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भारत

कांग्रेस एनसीपी के बीच छायायुद्घ

महाराष्ट्र अथवा केन्द्र की सरकार को कोई खतरा नहीं
कल्याणी शंकर - 2010-02-12 11:48
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच छायायुद्ध चल रहा है, लेकिन इसके कारण न तो महाराष्ट्र की सरकार को कोई खतरा है और न ही केन्द्र की सरकार को। दोनों एक दूसरे के ऊपर वार सिर्फ अपना महत्व दिखाने के लिण् कर रहे हैं। वह वार चिकोटी काटने जैसा वार है। दोनों बस एक दूसरे को यह बता देना चाहते हैं कि उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। इसके अलावा मुंबई के स्थानीय निकाय के चुनाव भी इसी साल होने वाले हैं। उस चुनाव के कारण भी दोनों एक दूसरे को शह देने का काम कर रहे हैं।
भारत

सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों के विकास पर कार्यबल की रिपोर्ट

विशेष संवाददाता - 2010-02-11 12:38
एमएसएमई पर कार्यबल की रिपोर्ट में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के विकास और संवर्धन की रूपरेखा दी गई है। कार्यबल के अध्यक्ष श्री टी.के.ए. नायर ने प्रधानमंत्री को यह रिपोर्ट सौपी। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों के मंत्री श्री दिनशा पटेल, सचिव (एमएसएमई), श्री दिनेश राय, सचिव योजना आयोग श्री अरूण मैत्रा और कार्यबल के सदस्य उपस्थित थे।

भारत में संपोषणीय नगरों का निर्माण

तसनीम एफ खान - 2010-02-11 11:56
जनगणना, 2001 में लगाए गए अनुमान के अनुसार भारत की एक अरब 2 करोड़ 80 लाख की जनसंख्या में से करीब 28 करोड़ 50 लाख लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, जो कि कुल जनसंख्या का 27.82 प्रतिशत है । इसके अतिरिक्त, भारत के महारजिस्ट्रार ने वर्ष 2006 में अनुमान लगाया था कि 2011 में अगली जनगणना होने तक शहरी जनसंख्या में करीब 7 करोड़ 20 लाख की और वृद्धि हो जाएगी और अगले 25 वर्षों में देश की 67 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रहने लगेगी ।
भारत

शाहरुख प्रकरण के सबक: अभिनेता राजनीति से बचें

उपेन्द्र प्रसाद - 2010-02-11 11:46
शाहरुख खान की नई फिल्म को दिखाने पर छिड़ा विवाद राजनीति के पतन का एक और उदाहरण है। इससे यही पता चलता है कि देश की राजनीति फिल्मों के इर्द गिर्द घूमने लगी है। फिल्मों और फिल्मी कलाकारों को केन्द्रित यह राजनीति अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। एक फिल्म के प्रदर्शन को राज्य और केन्द्र सरकार प्रतिष्ठा का विषय बना ले और उसके लिए सारा पुलिस बल को झोंक दे इससे बुरा और क्या हो सकता है।
भारत

कांग्रेस का इशारा: पेट्रोल, गैस व डीजल के दाम बढेंगे

एस एन वर्मा - 2010-02-10 16:29
नई दिल्ली। मंहगाई की मार से पस्त जनता को केंद्र सरकार एक और झटका देने जा रही है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ाने की सिफारिश करने वाली पारिख समिति की रिपोर्ट पर अपने गठबंधनवाली पार्टियों से सहमति लेने के बाद सरकार इसे आंशिक लागू करने जा रही है। कांग्रेस ने आज इस बात की पुष्टि कर दी है कि ज्यादा नहीं लेकिन थोड़ा बहुत पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम बढ़ सकते हैं।

झारखंड कैबिनेट की बैठक, डीजल दो रुपया महंगा हुआ

हिंदुस्थान समाचार - 2010-02-10 13:05
रांची। राज्य सरकार ने सूबे में डीजल पर वैट की दरों में बढोत्तरी कर दी है। इससे डीजल की दर में डेढ़ से दो रुपये तक की बढ़ोत्तरी हो जायेगी। इसके साथ ही २६ फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ होगा। सत्र २७ मार्च तक चलेगा।
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महंगाई के विरोध में सड़कों पर उतरी भाजपा

हिंदुस्थान समाचार - 2010-02-10 12:47
नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई पर सरकार के बेबस दिखने के बाद भाजपा समर्थकों ने बुधवार को जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया।
केन्द्रीय मंत्रियों और मुख्य मंत्रियों को पत्र

सरकारी भवनों और वेबसाइटों को 2010-11 तक शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों की पहुंच के लायक बनायें

विशेष संवाददाता - 2010-02-09 19:14
नई दिल्ली: सामाजिक न्याय एवं सशक्त्तीकरण मंत्री श्री मुकुल वासनिक ने राज्य के मुख्यमंत्रियों और सभी केन्द्रीय मंत्रियों से अनुरोध किया है कि वे शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संधिपत्र के प्रावधान से संबंधित "पहुंच की क्षमता" को विशेष प्राथमिकता से और समयबद्ध तरीके से लागू करें।

वायलार रवि के कल मध्यरात्रि तक विशेष विमान से चेन्नई पहुंचने की उम्मीद

विशेष संवाददाता - 2010-02-09 19:08
भारत सरकार ने प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री श्री वायलार रवि को विशेष विमान से भारत लाने की व्यवस्था की है और उनके बुधवार मध्यरात्रि तक आबिदजान से चेन्नई पहुंच जाने की आशा है। विमान में आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं भी मौजूद होगीं।

वर्षा जल संचयन और भू-जल संभरण के जरिए पेयजल सुरक्षा

विशेष संवाददाता - 2010-02-09 19:04
जल अधिकार और पारंपरिक जल संचयन का भारत में लंबा इतिहास रहा है। पारंपरिक जल संचयन प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि लोगों को खुद इनका निर्माण करने और प्रबंधन करने का अधिकार है। देशभर में इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि ऐतिहासिक काल में जल-तंत्रों के प्रबंधन , यहां तक यदि वे सरकार की मदद से बने हों तो भी, एवं उनके जल के वितरण की पूरी अंतिम जिम्मेदारी स्थानीय लोगों पर डाल दी जाती थी।