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भारतीय जनता पार्टी को नये साथी नहीं मिल रहे

अपने 182 सीट के रिकॉर्ड के पास पहुंचना भी उसे होगा कठिन
हरिहर स्वरूप - 2014-01-06 13:04
लोकसभा के आम चुनाव अब तीन महीने ही दूर हैं। उसके बाद क्या स्थिति होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। कांग्रेस की सरकार बनने के कोई आसार नहीं दिख रहे। भाजपा की सरकार बनने पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े हो गए हैं। अब दोनों के बीच इस बात को लेकर मुकाबला होना है कि उनमें से कौन लोकसभा चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती है। यदि हम भारतीय जनता पार्टी को पिछले 4 लोकसभा चुनावों में मिली सफलता का आकलन करें, तो पाते हैं कि इस बार पार्टी को 1998 और 1999 में मिली 182 सीटों से ज्यादा सीटें मिल पाना आसान नहीं होगा।

जापानी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा

परमाणु ऊर्जा पर समझौता हो सकता है
नित्य चक्रबर्ती - 2014-01-04 10:57
इसी महीने जनवरी में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे की भारत यात्रा हो रही है। भारत इस यात्रा को खास महत्व दे रहा है। इसका खास महत्व भी है। सबसे पहली बात तो यह है कि परमाणु ऊर्जा सहयोग पर दोनों देशों के बीच सहमति की उम्मीद है। दूसरी बात यह है कि इस दौरे के कारण भारत में जापानी निवेश को जबर्दस्त बढ़ावा मिलेगा। खासकर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर काफी लाभान्वित होंगे और उनमें भी सड़क और रेल परिवहन को खास फायदा होगा। दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है और भारतीय अधिकारियों को उम्मीद है कि भारत और जापान की जनवरी, 2014 की घोषणा ऐतिहासिक होगी।

अनिश्चितता का साल होगा 2014

राजनैतिक चक्र तेजी से चलेगा
कल्याणी शंकर - 2014-01-03 12:17
साल 2014 एक अनिश्चितताओं का साल होगा। इनकी घटनाओं के बारे में अभी से दावे से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। सच तो यह है कि इसके बारे में अनुमान लगाना भी खतरे से खाली नहीं है। इसका कारण यह है कि राजनैतिक और आर्थिक मोर्चे पर आज अभूतपूर्व अनिश्चय बना हुआ है और उसके साथ विदेश नीति और विदेशों से हमारे संबंधों पर भी अनिश्चय के बादल मंडरा रहे हैं।

आप क्या तीसरा विकल्प बन सकती है?

हिंदी प्रदेशों में इसकी जमीन तैयार है
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-01-02 10:43
दिल्ली में अपनी सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता आगामी लोकसभा चुनाव मे ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार खड़ा करने की बातें कर रहे हैं। दिल्ली देश की राजधानी है और यहां घटी इस एक अभूतपूर्व घटना का असर देश भर में पड़ना स्वाभाविक है। यही कारण है कि देश भर में, खासतौर से हिंदी प्रदेशों मे आम आदमी पार्टी को लेकर खासा उत्साह बन गया है और इसमें शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग आॅनलाइन पंजीकरण कराने मे लगे हुए हैं।

अखिलेश पर भारी दबाव, पर मुख्यमंत्री विवश हैं

प्रदीप कपूर - 2014-01-01 12:14
लखनऊः अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भारी दबाव में हैं। उन पर इस बात को लेकर भारी दबाव है के लोकसभा चुनाव के पहले कुछ कर दिखाएं।

कांग्रेस का गंदा खेल जारी

नहीं सुधरने की खा रखी है इस पार्टी ने कसम
नन्तू बनर्जी - 2013-12-31 10:26
पिछले विधानसभा चुनावों में हिंदी के चार प्रदेशों मे कांग्रेस का सूफड़ा साफ हो गया। दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश में इसे भारी पराजय का सामना करना पड़ा। इसके बाद समझा जा रहा था कि कांग्रेस कुछ सीखेगी और अपने आपमें कुछ ऐसा सुधार करेगी, ताकि यह अपने भविष्य को सुरक्षित रख सके। पर हार के बाद उसने जो रवैया अपनाया है, उससे साफ लगता है कि उसने कसम खा रखी है कि वह न तो कुछ सीखेगी और न ही सुधरेगे।

देश की राजनीति में केजरीवाल का उदय

मोहभंग के माहौल में एक नये मोह का केन्द्र
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-12-30 12:30
अरविंद केजरीवाल दिल्ली का मुख्यमंत्री बन चुके हैं और देश की राजनीति में वे क्या गुल खिलाएंगे, इसके बारे में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। स्थापित नेताओं में अघिकांश ऐसे हैं, जो समझते हैं कि आम आदमी पार्टी का उदय जितनी तेजी से हुआ है, उसका अस्त भी उतनी ही शीघ्रता से होगा। पर वैसे लोग गलत भी हो सकते हैं।

तसलीमा नसरीन और ये काले दिन

दोनों ओर से धार्मिक सेंसरशिप
गर्गा चटर्जी - 2013-12-28 11:33
तसलीमा नसरीन ने एक टीवी सीरियल की कथा तैयार की। उस सीरियल का नाम रखा गया दुःसहबास। उसमें तीन बहनों की कहानी है। उनके साथ तरह तरह का व्यवहार समाज द्वारा किया जाता है। इस सीरियल में यह दिखाने की कोशिश की जानी थी कि भारतीय उपमहाद्वीप में महिलाओं की जिंदगी कैसी है और उन्हें किस तरह की परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है।

क्या केजरीवाल लोगों की उम्मीदों को पूरा कर पाएंगे?

कल्याणी शंकर - 2013-12-27 12:43
दो दशक पहले जब वीपी सिंह की सरकार केन्द्र की सत्ता में आई थी, तो मेरी उस समय के वित्त मंत्री मधु दंडवते जी से एक दिलचस्प बातचीत हुई थी। वित्तमंत्री तब किसानों के 10 हजार करोड़ रुपये के लोन को माफ करने के लिए बजटीय गुना भाग करने में लगे हुए थे। उनके लिए वह काम बहुत ही मुश्किल साबित हो रहा था। अब चूंकि उनकी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में कहा गया था कि उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद किसानों के लोन को माफ कर देगी, तो वैसा करना उनकी मजबूरी भी थी।

कांग्रेस और भाजपा की चिंताएं बढ़ी

आप ने तीसरे मोर्चे की आस बढ़ा दी है
अशोक बी शर्मा - 2013-12-27 12:40
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सफलता ने देश भर में तीसरे मोर्चे की सफलता की उम्मीदें बढा दी है। यह पार्टी मात्र एक साल नई है और यह दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। उसे दिल्ली विधानसभा में 28 सीटें मिली, जबकि भाजपा को 31 सीटें और उसके सहयोगी अकाली दल को एक सीट मिली। कांग्रेस का तो सूफड़ा ही साफ हो गया, जिसे मात्र 8 सीटें ही मिल पाईं। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा में मात्र 70 सदस्य होते हैं।