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भारतीय सूखा प्रबंधन पुस्तिका जारी

विशेष संवाददाता - 2010-01-04 17:00
नई दिल्ली: भारतीय सूखा प्रबंधन पुस्तिका आज यहां जारी कर दी गयी। आशा है कि यह पुस्तिका प्रशासकों, विशेषज्ञों तथा सूखा शमन और राहत कार्यक्रमों पर अमल करने वाले विशेषज्ञों और नागरिक समाज के लिए प्रभावी एवं व्यावहारिक मागर्दर्शिका सिद्ध होगी।

भारत 2012 में जैवविविधता पर रियो संधि-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा

विशेष संवाददाता - 2010-01-04 16:54
नई दिल्ली: जैव विविधता संधिपत्रि (सीबीडी) से जुड़े देशों का 11 वां सम्मेलन (सीओपी) अक्टूबर, 2012 में नयी दिल्ली में होगा। यह रियो पृथ्वी सम्मेलन की 20 वीं वर्षगांठ होगी और इसे रियो 20 सीबीडी सम्मेलन कहा जाएगा।
भारत

नई सरकारी इमारतें कम से कम तीन तारा स्तर की होंगी

विशेष संवाददाता - 2010-01-04 16:49
नई दिल्ली: सरकार ने हाल ही में फैसला किया है कि केन्द्रीय सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठानों की सभी नई इमारतें कम से कम तीन सितारा स्तर की होनी चाहिए। जहां जगह की सुविधा उपलब्ध हो, वहां इमारतें चार सितारा स्तर की भी बनाई जा सकती हैं।

आसान नहीं है अब भारतीय जड़ी-बुटियों का चोरी से पेटेन्ट कराना

एस एन वर्मा - 2010-01-04 13:01
नई दिल्ली। भारत के घने जंगलों और पहाड़ों में पाई जाने वाली बहुमूल्य जड़ी-बुटियों पर दुनिया के व्यापारियों की चोर नजरें वर्षों से लगी हुई हैं। प्रत्येक वर्ष अमेरिका और यूरोप आदि में स्थित पेटेन्ट कार्यालयों में भारत के लगभग दो हजार पौधों के अनधिकृत पेटेन्ट कराने की नाकाम कोशिशें की जाती है। जापान के नगोया में इस साल अक्टूबर में होने जा रही एक बैठक में इन जड़ी बुटियों के व्यापारिक उपयोग संबंधित देशों के नागरिकों द्वारा ही किए जाने केा ले कर अंतराष्ट्रीय प्रोटोकॉल स्वीकृत किया जाएगा। बायो पायरेसी को रोकने के लिए भारत में आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी और योग के लगभग दो लाख फामूर्ले सूचीबद्ध किए गए हैं।
भारत: आन्ध्र प्रदेश

तेलंगना विवाद पर संकट में सरकार

द्वितीय राज्य पुनर्गठन आयोग से समस्या और भी बढ़ेगी
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-01-04 09:51
अपने पहले कार्यकाल में मनमोहन सिंह सरकार संभल संभल कर चलती थी। वाम मोर्चे का अंकुश उसे किसी भी बड़े निर्णय लेने के पहले एक बार से ज्यादा सोचने के लिए मजबूर करता था। लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल में यह ज्यादा निरंकुश हो गई है। इससे इसका ही नुकसान हों रहा है। तेलंगना की समस्या आज यदि इसके गले की हड्डी बनी हुई है, तो इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार है।
भारत

झारखंड में शिबू सरकार

हार कर भी भाजपा क्यों जीती?
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-01-02 10:09
एक सप्ताह के राजनैतिक ड्रामे के बाद झारखंड में आखिरकार शीबू सोरेन की सरकार बन ही गई। इस चुनाव में कांग्रेस की सीटें बढ़ी हैं। सोरेन की पार्टी की भी सीटें बढ़ीं। भाजपा से बाहर निकले बाबूलाल मरांडी को 11 सीटें मिलीं। यदि लालू यादव और नीतीश कुमार को झारखंड की राजनीति के लिए अप्रासंगिक मान लें, तो झारखंड में सिर्फ और सिर्फ भाजपा की ही हार हुई है। भाजपा को पिछले 2005 के चुनाव में 31 सीटें मिली थीं। उसके कारण ही उसके सहयोगी जनता दल (यू) को 5 सीटें मिली थी। हम कह सकते हैं कि भाजपा का 36 सीटों पर वहां कब्जा था। इस चुनाव के बाद उसका कब्जा मात्र 20 सीटों पर ही रह गया है।

भारतीय सीमेंट उद्योग - अवसर और चुनौतियां

समीर पुष्प - 2010-01-01 17:09
सीमेंट ही वह गोंद है जो बुनियादी ढांचा क्षेत्र को खड़ा करता है और सीमेंट उद्योग का विकास प्रत्यक्ष रूप से बुनियादी ढांचा क्षेत्र विकास से जुड़ा हुआ है। भारत आज विश्व की दूसरी सबसे तेजी से बढ ऱही अर्थव्यवस्था है और सीमेंट एवं निर्माण क्षेत्र उसके प्रमुख उन्नायक हैं।
भारत

113 अधिकारियों के विरूद्ध बड़ा दण्ड लगाने की सिफारिश

विशेष संवाददाता - 2010-01-01 17:01
नई दिल्ली: अक्टूबर, 2009 के दौरान केन्द्रीय सतर्कता अयोग ने सलाह के लिए अग्रेषित 416 मामले निपटाये । आयोग ने 113 अधिकारियों के विरूद्ध बड़े दण्ड की कार्यवाही शुरू करने की सलाह दी है ।
भारत

सरकार व्यापक सूखा प्रबंधन नियमावली लाएगी

विशेष संवाददाता - 2010-01-01 16:49
नई दिल्ली: सरकार सूखा शमन के व्यावहारिक प्रबंधन राहत उपायों पर एक नियमावली तैयार कर रही है जिसे शीघ्र ही जारी किया जाएगा । यह जानकारी आज यहां आधिकारिक रुप से दी गयी है।
भारत: राजनीति

नये साल में कांग्रेस की चुनौतियां

भाजपा और वामदलों के कठिन दिन
कल्याणी शंकर - 2010-01-01 10:48
नया साल कांग्रेस के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगा। 2009 में कांग्रेस ने अच्छी सफलता पाई और केन्द्र में उसने दुबारा सरकार बनाई। उत्तर प्रदेश की उसकी सफलता उसके लिए खास मायने रखती है। 2010 में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है। यह चुनाव कांग्रेस के लिए इस साल की सबसे बड़ी चुनौती होगी। उसे यह तय करना होगा कि उसे बिहार में उत्तर प्रदेश की तरह वहां अपने दम अकेले चुनाव लड़ना है कि लालू- पासवान के साथ मिलकर उसे वहां चुनावी चुनौतियों का सामना करना है। उसके पास बिहार में एक विकल्प नीतीश कुमार की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का भी हो सकता है।