दिल्ली में भारत जीत गया और नफरत हार गई
- 2020-02-11 10:50 UTCदिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी एक बार फिर विजयी हुई है। यह उसका कोई साधारण विजय नहीं है। एक मायने में यह 2015 वाली विजय से भी बड़ी है, क्योंकि उस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उतना जोर नहीं लगाया था, जितना इस बार लगा दिया। हां, यह सच है कि नरेन्द्र मोदी ने इस बार कम चुनावी रैलियां की। लेकिन इसका कारण यह था कि भारतीय जनता पार्टी नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा को दांव पर नहीं लगाना चाहती थी। उसे पहले ही दिन से पता था कि दिल्ली चुनाव की डगर उसके माकूल नहीं है, क्योंकि केजरीवाल सरकार का प्रदर्शन यहां बहुत ही शानदार रहा था। केजरीवाल का जादू चुनावी माहौल बनते ही लोगों के सिर पर चढ़ कर बोल रहा था कि शायद भाजपा को शून्य सीटों से ही संतोष करना पड़े। यही कारण है कि नरेन्द्र मोदी ने इस चुनाव में अपने आपको उस तरह नहीं झोंका, जिस तरह किसी भी विधानसभा चुनाव में अपने आपको झोंकने की उनकी आदत है।