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सिंधिया को प्रोजेक्ट करने के लिए डिनर डिप्लोमेसी

नये साल में प्रदेश कांग्रेस की राजनीति हो रही है गरम
एल. एस. हरदेनिया - 2020-01-18 11:10 UTC
भोपालः एक मंत्री द्वारा आयोजित रात्रिभोज से राज्य में एक प्रकार का राजनीतिक तूफान आ गया है। रात्रिभोज की मेजबानी गोविंद सिंह राजपूत ने की, जिन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रतिबद्ध अनुयायी माना जाता है। हालांकि राजपूत ने मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित सभी मंत्रियों को आमंत्रित किया था, लेकिन मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री नहीं आए। इस तथ्य ने डिनर को एक गुटीय घटना में बदल दिया।

अपना आधार मजबूत करने के लिए माया ने खेला ब्राह्मण कार्ड

भीम आर्मी की चुनौती का सामना करने के लिए नई रणनीति
प्रदीप कपूर - 2020-01-17 12:05 UTC
लखनऊः भीम आर्मी के चंद्रशेखर रावण के उदय और अपने समर्थन आधार में तीव्र क्षरण से त्रस्त बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने युवा रितेश पांडे को लोकसभा में बसपा का नेता नियुक्त करके आक्रामक ब्राह्मण कार्ड खेला है। लोकसभा चुनाव के बाद से शीर्ष से लेकर राज्य स्तर तक के पार्टी नेताओं में यह चैथा फेरबदल है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले सीएए की अधिसूचना गलत

मोदी सरकार को देश भर में हो रहे विरोध की परवाह नहीं
अरुण श्रीवास्तव - 2020-01-16 10:40 UTC
देशव्यापी विरोध के बीच, मोदी सरकार ने 10 जनवरी से प्रभावी नागरिकता संशोधन अधिनियम को अधिसूचित किया है। नरेंद्र मोदी के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि उनके पास लोगों की इच्छा का कोई सम्मान नहीं है और वे भारत के नागरिकों से मुठभेड़ करने के लिए तैयार हैं। भगवा एजेंडे को आगे बढ़ाने का उनका संकल्प इतना दृढ़ और महत्वपूर्ण है कि वह देश के लोगों का विरोध सहने के लिए भी तैयार हैं। मोदी सरकार का यह निर्णय स्पष्ट करता है कि उसके बारे में जो आशंका थी, वह सही है।

गृह निर्माण उद्योग पर संकट का साया

बद से बदतर हो रही है अर्थव्यवस्था
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-01-15 15:56 UTC
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर चारों तरफ से निराशाजनक खबरें आ रही हैं। आर्थिक विकास दर लगातार घटती जा रही है। अर्थव्यवस्था के कुछ मोर्चों पर तो विकास दर शून्य से भी नीचे जा रही है। इसका मतलब है कि जितना उत्पादन पिछले साल हुआ था, उससे भी कम उत्पादन उन क्षेत्रों में हुआ है। नकारात्मक विकास का मतलब स्पष्ट है कि इसके कारण लोगों की आय कम हो रही है और काम धंधे में लगे लोग भी लगातार बेरोजगार होते जा रहे हैं।

बीजेपी की सीएए समर्थक रैलियां प्रभावकारी थीं

आरएसएस के कैडर ने बनाए इन्हें सफल
एल एस हरदेनिया - 2020-01-14 12:01 UTC
भोपालः आर एस एस के पांच दिवसीय सम्मेलन के समापन के बाद दो बड़े शहरों - जबलपुर और इंदौर में नागरिकता संशोधन कानून के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन देखा गया। जबलपुर में शो का नेतृत्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर रहे थे। इंदौर शो कई मायनों में अनूठा था। इंदौर शो के आयोजकों ने दावा किया कि इसमें एक लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया था। लगभग हर प्रतिभागी राष्ट्रीय ध्वज लेकर चल रहा था। झंडे की मांग इतनी बड़ी थी कि अंतिम चरण में लोगों ने एक झंडे के लिए 500 से 1000 रुपये तक भुगतान किए।

दिल्ली में भाजपा के लिए आसान नहीं

केजरीवाल अपने काम पर मांग रहे हैं वोट
हरिहर स्वरूप - 2020-01-13 10:57 UTC
दिल्ली में आने वाले विधानसभा चुनावों के नतीजों की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी। अरविंद केजरीवाल दूसरा कार्यकाल पाने में सफल होते हैं, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। सच यह है कि दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बहुत कठिन लड़ाई प्रस्तुत करती है। आम आदमी पार्टी चाहेगी कि उसका काम खुद बोले और उसकी जीत का कारण बने। वर्तमान संकेतों के अनुसार, दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक टकराव होना है, जिसमें भाजपा एक मुख्यमंत्री चेहरे का नाम लेने से कतरा रही है। तीन राज्य सभा के चुनावों में शिकस्त पाने के बाद दिल्ली में भाजपा के लिए सत्ता-विरोधी सेंटिनेंट का लाभ उठाने का अवसर है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या दिल्ली में सत्ता विरोधी सेंटिमेंट है भी या नहीं। सच कहा जाय तो यह या तो है ही नहीं या अगर यह है भी तो बहुत ही कम है, जिसे देखने के लिए बहुत तीक्ष्ण नजर चाहिए।

ग्रामीण और शहरी भारत मोदी-शाह की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर

लाखों किसान और भूमिहीन मजदूर भारत बंद के आह्वान में शामिल हुए
अमरजीत कौर - 2020-01-11 12:19 UTC
8 जनवरी, 2020 को शहरी और ग्रामीण- पूरे देश का अभूतपूर्व संपूर्ण बंद वास्तव में एक ऐतिहासिक घटना है। अगर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली आरएसएस-नियंत्रित भाजपा सरकार अभी भी दीवार पर लिखे गए इबारत को नजरअंदाज करती है, तो यह उसके लिए एक बड़ी आपदा होगी, क्योंकि ऐसा करके वह अपनी कब्र खोद रही होगी। पूरा देश मोदी सरकार की सांप्रदायिक, विभाजनकारी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ खड़ा है। हमारी देश की आबादी के किसी भी हिस्से को ढूंढना असंभव होगा जो सरकार की नीतियों से प्रभावित और तबाह न हो।

महाराष्ट्र विधानसभा में जाति जनगणना

बिहार चुनाव में भी सुनाई देगी इसकी गूंज
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-01-10 11:23 UTC
महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक उस समय अवाक रह गए जब स्पीकर पटोले ने उनके सामने जनगणना से संबंधित प्रस्ताव रखा और विधानसभा को उस पर मतदान करने को कहा। वह प्रस्ताव सरकार की ओर से नहीं आया था। कार्य मंत्रणा समिति द्वारा भी उसे सूचीबद्ध नहीं किया गया था। विधानसभा का वह अधिवेशन सिर्फ एक दिन के लिए ही बुलाया गया था और उसमें संसद द्वारा अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लोकसभा और विधानसभा में मिल रहे आरक्षण को दस और साल के लिए बढ़ाने के फैसले का अनुमोदन करना मात्र था। संसद का वह फैसला संविधान का हिस्सा बन चुका है और महाराष्ट्र की विधानसभा का वह सत्र महज एक औपचारिकता थी।

सही साबित हो रही है तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा

विपक्ष के लिए 2020 का साल अहम है
नित्य चक्रवर्ती - 2020-01-09 11:07 UTC
पिछले साल 25 जून को, तृणमूल कांग्रेस की पहली बार लोकसभा सदस्य बनी महुआ मोइत्रा ने अपने पहले भाषण में सदन को मंत्रमुग्ध कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय राज्य फासीवाद का शुरुआती संकेत दिखा रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका में होलोकॉस्ट मेमोरियल संग्रहालय की मुख्य लॉबी में लगाए गए पोस्टर के आधार पर, मोइत्रा ने भारतीय संदर्भ के लिए प्रासंगिक सात संकेतों को चुना और भाजपा सदस्यों द्वारा लगातार की जा रही गड़बड़ियों के बीच इसकी अहमियत बताई।

सर्दी के सितम से नहीं, व्यवस्था तंत्र की काहिली से मरते हैं लोग

हर साल यह कहानी दुहराई जाती है
अनिल जैन - 2020-01-08 11:14 UTC
नया साल शुरू हो चुका है और उससे पहले शुरू हो गई कंपकपा देने वाली सर्दी। इस समय भी देश के विभिन्न इलाकों में शीतलहर कहर बरपा रही है, जिससे लोगों के मरने की खबरें भी आ रही हैं। अब तक अकेले उत्तर प्रदेश में ही 200 से ज्यादा लोग सर्दी की ठिठुरन से मौत की नींद सो चुके हैं। देश के अन्य इलाकों से भी भीषण सर्दी की वजह से लोगों के मरने की खबरें आ रही हैं। वैसे इस तरह की खबरें आना कोई नई बात नहीं है। कहीं भूख और कुपोषण से होने वाली मौतें तो कहीं गरीबी और कर्ज के बोझ से त्रस्त किसानों की खुदकुशी के जारी सिलसिले के बीच हर साल ही सर्दी की ठिठुरन, गरम लू के थपेडों और बारिश-बाढ से भी लोग मरते हैं।