भारत
बोडो समझौते के कारण हुआ असम में नरसंहार
परिषद क्षेत्र में आदिवासियों को वे नहीे चाहते
2014-12-31 11:35
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नेशलन डेमोक्रेटिक फ्रंट आॅफ बोडोलैंड के एक गुट ने आदिवासियों का नरसंहार किया और फिर आदिवासियों ने भी हिंसक प्रतिक्रिया की। इस हिंसा और प्रतिहिंसा में 90 लोग मारे जा चुके हैं। जिस गुट ने उस नरसंहार को अंजाम दिया, उसे संगबिजित गुट कहते हैं। फ्रंट के मुख्य धड़े ने 2005 में केन्द्र सरकार के साथ एक समझौता कर रखा है और उसके बाद से वहां संघर्षविराम की स्थिति कायम हो गई है। लेकिन संगबिजित के नेतृत्व में बोडो उग्रवादियों का एक धड़ा बागी हो गया है और उसके फिर बंदूकें उठा ली हैं। इसमें सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि स्वयं संगबिजित बोडो जनजाति का नहीं है, बल्कि वह मैदानी भाग के एक जनजाति समूह का है, जो कार्बी या पहाड़ी जनजाति का नहीं है।