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भारत

महाराष्ट्र में भाजपा की नई रणनीति

शिवसेना और कांग्रेस को होगा सीटों का नुकसान
हरिहर स्वरूप - 2014-09-29 17:48
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र में भारी गलती की है। उन्हें अपने अपने गठबंधनों में बना रहना चाहिए था। भाजपा और शिवसेना का गठबंधन पिछले 25 साल से चल रहा था और कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन भी 15 साल पुराना था। दोनों गठबंधनों ने अनेक उतार और चढ़ाव देखे थे। जब जब यूपीए सरकार पर खतरा पैदा होता था, एनसीपी हमेशा उसके साथ खड़ा रहता था। लेकिन अब कांग्रेस और एनसीपी ने अलग अलग रास्ता अख्तियार कर लिया है।
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महाराष्ट्र में अब चौतरफा मुकाबला

दोनों गठबंधन टूटे
कल्याणी शंकर - 2014-09-27 15:58
महाराष्ट्र विधानसभा का विधानसभा चुनाव अब दिलचस्प हो गया है। आगामी 15 अक्टूबर को मतदान होना है। चारों बड़ी पार्टियों ने वहां अपने अपने गठबंधन तोड़ डाले हैं। अब वे सभी अपनी अपनी ताकत पर ही लड़ेंगे। शिवसेना का भारतीय जनता पार्टी से 25 साल पुराना गठबंधन था। वह अब टूट गया है। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का कांग्रेस के साथ 15 साल पुराना गठबंधन था। वह भी टूट चुका है, हालांकि दोनों ने 1999 का चुनाव अलग अलग लड़ा था। एनसीपी और कांग्रेस 2004 और 2009 के चुनाव में एक दूसरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी।
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नरेन्द्र मोदी का ‘मेक इन इंडिया’

क्या यह एक नारा बनकर रह जाएगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-09-27 09:56
गत 25 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना “मेक इन इंडिया” की शुरुआत के साथ ही इसकी सफलता को लेकर भी सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। 15 अगस्त को लालकिले से बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया भर के देशों के उत्पादक उद्यमियों को आमंत्रित करते हुए कहा था कि वे अपने उत्पादन की ईकाइयों को अब भारत में लाएं और यहाँ के सस्ते पर कुशल श्रम का लाभ उठाकर कम लागत के उत्पादन का लाभ उठाएं। भारत में सस्ते श्रम के कारण कल उत्पादन लागत का हवाला देकर पिछले कई सालों से भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में हमारे नीति निर्माताओं द्वारा पेश किया जाता रहा है, पर अबतक इसमें सफलता नहीं मिली है। भारत इलेक्ट्रानिक सामानों का एक बहुत बड़ा उपभोक्ता देश है, लेकिन इन सामानों का उत्पादन यहाँ नहीं हो पाता।
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उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति

भाजपा नेता बता रहे हैं इसे हार का कारण
प्रदीप कपूर - 2014-09-25 11:45
लखनऊः भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को लग रहा है कि योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश में अपना मुख्य चेहरा बनाने और आक्रामक हिंदुत्व की नीति अपनाने से ही विधानसभा के उपचुनावों में उनकी हार हुई।

कौन बनेगा मुख्यमंत्री: बिहार भाजपा में घमसान

उपेन्द्र प्रसाद - 2014-09-24 10:06
बिहार विधानसभा चुनाव अभी एक साल से भी ज्यादा दूर है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं के बीच मुख्यमंत्री का दावेदार बनने की होड़ अभी से लगी हुई है। शत्रुघ्न सिन्हा ने इस होड़ में अपने को शामिल करते हुए बयान दे डाला है कि मुख्यमंत्री पद के योग्य अनेक भाजपा नेता बिहार में हैं और वे खुद भी उन नेताओं में एक हैं। उन्होंने कुछ अन्य नेताओं के नाम भी गिना डाले हैं, लेकिन उनके कहने का अभिप्राय यह था कि इस पद के लिए उनके नाम पर भी गंभीरता से विचार होना चाहिए।
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असम विधानसभा सीटों के उपचुनाव

कांग्रेस की कीमत पर बढ़ रही है भाजपा
बरुण दास गुप्ता - 2014-09-23 15:48
कोलकाताः असम की 3 विधानसभा सीटों पर पिछले 13 सितंबर को उपचुनाव हुए थे। उनके नतीजे 16 सितंबर को आए। एक एक सीटें भाजपा, कांग्रेस और आॅल इंडियान यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को मिली। जाहिर है चुनाव के नतीजों से कोई भी पार्टी निराश नहीं हुई है। तीनों के संतोष करने के अपने अपने कारण हैं, लेकिन मतदाताओं के बीच जो प्रव्ति उभर रही है, वह कांग्रेस के लिए चिंता का कारण होना चाहिए।

भारतीय कानून से परे है ऑन लाइन लॉटरी का मायावी जाल

एम. वाई. सिद्दीकी - 2014-09-23 15:41
भारत में पहले नंबरी लॉटरी का खेल खेला जाता था, जिसमें लोग अपनी गाढ़ी कमाई गंवाकर अपना भाग्यशाली नंबर ढूंढ़ते फिरते थे। सरकारी प्रयास जब राजनीति की भेंट चढऩे लगे तो आखिरकार न्यायालय के सख्ती के बाद नंबर का भाग्यशाली गेम बंद तो हुआ लेेकिन तकनीकी तरक्की ने लुटेरों को भारतीय कानून से परे एक ऐसे खेल को खेलने का अवसर दे दिया, जिसमें आज पढ़े लिखे युवा अपनी कमाई अरबपति बनने के चक्कर में गंवा रहे हैं। राज्य सरकारों द्वारा सार्वजनिक इश्तहार देने के बावजूद भी भोले भाले लोग ऑन लाइन लॉटरी के जाल में फंसते जा रहे हैं। यह अपराध चूंकि देशों की सीमा से परे है, इसलिए किसी देश के कानूनी पंजे उन्हें आसानी से पकड़ नहीं पाते, हमारा देश भारत भी इस मामले में फिसड्डी ही है।
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भाजपा मतदाताओं का समर्थन हमेशा नहीं पा सकती

कांग्रेस को स्थानीय स्तर पर नेतृत्व उभारना चाहिए
हरिहर स्वरूप - 2014-09-23 01:25
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, असम और पश्चिम बंगाल के उपचुनावों के नतीजों के क्या संदेश हैं? एक सबसे कड़ा संदेश तो यह है कि मोदी की लहर अपनी गति खो रही है। पहले उत्तराखंड में भाजपा हारी। उसके बाद बिहार के उपचुनावों मंे भी उसकी दुर्गति हुई। और अब कुछ अन्य राज्यों में भी भाजपा की ऐसी तैसी हुई। यानी भारतीय जनता पार्टी धीरे धीरे अपना समर्थन खोती जा रही है। उत्तराखंड की सभी तीनों सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई थी। लालू और नीतीश का गठबंधन भाजपा पर भारी पड़ा था। कांग्रेस के साथ मिलकर उन्हें 10 में से 6 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। यदि यह प्रवृति जारी रही, तो हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का काम कठिन हो जाएगा।
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संघ के समर्थकों का शैक्षिक संस्थानों में हुड़दंग

भाजपा के नेताओं ने साध रखी है चुप्पी
एल एस हरदेनिया - 2014-09-23 01:17
भोपालः प्राचीन नगरी उज्जैन, जहां श्रीकृष्ण, उनके भाई बलराम और और दोस्त सुदामा ने शिक्षा प्राप्त की थी, अभी गलत कारणों से मीडिया की सुर्खियों में थी। वहां गुरू पर शिष्यों के हमले हो रहे थे। वे शिष्य अपने आपको हिन्दू धर्म के योद्धा कहते हैं। पुलिस के अनुसार, पिछले 15 सितंबर को 30 से 40 लोग, जो अपने आपको विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकत्र्ता बता रहे थे, उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कौल के दफ्तर में घुस गए और उनके साथ बदतमीजी करने लगे।
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भाजपा के सामने कठिन चुनौती

विधानसभा चुनावों में होगी पहली परीक्षा
कल्याणी शंकर - 2014-09-19 11:49
चुनाव का मौसम एक बार फिर शुरू हो रहा है। चार महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ये चार राज्य हैं हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर व झारखंड। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद ये पहले बड़े चुनाव हैं। भारतीय जनता पार्टी के लिए इन चुनावों में बेहतर करना बहुत जरूरी है, क्योंकि पिछले कुछ उपचुनावों में उसकी स्थिति अच्छी नहीं रही है। पहले उत्तराखंड के उपचुनावों में उसकी हार हुई। फिर बिहार में उसको पराजय का सामना करना पड़ा। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी उसे मुंह की खानी पड़ी। गुजरात में भी तीन सीटों पर उसके उम्मीदवार हारे। इसके कारण पार्टी की प्रतिष्ठा को झटका लग रहा है। हालांकि पश्चिम बंगाल में उसके एक उम्मीदवार की जीत और दूसरे की दूसरे स्थान पर आने से उसे कुछ संतोष भी प्राप्त हो रहा है।