Loading...
 

View Articles

आम चुनाव 2024 भारत में फासीवाद के आगमन के खिलाफ एक ऐतिहासिक लड़ाई

2019 में महुआ मोइत्रा की चेतावनी के संकेत पांच साल बाद और अधिक मुखर
नित्य चक्रवर्ती - 28-03-2024 10:51 GMT-0000
इस साल 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होने वाले 18वें लोकसभा चुनाव ने 1951-52 में पहले लोकसभा चुनाव के आयोजन के बाद से भारत में संसदीय लोकतंत्र के पिछले 73 वर्षों के कामकाज में ऐतिहासिक महत्व प्राप्त कर लिया है। पिछले दस वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय संविधान के मूल आधार को नष्ट कर दिया है और विपक्ष-मुक्त लोकसभा चुनावों की सुविधा के लिए अपने अधिनायकवाद को बढ़ाया है।

भाजपा से मुकाबले के लिए इंडिया ब्लॉक में अधिकतम एकता जरूरी

क्षेत्रीय दल मजबूत हैं लेकिन कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन करना होगा
कल्याणी शंकर - 27-03-2024 10:56 GMT-0000
मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा 16 मार्च को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद चुनावी घमसान शुरू हो गया है। मतदान 19 अप्रैल को शुरू होगा और 1 जून को समाप्त होगा। परिणाम 4 जून को घोषित किये जायेंगे। आखिर 2024 का लोकसभा चुनाव कौन जीतेगा?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को दी राष्ट्रीय चुनौती

क्या उनकी गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी को दिल्ली में फायदा मिल सकता है?
हरिहर स्वरूप - 26-03-2024 11:50 GMT-0000
एक लोकप्रिय भ्रष्टाचार-विरोधी स्टार, एक लोकलुभावन नेता से लेकर खुद भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझने, और शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख के बड़े समूह में एक और नाटकीय प्रकरण है।

भाजपा की राजनीतिक चाल और अरविंद केजरीवाल का कानूनी संघर्ष

दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा असर
सुशील कुट्टी - 23-03-2024 10:42 GMT-0000
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी अपील शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय से वापस ले ली। शीर्ष अदालत याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार थी जब केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपील वापस लेने की बाद की, जिसे सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल के वकील ने इसका इस्तेमाल "अदालत को गुमराह करने" के लिए किया था।

निचले स्तर के 50 फीसदी लोगों की रोजाना आय 198 रुपये से भी कम

पीएम मोदी की गारंटी अभी अरबपतियों के लिए, शेष विकसित भारत@2047 का इंतजार करें
डॉ. ज्ञान पाठक - 22-03-2024 10:54 GMT-0000
लोकसभा आम चुनाव 2024 की पूर्व संध्या पर, इस सप्ताह हमारे पास दो महत्वपूर्ण समाचार हैं - पहला, भारतीय दुनिया के सबसे दुखी लोगों में से हैं; और दूसरी बात, वायदा किये गये "अच्छे दिन" केवल देश के शीर्ष 10 प्रतिशत लोगों के लिए आये, जो 2022-23 में लगभग 3,758 रुपये प्रति दिन की औसत आय के साथ राष्ट्रीय आय का 57.7 प्रतिशत कमाने में सक्षम थे, लेकिन निचले 50 प्रतिशत लोग, जो केवल 15 प्रतिशत ही कमा पाये थे, उनकी औसत आय प्रतिदिन 198 रुपये से कम थी।

लोकसभा चुनाव में धन और बाहुबल पर अंकुश लगाना चुनौतीपूर्ण

चुनाव आयोग को अपने निष्पक्ष कार्यों से मतदाताओं में विश्वास जगाना होगा
कल्याणी शंकर - 21-03-2024 10:49 GMT-0000
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने 19 अप्रैल से शुरू होने वाले 18वें लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। उन्होंने चार प्रमुख समस्याओं की पहचान की है जो भारत के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को प्रभावित करती हैं। ये हैं: बाहुबल, धनबल, गलत सूचना और आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन। वे नये नहीं हैं।

भाजपा की वित्तीय शक्ति का एक छोटा सा हिस्सा है चुनावी बांड दान

सत्तारूढ़ पार्टी की संपत्ति के अन्य स्रोतों का भी खुलासा करने की आवश्यकता
नित्य चक्रवर्ती - 20-03-2024 10:57 GMT-0000
चुनावी बांड योजना 2017 के तहत दानदाताओं और सत्ताधारी दल के बीच लेन-देन भावना को देखते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सर्वोच्च न्यायालय का देर से ही सही जागना स्वागत योग्य है। सीजेआई 21 मार्च तक भारतीय स्टेट बैंक से सभी विवरण प्राप्त करने के लिए दृढ़ हैं क्योंकि एसबीआई बांड के कोड नंबरों की निहित महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने में देरी कर रहा है। एक बार जब यह बिना किसी विवरण को छिपाये एसबीआई द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, तो बांड खरीदार और राजनीतिक दल के लाभार्थी की पहचान हो जायेगी।

राष्ट्रीय चुनाव से ठीक पहले सीएए का कार्यान्वयन पूरी तरह से राजनीतिक

यदि यह अधिनियम जून में लागू होता तो भी कुछ छूट नहीं जाता
नन्तू बनर्जी - 19-03-2024 10:44 GMT-0000
पहली नज़र में 2019 का विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पूरी तरह से मानवीय प्रतीत हो सकता है। यह सरकार को 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी मुस्लिम देशों से भारत आये गैर-मुस्लिम प्रवासियों - जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शामिल हैं - के लिए नागरिकता प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक विशेष प्रावधान प्रदान करता है। हालाँकि, राष्ट्रीय चुनाव से ठीक पहले इसके कार्यान्वयन के लिए चुना गया समय इसे काफी उत्तेजक बनाता है। इस तथ्य को देखते हुए यह राजनीति से प्रेरित प्रतीत होगा कि संशोधित नागरिकता कानून ने पहले देशव्यापी राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों को आमंत्रित किया था, जिसके कार्यान्वयन में लगभग साढ़े चार साल की देरी हुई थी। लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले 11 मार्च को सरकारी अधिसूचना के खिलाफ विपक्षी दलों के नये विरोध प्रदर्शन को देखकर कुछ लोग आश्चर्यचकित हैं।

चुनावी बांड के भंवर में फंसे मोदी के लिए बनी है दक्षिण भारत की चुनौती

घोटाले के साये में हो रहा लोक सभा चुनाव, आगे की डगर में झंझावात संभव
सुशील कुट्टी - 18-03-2024 10:40 GMT-0000
भाजपा से नफरत करने वाले दक्षिणी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर उस चीज से पहचानते हैं जिसके बिना उनका मानना है कि भारतीय रह सकते हैं, जैसे चुनावी बांड, अयोध्या राम मंदिर, नागरिक संशोधन अधिनियम, भाजपा नेताओं की दबंगई, कानून के शासन नष्ट होना, आपे से बाहर हुए बुलडोजर आदि। सबसे बढ़कर, बड़ी संख्या में भारतीयों का मानना है कि वे नरेंद्र मोदी के लिए तीसरे कार्यकाल के बिना काम कर सकते हैं, जो आजकल "400 पार" की इतनी लापरवाही से बात करते हैं कि अधिकांश दक्षिणी लोग उनके पुतलों के साथ सड़कों पर उतरने को उत्सुक हैं।

चुनावी दान के बदले सरकारी लाभ देने की सर्वोच्च न्यायालय की आशंका सही

धन, प्रभाव, दबाव, निहित स्वार्थों का छायादार नेटवर्क था चुनावी बांड योजना
के रवीन्द्रन - 16-03-2024 11:42 GMT-0000
चुनावी बांड खरीदने वालों और सत्ता में बैठे लाभार्थी राजनीतिक दलों के बीच धन के बदले सरकारी सुविधा देने की सबसे बुरी आशंका, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना पर अपने फैसले में विस्तार से व्यक्त किया था, सच हो गयी है। यह पता चला है कि कुछ सबसे बड़ी बांड खरीद के पहले मोदी सरकार की जांच एजेंसियों की जबरदस्त कार्रवाई हुई थी।