नई दिल्ली। भारत के घने जंगलों और पहाड़ों में पाई जाने वाली बहुमूल्य जड़ी-बुटियों पर दुनिया के व्यापारियों की चोर नजरें वर्षों से लगी हुई हैं। प्रत्येक वर्ष अमेरिका और यूरोप आदि में स्थित पेटेन्ट कार्यालयों में भारत के लगभग दो हजार पौधों के अनधिकृत पेटेन्ट कराने की नाकाम कोशिशें की जाती है। जापान के नगोया में इस साल अक्टूबर में होने जा रही एक बैठक में इन जड़ी बुटियों के व्यापारिक उपयोग संबंधित देशों के नागरिकों द्वारा ही किए जाने केा ले कर अंतराष्ट्रीय प्रोटोकॉल स्वीकृत किया जाएगा। बायो पायरेसी को रोकने के लिए भारत में आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी और योग के लगभग दो लाख फामूर्ले सूचीबद्ध किए गए हैं।