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राष्ट्रीय राजनीति में गठबंधनों की भूमिका

क्या बन रही है संभावनाएं
योगेश कुमार गोयल - 2019-05-22 11:49
अंतिम चरण के चुनाव के बाद दिखाए गए लगभग तमाम एग्जिट पोल्स में जहां एनडीए की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने का दावा किया गया है, वहीं यूपीए सहित विपक्षी दल अभी हार मानने को तैयार नहीं है और उन्होंने विपक्षी एकता की असफल होती दिख रही कोशिशें एक बार फिर शुरू कर दी हैं। विपक्षी दलों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यही रही कि लाख प्रयासों के बाद भी वे आपसी एकता को कायम रखने में कामयाब नहीं हो पाए। दरअसल विपक्ष में जितनी पार्टियां हैं, उतने ही प्रधानमंत्री पद की दौड़ के दावेदार भी। यही वजह रही कि तमाम कोशिशों के बावजूद विपक्षी एकता साकार रूप नहीं ले सकी और इसी का खामियाजा उसे चुनाव परिणामों में भुगतना भी पड़ सकता है।

हिंदू भी क्यों नहीं हो सकता आतंकवादी?

इस जुमले से काम नहीं चलेगा कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता
अनिल जैन - 2019-05-21 11:02
आतंकवाद का कोई धर्म या जाति नहीं होती! इस घिसे-पिटे जुमले को तमाम नेता अक्सर दोहराते रहते हैं। मीडिया में भी इसका खूब इस्तेमाल होता है। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग भी इसका उच्चारण मौके-मौके पर करते रहते हैं, लेकिन इसी के साथ उनकी जुबान पर एक और जुमला चढा रहता है, वह है- ‘हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता।’ हाल ही अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने जब अपनी एक चुनावी सभा में कहा कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे हिंदू था, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी, तो उनके इस बयान पर तमाम हिंदुत्ववादी उबल रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कमल हासन के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। लेकिन इसी के साथ अगली ही सांस में वे यह कहना भी नहीं भूले कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता और जो आतंकवादी होता है, वह कभी हिंदू नहीं हो सकता।

एक्जिट पोल और उसके बाद

अब क्या करेंगे विपक्षी दलों के नेता
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-05-20 12:35
एक्जिट पोल एक बार फिर नरेन्द्र मोदी की सरकार बनवा रहा हैं। हालांकि एक्जिट पोल बहुत विश्वसनीय नहीं रह गए हैं। आमतौर पर वे गलत ही साबित होते हैं, लेकिन जब सारे के सारे एक्जिट पोल एक ही दिशा में इशारा करे, तो उन्हें नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता। जाहिर है, 23 मई को चुनावी नतीजा निकलने के पहले तक विपक्षी नेताओं की राजनैतिक गतिविधियां एक्जिट पोल के इन नतीजों से प्रभावित होती रहेंगी। ये नेता कहने को तो एक्जिट पोल को गलत मान रहे हैं, लेकिन इनके सच होने का डर भी तो उन्हें सता ही रहा है।

इस बार शाह और मोदी की जोड़ी फेल हो जाएगी

पिछले पांच साल में देश में विकास के नाम पर छलावा
राजु कुमार - 2019-05-18 19:14
देश की राजनीति पूरी तरह से बदल गई है। चुनाव में नफरत की राजनीति की गई। लेकिन कांग्रेस ने अपने विचारों एवं एजेंडा को नहीं छोड़ा। आज भी कांग्रेस सही मायने में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी है। 2019 का लोक सभा चुनाव 2014 से बिलकुल अलग है। पिछले पांच साल में विकास के नाम पर देश की जनता के साथ छल किया गया। 23 मई के चुनाव परिणाम यह दिखाएगा कि मोदी और शाह की जोड़ी फेल हो गई है।

प्रधानमंत्री का प्रेस कान्फ्रेंस जो हुआ ही नहीं

भारतीय लोकतंत्र के लिए निराशा की घड़ी
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-05-18 19:04
सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल गई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पांच साल के कार्यकाल में पहली बार प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करने वाले हैं। सोशल मीडिया से यह खबर पाकर टीवी चैनलों को न देखने की कसम तोड़कर अनेक पत्रकार चैनलों पर जम गए यह देखने के लिए कि प्रधानमंत्री से क्या सवाल किए जा रहे हैं और वे क्या जवाब दे रहे हैं। लेकिन निराशा ही हाथ लगी, क्योंकि प्रधानमंत्री वहां सिर्फ सशरीर उपस्थित थे। प्रेस कान्फ्रेंस उनका नहीं था, बल्कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का था। निम्नस्तरीय पत्रकारिता की अपनी ख्याति को बचाते हुए सभी चैनल बता रहे थे कि प्रधानमंत्री प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे हैं और पांच साल में पहली बार कर रहे हैं। प्रेस कान्फ्रेंस समाप्त हो गया और उसके पहले प्रधानमंत्री ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। वह मोदी का प्रेस कान्फ्रेंस इस मायने में था कि सवाल मोदीजी से ही पूछे जा रहे थे, लेकिन उन्होंने एक सवाल का भी जवाब नहीं दिया। उनसे पूछे गए सारे सवालों के जवाब पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने ही दिए।

आईपीएल का कारोबारी तमाशा

कहानी एक अवसादग्रस्त समाज की
अनिल जैन - 2019-05-18 19:00
इंडियन क्रिकेट लीग आईपीएल टुर्नामेंट के दौरान होने वाली सट्टेबाजी इस बार भी पांच लोगों की असामयिक मौत का कारण बनी है। आईपीएल के सट्टे में भारी नुकसान उठाने के बाद वाराणसी के एक व्यक्ति ने पहले अपनी तीन बेटियों को जहर खिलाया और फिर खुद भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली। दूसरी घटना मुरादाबाद की है, जहां एक व्यक्ति ने सट्टे में अपनी जमा पूंजी गंवा देने के बाद खुद को फांसी लगाकर जान दे दी। भारत में पिछले एक दशक से हो रहे इस सालाना टुर्नामेंट के दौरान इस तरह की खबरें हर साल आती हैं और टुर्नामेंट खत्म होने के बाद भी आती रहती हैं।

राष्ट्रीय मुद्दों के बजाय क्षेत्रीय मुद्दे ही चुनाव में हावी

पंजाब में किस करवट बैठेगा ऊंट?
योगेश कुमार गोयल - 2019-05-16 09:49
दिल्ली तथा हरियाणा में 12 मई को मतदान प्रक्रिया सम्पन्न हो जाने के पश्चात् अब सभी की नजरें पड़ोसी राज्य पंजाब पर केन्द्रित हो गई हैं, जहां चुनावी प्रक्रिया के अंतिम चरण में 19 मई को सभी 13 सीटों अमृतसर, आनंदपुर साहिब, भटिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, खडूर साहिब, लुधियाना, पटियाला तथा संगरूर के लिए 2.03 करोड़ मतदाता कुल 278 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। करीब दो तिहाई मतदाता ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं।

चन्द्रबाबू नायडु का उत्साह

अभी हमें नतीजे का इंतजार करना चाहिए
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-05-15 09:41
अभीतक लोकसभा के चुनाव भी पूरी तरह से संपन्न नहीं हुए हैं। मतगणना 23 मई को होगी, लेकिन उसके पहले से ही चन्द्रबाबू नायडू एक गैर भाजपा सरकार बनाने के लिए उत्साह से जुट गए हैं। उन्होंने 1996 में एक कुशल राजनैतिक प्रबंधक की छवि हासिल कर ली थी। उनके कुशल प्रबंधन के कारण अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार तेरहवें दिन ही गिर गई थी। तब उन्होंने चुनाव नतीजे आते ही कुछ क्षेत्रीय दलों का एक मोर्चा बना डाला था और उस मोर्चे को भाजपा विरोधी मोर्चे में तब्दील कर दिया था। यदि नायडू ने वह मोर्चाबंदी नहीं की होती, तो अकाली दल जैसी पार्टियों का समर्थन कर भारतीय जनता पार्टी अटल सरकार को बचा भी सकती थी, लेकिन अकाली दल भी तब चन्द्रबाबू नायडू के मोर्चे में आ गया था और फिर वे सभी दल संयुक्त मोर्चा बनाकर एक मंच पर आ गए और कांग्रेस के समर्थन से देवेगौड़ा की सरकार बन गई।

परदे के पीछे से चल रही है चुनावी जंग

हिमाचल में किसका लहराएगा परचम?
योगेश कुमार गोयल - 2019-05-14 08:51
कुल चार लोकसभा सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में 19 मई को मतदान होना है। 2011 की जनगणना के अनुसार 55673 वर्ग किलोमीटर में फैले इस हिन्दू बहुल राज्य की कुल आबादी 6864602 है, जहां 95.17 फीसदी हिन्दू तथा 2.18 फीसदी मुस्लिम हैं। कुछ जिलों में तो हिन्दुओं की आबादी करीब 98 फीसदी तक है और मुस्लिम एक फीसदी से भी कम हैं। यही कारण है कि इस प्रदेश से न कभी कोई मुस्लिम विधायक रहा और न ही सांसद। अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 1729252 है जबकि अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या 392126 है। राज्य में 20 हजार से भी ज्यादा गांव है और करीब 90 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। कुल 12 जिलों में विभाजित हिमाचल तीन डिवीजनों शिमला, कांगड़ा तथा मंडी में बंटा है। विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं जबकि लोकसभा की कुल चार सीटें हैं, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी तथा शिमला और इस प्रदेश में चुनावी मुकाबला सदैव भाजपा तथा कांग्रेस के बीच ही होता रहा है।

दुनिया का सबसे ताकतवर हेलीकाॅप्टर

दुश्मन के लिए काल बनेगा ‘अपाचे’
योगेश कुमार गोयल - 2019-05-13 08:34
भारतीय वायुसेना को अमेरिकी एयरोस्पेस कम्पनी ‘बोइंग’ द्वारा 22 अपाचे गार्जियन अटैक हेलीकाॅप्टरों में से पहला हेलीकाॅप्टर भारत को सौंपे जाने के बाद वायुसेना की ताकत में और इजाफा हो गया है। इन्हीं हेलीकाॅप्टरों का पहला बैच करीब दो माह बाद मिलने की संभावना है। इससे पहले इसी वर्ष 26 मार्च को चार हैवीलिफ्ट ‘चिनूक’ हेलीकाॅप्टर भी वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गए थे और 11 चिनूक मार्च 2020 तक मिलने की संभावना है। एमआई-17 जैसे मध्यम श्रेणी के भारी वजन उठाने वाले रूसी लिफ्ट हेलीकाॅप्टर भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही मौजूद हैं। कुछ माह पूर्व रूस के साथ भी 37 हजार करोड़ रुपये की लागत से मल्टी फंक्शन रडार से लैस एस-400 एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल प्रणाली का सौदा किया गया था, जो दुनियाभर में सर्वाधिक उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों में से एक है और वायुसेना के लिए ‘बूस्टर खुराक’ मानी जाती रही है।