति के बाद राहुल गांधी जब दिल्ली के रामलीला मैदान में भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ भाषण देने वाले थे, तो वहां कांग्रेसियों ने उन्हें हल का एक माॅडल भेंट किया। कांग्रेस की सोच यह यह भेंट बहुत मिलती जुलती थी। यदि उन्हें ट्रैक्टर का माॅडल दिया जाता, तो वह गलत होता, क्योंकि ट्रैक्टर आधुनिक खेती का प्रतीक है, जब हल परंपरागत खेती का और आजकल कांग्रेस को आधुनिकता से चिढ़ हो रही है।