भारत
कोरी कल्पना और धोखा का नमूना है संजय बारू की यह किताब
- 2014-05-04 14:35 UTCयह कोरी कल्पना कथा उस परी कथा से भी चार मील आगे है जिसमें कथाकार का परिचय कभी किसी परियों की रानी या राजकुमार से नहीं हुआ। जी हां, हम उसी प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब के बारे में बात कर रहे हैं जो आत्मशुद्घि के नाम पर अपने आप को भी धोखा देते हुए अवसरवादिता का परम उदाहरण पेश किया है। यूपीए-1 में चार वर्षों तक प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार/प्रेस सचिव रहे संजय बारू ने अपनी कुंठा को प्रदर्शित करते हुए मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री पद पर हुई ताजपोशी को अपनी मिथ्या का हथियार बनाते हुए झूठी, कोरी और अकथनीय कल्पना सामने लाने का कार्य किया है। किताब में लिखित तथ्य तर्क-वितर्क के जाल में उन्हें ही जकड़ लिया है।